कभी शराब बनाने वाली महिलाएं अब दीये, मोमबत्ती बनाकर कर रही हैं घरों को रोशन

Women who once made wine, are now making lamps, candles and illuminating homes

बाराबंकी l अगर मन में दृढ़ संकल्प और काम करने का जज्बा हो तो कोई ऐसा काम नहीं है जिसे किया नहीं जा सकता है, बाराबंकी के एक गांव में कभी शराब बनाकर बेचने वाली वाली महिलाएं अब मोमबत्ती एवं दीये बनाकर घरों को रोशन कर रही हैं। यही करके दिखाया है बाराबंकी जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी ने जो महिलाएं कभी कच्ची शराब बनाकर अपना जीवन यापन करती थी । वह अब मोमबत्तियां और दीये बनाकर घरों को तो रोशन कर ही रही हैं और प्रतिदिन करीब कम से कम 600 रुपये भी कमा रही हैं। गांव भी वही है और महिलाएं भी वहीं हैं, हर घर के बाहर जहां पहले शराब की भट्टियां जलती थी, लेकिन अब इन भट्टियों पर कच्ची शराब नहीं बल्कि मोम को पिघला कर मोमबत्तियां बना रही हैं।

उत्तर प्रदेश की राजधानी से सटे बाराबंकी जिले का चैनपुरवा गांव की महिलाएं जहां एक अरसे से कच्ची शराब बनाने और बेचने का काम करती आ रही थीं, लेकिन अब इस गांव में सब कुछ बदल चुका है और यह सब बदलाव जिले के पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अरविंद चतुर्वेदी की पहल से साकार हुआ है। सिर्फ एक सकारात्मक पहल से गांव के लोग अब न/न सिर्फ कच्ची शराब बनाने का काम छोड़ चुके हैं, बल्कि दीये और मोमबत्ती बना रहे हैं। यह काम मिलने से ये महिलाएं आज अच्छा पैसा भी कमा रही हैं।

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