जाति-धर्म की दीवार तोड़कर संगठित हों किसान: दीपेंद्र हुड्डा

Farmers should break the caste-religion barriers Dependra Hooda

मुजफ्फरनगर में जयंत चैधरी की लोकतंत्र बचाओ रैली में की शिरकत

  • दीपेंद्र ने पढ़कर सुनाया प्रियंका गांधी का संदेश
चंडीगढ़ (अनिल कक्कड़)। कांग्रेस सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि किसानों को जाति-धर्म की दीवार तोड़कर संगठित होना पड़ेगा। अगर किसान संगठित नहीं हुए तो वो सड़कों पर पिटेगा और उसकी फसल मंडियों में पिटेगी। बीजेपी सरकार ने ये दोनों ही काम शुरू कर दिए हैं। उसने किसान और उसकी फसल को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। वे यूपी के मुजफ्फरनगर में आरएलडी के पूर्व सांसद जयंत चौधरी द्वारा आयोजित ‘लोकतंत्र बचाओ’ रैली में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा से लेकर यूपी तक, हर जगह बीजेपी सरकार किसानों को सड़कों पर पीट रही है। किसान विरोधी 3 कानून लागू करके वो फसलों को मंडियों में पीट रही है। सांसद दीपेंद्र ने कहा कि बीजेपी सरकार का मकसद है कि वो हर उस आवाज को दबा दे जो गरीब, किसान और मजदूर के लिए उठती है। हाथरस के पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे जयंत चौधरी और उनके कार्यकर्ताओं पर हमला इसी की बानगी है। इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के साथ भी यूपी पुलिस ने बदसलूकी की। दीपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ भी यूपी पुलिस ने धक्का-मुक्की की थी। जबकि विपक्ष के इन तमाम नेताओं ने न कोई कानून तोड़ा और न ही कोई गुनाह किया। वो सिर्फ एक गरीब परिवार से मिलने उसके घर जाना चाहते थे। बावजूद इसके उन पर लाठियां बरसाई गर्इं।

प्रियंका गांधी ने की जयंत चैधरी पर हमले की निंदा

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी जयंत चैधरी पर हुए हमले को लेकर यूपी सरकार की कड़े शब्दों में निंदा की है। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रिंयका गांधी के संदेश को जनसभा में पढ़कर सुनाया। सांसद दीपेंद्र ने कहा कि जयंत चौधरी पर हमला लोकतंत्र पर हमला था। क्योंकि लोकतंत्र में सरकार से सवाल पूछना और जनमानस के मुद्दों को उठाना विपक्ष की जिम्मेदारी होती है। अगर सत्तापक्ष विपक्ष को सबक सिखाने की मानसिकता रखता है तो वो लोकतंत्र नहीं बल्कि तानाशाही है। राज्यसभा सांसद ने कहा कि बीजेपी की नीति शुरू से ही किसान विरोधी रही है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह किसानों के सर्वमान्य नेता रहे। 1979 में जब उन्होंने लाल किले से झंडा लहराया, तो देश का हर किसान खुश था। लेकिन बीजेपी सरकार ने 2014 में सत्ता संभालते ही चौधरी चरण सिंह के घर 12 तुगलक रोड को खाली करवाया। किसानों को तभी समझ जाना चाहिए था कि ये सरकार किसान विरोधी है।

किसान के योगदान को पूरी तरह भूली सरकार

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार किसान के अहसान और योगदान को पूरी तरह भूल गई है। जब देश ने अंग्रेजों से आजादी हासिल की थी तो 30 करोड़ भारतीयों के पास खाने के लिए अन्न तक नहीं था। लेकिन किसान ने अपनी अथक मेहनत से अन्न के भंडार भर दिए और आज वो 130 करोड़ भारतीयों का पेट भर रहा है। उस किसान को सशक्त करने की बजाय बीजेपी फूट डालो राज करो की नीति के तहत किसान-मजदूर को जाति-धर्म में बांटकर उन्हें कमजोर करने में लगी है।

 

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