
Weather Update: सच कहूँ/संदीप सिंहमार। हिसार। हरियाणा सहित उत्तर भारत में बेशक दक्षिण-पश्चिम मानसून ने एंट्री कर ली, लेकिन शुरूआत उम्मीद के मुताबिक नहीं हुई। हालांकि, कुछ जगह तेज बारिश की संभावना है। मानसून आने के बाद शुरूआती दिनों में मौसम सुहावना और आरामदायक बना रहने के बाद अब एक बार फिर उमस ने आमजन का जीना मुहाल कर दिया है। वहीं सांय आसमान में बादल उमड़ आए। पूर्व-पश्चिम ट्रफ रेखा अभी भी दिल्ली के दक्षिण में स्थित है। यह ट्रफ दक्षिण-पश्चिम राजस्थान में मौजूद एक चक्रवाती परिसंचरण को उत्तरी ओडिशा और पश्चिम बंगाल में सक्रिय एक अन्य परिसंचरण से जोड़ रही है।
मानसून के दौरान दिल्ली व हरियाणा में बारिश के लिए जरूरी है कि यह ट्रफ उत्तर की ओर खिसक कर दिल्ली के पास आ जाए और कुछ समय वहीं बने रहे, जिससे बारिश हो सके। इस प्रक्रिया में उत्तर पंजाब और पाकिस्तान के ऊपर एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जो ट्रफ के पश्चिमी छोर को उत्तर की ओर खींचेगा। दूसरी तरफ निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक मानसून की गति एक बार फिर धीमी हो गई है यही वजह है कि उत्तर भारत सहित महाराष्ट्र में भी संभावना के विपरीत बारिश कम हो रही है। बारिश और बादलों की अनुपस्थिति और अस्थायी हवाओं की दिशा में बदलाव के कारण अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो 15 जून 2025 के बाद सबसे अधिक है।
हरियाणा के 6 जिलों में बारिश | Weather Update
हरियाणा के गुरुग्राम, जींद, रोहतक, नूंह, सोनीपत और फरीदाबाद में शनिवार को तेज बारिश हुई। पंचकुला, चरखी दादरी व हिसार में बूंदाबांदी दर्ज की गई। मौसम विभाग ने झज्जर, रेवाड़ी, सोनीपत और सरसा में भी तेज हवाओं और गरज-चमक के साथ बारिश की चेतावनी जारी की है। वहीं दूसरी तरफ पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश जारी रहने के कारण यमुना व घग्गर नदी का जलस्तर बढ़ गया। करनाल में यमुना का जलस्तर बढ़ जाने से इंद्री और घरौंडा के यमुना से सटे क्षेत्र में प्रशासन ने निगरानी बढ़ा दी है। बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए यमुना किनारे भारी पत्थर बिछाने का कार्य करवाया जा रहा है, ताकि पानी के तेज बहाव से किनारों को टूटने से बचाया जा सके।