यूपी, पंजाब में बेचा जाता था गुरुग्राम में डोनेट हुआ खून

सेक्टर 56 पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज

सच कहूँ/संजय मेहरा
गुरुग्राम। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा अवैध कार्यों में संलिप्त रक्त केन्द्रों के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम के अंतर्गत हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने शनिवार को गुरुग्राम के सेक्टर-56 में सुशांत लोक-2 स्थित लायंस ब्लड सेंटर पर गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी की। विभिन्न अनियमितताओं को देखते हुए ब्लड सेंटर को तुरंत सील कर दिया गया। साथ ही सेक्टर 56 स्थित पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज करवा दी गई है। विज ने बताया कि हरियाणा की जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इस छापेमारी के दौरान खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों में एसडीसीओ गुरुग्राम परविंदर मलिक और डीसीओ अमनदीप चौहान ने काफी सनसनीखेज खुलासे किए हैं।

 जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा : अनिल विज

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि नियमों के अनुसार किसी भी ब्लड सेंटर पर मेडिकल अधिकारी की पूर्णकालिक तैनाती होनी चाहिए। उसकी मौजूदगी में ही डोनर सिलेक्शन और रक्त दाता के शरीर से रक्त लिया जाना चाहिए। यहां पर दर्शाया गया मेडिकल आॅफिसर डॉ. विपिन कथूरिया पालम विहार, गुरुग्राम स्थित विजया डायग्नोस्टिक सेंटर पर पैथोलॉजिस्ट के रूप में कार्य करता हुआ पाया गया। रक्तदाता रजिस्टर स्क्रीनिंग फॉर्म्स पर फर्जी हस्ताक्षर होना या थोड़े समय के लिए ब्लड सेंटर पर आकर एक साथ औपचारिकता पूर्ण करने के लिए भी कार्य पाया गया। प्राप्त दस्तावेजों में मेडिकल आॅफिसर का वेतन 60 हजार रुपये प्रतिमाह दिखाया गया, जबकि बैंक खाता स्टेटमेंट की जांच पर 25 हजार रुपये प्रति माह वेतन के तौर पर भुगतान किया गया है।

गुरुग्राम से लिया खून दूसरे शहरों बेचते थे

अनिल विज ने कहा कि हरियाणा के निवासियों का रक्त, रक्त शिविरों के माध्यम से दान में लेकर उत्तर प्रदेश के दूरदराज शहरों जैसे कि झांसी, कानपुर और पंजाब के शहरों में बेचना भी पाया गया है, जिसके एवज में 500 रुपये से लेकर 2000 तक रक्त और रक्त कॉम्पोनेंट्स के वसूले गए हैं। ऐसे ही दिल्ली स्थित एक रक्त भंडारण केन्द्र जिसको उपरोक्त दोषी ब्लड सेंटर देने के लिए आॅथराइज नहीं था, वहां पिछले 2 हफ्ते के दौरान 164 ब्लड कॉम्पोनेंट्स सप्लाई किए गए। खून और रक्त कॉन्पोनेंट्स यदि सड़क के माध्यम से सेकड़ों किलोमीटर दूर ट्रांसपोर्ट शिफ्ट किए जाएं तो कोशिकाएं टूट जाती हैं। रक्त और कॉम्पोनेंट्स असरहीन हो जाते हैं। इस सारे खेल के पीछे इस ब्लड सेंटर की कार्यकारी निदेशक स्वाति पत्नी दृश्यटम का हाथ है। सेक्टर-56 पुलिस थाना, गुरुग्राम में एफआईआर दर्ज करवा दी गई है।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here