Elon Musk: मंगल ग्रह को लेकर एलन मस्क का बड़ा दावा, बताया कब तक बस जाएगी मानव सभ्यता?

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Elon Musk: मंगल ग्रह को लेकर एलन मस्क का बड़ा दावा, बताया कब तक बस जाएगी मानव सभ्यता?

Elon Musk: डॉ. संदीप सिंहमार। हमारा ब्रह्मांड रहस्यों से भरा पड़ा है। हमेशा कोई न कोई खोज होती रहती है, जिसके बारे में आमजन भरोसा भी नहीं कर पाता या कई बार ऐसे दावे किए जाते हैं,जो सोचने के लिए मजबूर कर देते हैं। स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने भी वर्तमान में मंगल ग्रह पर जीवन को लेकर कुछ ऐसा ही दावा किया है। यदि यह दावा पूरा हुआ तो मंगल ग्रह तक पहुंचाना इंसान के लिए जो अब तक एक सपना रहा है, वह पूरा होता नजर आएगा। मंगल ग्रह पृथ्वी के करीब का ग्रह है। इसके रहस्य जानने के लिए धरती पर बसने वाले इंसान ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक भी हमेशा उत्सुक रहते हैं। दुनिया भर में तकनीक के बादशाह माने जाने वाले एलन मस्क ने अभी है दावा किया है कि अगले पांच वर्षों में चालक दल से अलग लोगों को भी मंगल ग्रह पर भेजा जाएगा।

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10 वर्षों में तो पृथ्वी पर रहने वाले इंसानों को मंगल ग्रह पर पहुंच जाएंगे ही। उनका दावा है कि अगले 20 सालों में मंगल ग्रह पर निश्चित रूप से एक बड़ा शहर विकसित हो जाएगा। इसके साथ ही 30 वर्षों में वहां पूरी सभ्यता नजर आएगी। दरअसल एलन मस्क ने यह दावा अपने एक्स हैंडल पर किया है। उन्होंने अपने एक फॉलोअर का जवाब देते हुए मंगल ग्रह के बारे में यह जानकारी दी। जैसे ही उन्होंने इस जानकारी को साझा किया तो रिप्लाई करने वालों की लाइन लग गई। याद रहे कि एलन मस्क ने स्पेसएक्स की नींव 2002 में रखी थी। यह कंपनी लिक्विड प्रोपेलेंट रॉकेट को कक्षा में भेजने और अंतरिक्ष यात्रियों को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचाने वाली पहली निजी कंपनी है। इसकी स्थापना से एक साल पहले मस्क ने अपने मार्स ओएसिस प्रोजेक्ट के साथ लाल ग्रह को हरा-भरा बनाने की योजना की रूपरेखा तैयार की थी। एलन मस्क अंतरिक्ष को लेकर भविष्यवाणियां करने के लिए दुनियाभर के चर्चित चेहरा है।

महत्वाकांक्षी योजना है मंगल पर जीवन | Elon Musk

एलन मस्क मंगल ग्रह पर उपनिवेशीकरण की अपनी महत्वाकांक्षी योजनाओं के बारे में काफी मुखर रहे हैं। उनकी कल्पना है कि मनुष्य अगले तीन दशकों के भीतर मंगल ग्रह पर बसना शुरू कर देंगे, जिसका लक्ष्य लाल ग्रह पर आत्मनिर्भर शहर बनाना है। मस्क की टाइमलाइन रॉकेट तकनीक और अंतरिक्ष यात्रा में तेजी से हुई प्रगति पर आधारित है। स्पेसएक्स का स्टारशिप, एक पूरी तरह से पुन: प्रायोजित अंतरिक्ष यान है,जो इस दृष्टि का केंद्र है। स्टारशिप को एक स्थायी मानव उपस्थिति बनाने के लक्ष्य के साथ, बड़ी संख्या में लोगों और महत्वपूर्ण कार्गो को मंगल ग्रह पर ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

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चुनौतियों से भरा होगा मंगल ग्रह पर शहर बसाना

मंगल ग्रह का वायुमंडल पतला है, जिसमें मनुष्यों के सांस लेने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन की कमी है। गुंबददार आवास या भूमिगत रहने की जगह आवश्यक होगी। मंगल ग्रह पर ब्रह्मांडीय और सौर विकिरण से बचाव के लिए चुंबकीय क्षेत्र का अभाव है। आवासों में विकिरण परिरक्षण दीर्घकालिक अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण होगा। प्रारंभिक उपनिवेशवादी पृथ्वी से शिपमेंट पर भरोसा करेंगे, लेकिन लक्ष्य मंगल ग्रह के संसाधनों का उपयोग करना है। इसमें बर्फ से पानी निकालना और ग्रह के कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करके ईंधन का उत्पादन करना शामिल है। मंगल का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी का 38% है। कम गुरुत्वाकर्षण स्थितियों में मानव शरीर पर दीर्घकालिक प्रभाव अभी भी अज्ञात हैं। मंगल ग्रह ठंडा है, तापमान कभी-कभी भूमध्य रेखा पर शून्य से ऊपर लेकिन आमतौर पर बहुत नीचे बढ़ जाता है। थर्मल प्रबंधन और ऊर्जा स्रोत आवश्यक होंगे।

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मस्क का प्रारंभिक आधार

मस्क ने एक प्रारंभिक आधार बनाने का सुझाव दिया है,जो अंततः एक शहर में विस्तारित होगा। पूर्ण पैमाने पर उपनिवेशीकरण के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी और रणनीतियों को विकसित करने के लिए इसकी शुरुआत संभवतः छोटे, स्व-निहित आवासों से होगी।योजनाएँ कई सफल मिशनों,तकनीकी सफलताओं और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर निर्भर हैं। इसके अतिरिक्त, एक अलग, कठोर वातावरण में रहने के मनोवैज्ञानिक और सामाजिक पहलुओं पर भी ध्यान देने की आवश्यकता होगी। जबकि समयरेखा महत्वाकांक्षी और विभिन्न अनिश्चितताओं के अधीन है। मस्क की दृष्टि ने निस्संदेह मंगल ग्रह की खोज और उपनिवेशीकरण में रुचि और निवेश को तेज कर दिया है। यह देखना अभी बाकी है कि क्या अगले 30 वर्षों में मंगल ग्रह पर वास्तव में कई शहर बनाए जाएंगे? लेकिन स्पेसएक्स के प्रयास उन सीमाओं को आगे बढ़ा रहे हैं जिन्हें हम अंतरिक्ष अन्वेषण में संभव मानते हैं। यदि ऐसा हुआ तो यह अब तक का ब्रह्मांड का सबसे बड़ा आविष्कार साबित होगा।