Gujarat Police: गांधीनगर। गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने एक बड़े जासूसी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जिन पर पाकिस्तान को संवेदनशील सैन्य जानकारी भेजने का गंभीर आरोप है। गिरफ्तार व्यक्तियों में एके सिंह शामिल हैं, जो भारतीय सेना में सूबेदार के पद पर कार्यरत थे और कुछ समय से गोवा में निवास कर रहे थे। दूसरी आरोपी रश्मणी पाल, केंद्र शासित प्रदेश दमन की निवासी है। एटीएस का कहना है कि दोनों आरोपी सीधे पाकिस्तानी एजेंसियों से संपर्क में थे और उनसे प्राप्त निर्देशों के आधार पर महत्वपूर्ण रक्षा सूचनाएँ साझा कर रहे थे। Gujarat News
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व 21 नवंबर को उत्तर प्रदेश, गुजरात और तेलंगाना एटीएस की संयुक्त कार्रवाई में इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) से जुड़े तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में कई हैरान करने वाले तथ्य उजागर हुए, जिनसे पाकिस्तान के साथ सीधा नेटवर्क सक्रिय होने की पुष्टि हुई।
जांच के दौरान उत्तर प्रदेश के शामली निवासी आतंकी मोहम्मद सुहैल के आवास से आईएसआईएस का काला झंडा बरामद किया गया, जबकि हैदराबाद के डॉक्टर मोहम्मद इस्हाक उर्फ डॉ. अहमद के ठिकाने से महत्वपूर्ण डिजिटल दस्तावेज मिले। Gujarat News
जाँच में यह भी सामने आया कि दो माह पूर्व सुहैल और उसका साथी आज़ाद, डॉ. अहमद तक एक पार्सल लेकर पहुंचे थे, जिसमें डेढ़ लाख रुपये नकद थे। यह राशि पाकिस्तान समर्थित एजेंटों द्वारा भेजी गई थी। बाद में एक अन्य पार्सल भी इन्हीं दोनों ने दिया था, जिसमें हथियार मौजूद थे। इसी सुराग के आधार पर गुजरात एटीएस ने डॉ. अहमद की गिरफ्तारी की और फिर सुहैल तथा आज़ाद को पकड़ा।
पूछताछ में आतंकी आज़ाद ने स्वीकार किया कि वह किसी बड़े हमले की योजना के लिए कश्मीर के बारामुला क्षेत्र गया था, किंतु असफल रहने पर वापस लौट आया। लौटते समय वह ट्रेन में एक व्यक्ति के संपर्क में आया और उसके साथ हरिद्वार पहुँचा, जहां उसने कई मंदिरों की रेकी की।
तीनों राज्यों की एटीएस इस पूरे नेटवर्क से जुड़े सहयोगियों और वित्तीय स्रोतों की पहचान में लगी हुई है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि पाकिस्तान से धन और हथियारों की आपूर्ति का यह तंत्र और अधिक विस्तृत हो सकता है, इसलिए जांच तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है। Gujarat News















