शिकंजा: तपोवन विधानसभा में खालिस्तान के समर्थन में झंडे मामले में यूएपीए के तहत केस, पन्नू मुख्य आरोपी

Khalistan Flag Himachal

शिमला (एजेंसी)। कल सुबह तपोवन विधानसभा परिसर धर्मशाला के मुख्य द्वार और चहार दीवारी पर खालिस्तान के समर्थन में झंडे लगे मिले। इसके तुरंत बाद एक पुलिस अधिकारी को इसकी सूचना दी गयी जिसके बाद गेट और दीवारों से झंडे हटा दिए गए। वहीं इस मामले में खालिस्तानी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस के मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू को मुख्य आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने बयान जारी कर बताया है कि केस दर्ज करने के साथ ही सतर्कता भी बढ़ा दी गई है। राज्य की सीमाओं को सील कर दिया गया है और आने-जाने वालों पर नजर रखी जा रही है। इसके अलावा एडीजीपी, सीआईडी, आईजी, डीआईजी और सभी जिलों के एसपी को सतर्कता बरतने को कहा गया है।

मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने रविवार को राज्य के कांगड़ा जिले के धर्मशाला में तपोवन विधानसभा परिसर और उसके आसपास सुरक्षा कड़ी करने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा उच्च सुरक्षा उल्लंघन के बाद परिसर के प्रवेश द्वार पर खालिस्तान समर्थक झंडे पाए गए हैं। ठाकुर ने धर्मशाला में संवाददताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार विभिन्न राज्यों के साथ सीमाओं पर सुरक्षा की समीक्षा करेंगे। ठाकुर गृह मंत्रालय का प्रभार भी संभाल रहे हैं। उन्होंने इस घटना की निंदा की और कहा कि सुरक्षा में सेंध की जांच विशेष जांच टीम (एसआईटी) द्वारा की जाएगी और प्राथमिकी दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया है।

उन्होंने कहा कि अपराधियों को बहुत जल्द पकड़ा जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ठाकुर ने स्वीकार किया कि जब विधानसभा परिसर के अंदर पुलिस तैनात थी तब अपराधियों ने खालिस्तान के समर्थन के झंडे लहराए और दीवार पर भी नारे लिखे थे। उन्होंने कहा कि यह घटना रात के अंधेरे में हुई। विधानसभा परिसर के अंदर काफी जगह होने के कारण पुलिस को तैनात किया गया है। इसलिए पोस्टर को विधानसभा की दीवार और मुख्य द्वार पर चिपकाया गया है। सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है ताकि किसी भी तरह से अपराधियों का सुराग मिल सके और उन तक पहुंचा जा सके।

क्या है मामला

गौरतलब है कि रविवार सुबह तपोवन विधानसभा परिसर धर्मशाला के मुख्य द्वार और चहार दीवारी पर खालिस्तान के समर्थन में झंडे लगे मिले। इसके तुरंत बाद एक पुलिस अधिकारी को इसकी सूचना दी गयी जिसके बाद गेट और दीवारों से झंडे हटा दिए गए। कांगड़ा के पुलिस प्रमुख खुशाल शर्मा ने बताया कि यह शनिवार देर रात या आज सुबह की घटना है जब सुरक्षा बलों की तैनाती परिसर के अंदर थी। अब पुलिस ने विधान सभा मुख्य द्वार से खालिस्तानी समर्थक झंडों को हटा लिया है।

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