वेद और गीता का शिक्षा में समावेश
हम सब हमारी संस्कृति ,सभ्यता और जीवन दर्शन बताने वाले आधार आध्यात्मिक ग्रंथों वेद, गीता आदि की चर्चा तो खूब करते है लेकिन क्या कभी किसी ने ये सोचा है कि आज के बदलते दौर में स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भी इसकी शिक्षा देनी चाहिए? शायद आज तक ऐसा चिं...
दुष्ट सर्प और कौआ
एक जंगल में एक बहुत पुराना बरगद का पेड़ था। उस पेड़ पर घोंसला बनाकर एक कौआ-कौव्वी का जोड़ा रहता था। उसी पेड़ के खोखले तने में कहीं से आकर एक दुष्ट सर्प रहने लगा। हर वर्ष मौसम आने पर कौव्वी घोंसले में अंडे देती और दुष्ट सर्प मौका पाकर उनके घोंसले में जाकर...
अब बच्चों को होगा प्रोडक्ट की गुणवत्ता का ज्ञान
भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित
शिक्षको को दी जा रही ट्रेनिंग
जिला के 50 राजकीय स्कूलों के शिक्षकों ने लिया कार्यक्रम में भाग
भिवानी (सच कहूँ /इन्द्रवेश)। भारतीय मानक ब्यूरो शाखा फरीदाबाद द्वारा भिवानी में एक विशेष क...
प्रसन्नता का कौशल | motivation
प्रसन्नता को लेकर दुनिया भर में कई प्रकार के द्वंद एवं अंतर्द्वंद है। भिन्न-भिन्न प्रकार के विचार और मत प्रसन्नता को लेकर हैं। इस गंभीर चिंतन का विषय है कि बहुत सारे लोग प्रकृति के नियमों की अज्ञानता के चलते ऐसा मानते हैं कि जब खुश होंगे तब कुछ सार्थ...
पहिये का अविष्कार
आज से 5 हजार और 100वर्ष पूर्व महाभारत का युद्ध हुआ जिसमें रथों के (pahiye ka avishkar) उपयोग का वर्णन है। जरा सोचिये पहिये नहीं होते तो क्या रथ चल पाता? इससे सिद्ध होता है कि पहिये का अविष्कार 5 हजार वर्ष पूर्व ही हो गया था। पहिये का अविष्कार मानव व...
अपनी बात कहना भी एक कला है
हमारे जीवन में बात करने या अपने पक्ष को प्रस्तुत करने के ढंग का बड़ा महत्त्व है, या यों कह लीजिये कि मनुष्य में वाक्य कौशलता एक सिद्धि है। जो मनुष्य बात करने की कला और महत्त्व को अच्छी तरह जानते-समझते हैं, वे अपनी बोलचाल की भाषा में उचित, सरल, नम्र और...
इन रौचक खेलों को भूले आज के बच्चे
नमस्कार दोस्तों, आज के आधुनिक युग में समय जैसे-जैसे आगे बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे हमारे देश के भविष्य कहलाने वाले बच्चे अपने आपको केवल मोबाइल फोन तक ही सीमित रखते जा रहे है, यहां तक कि बहुत से बच्चों को उनके माता-पिता द्वारा खेले जाने वाले पुरातन खेलो...
पिंजरे का बंदर
एक समय की बात है एक शरीफ आदमी था। उसके पास एक बंदर था, वह बंदर के जरिए अपनी आजीविका कमाता था। बंदर कई तरह के करतब लोगों को दिखाता था। लोग उस पर पैसे फेंकते थे, जिसे बंदर इकट्ठा करके अपने मालिक को दे देता था। एक दिन मालिक बंदर को चिड़ियाघर लेकर गया, बं...
नल का महत्त्व
कहानी लेखक: (उर्वशी)
चीकू खरगोश, मीकू बंदर, डंकू सियार और गबदू गधा एक मैदान में फुटबाल खेल रहे थे। तभी गबदू गधे ने एक जोरदार किक मारी तो फुटबाल हवा में लहराता हुआ मैदान के बाहर जा गिरा और उछलता हुआ पानी से भरे एक गड्डे में चला गया।
फुटबाल लाने मीकू...
ऐसे करें पढ़ाई पर अपना ध्यान केन्द्रित
आज बाह्य वातावरण में इतने अधिक ध्यान भंग करने वाले स्रोत हैं कि अपनी पढ़ाई पर सही रूप से स्वयं को केन्द्रित करना अति कठिन होता जा रहा है। विशेषकर किशोरावस्था में अत्यधिक उत्सुक लोग भी अपना ध्यान केन्द्रित नहीं कर पाते हैं। अति उत्सुकता एकाग्रता को खत्...
बच्चों को सिखाएं हार को भी स्वीकारना
बच्चों का मन कोमल और भावुक होता है। उन्हें समझने की जरूरत है और माता पिता से बेहतर उन्हें कौन समझ सकता है। अपनी आकांक्षाओं को उन पर लादने के बजाय उनका मन टटोलें। लगातार मिलने वाली हार से परेशान बच्चा कई बार निरूत्साहित होकर प्रयास करना ही छोड़ देता है...
माता-पिता की सीख का असर
सैंकड़ों साल पुरानी बात है। एथेंस (यूनान) के विश्वविख्यात तत्ववेत्ता जिस पाठशाला में पढ़ाते थे उसी में एक अत्यंत दरिद्र बालक किलेंथिस भी विद्या अध्ययन करता था। उसके कपड़े फटे-पुराने रहते, तथापि पढ़ाई के बदले दी जाने वाली दैनिक फीस वह नियमित चुकाता था। वह...
बच्चे को सिखाएं शेयर करना
कुछ बच्चों में देने की आदत जन्मजात होती है। उन्हें इसे सिखाना नंहीं पड़ता, लेकिन कुछ बेहद खुदगर्ज प्रवृत्ति लिए पैदा होते हैं। वे अपनी चीज किसी के द्वारा छू भर देने से हंगामा मचा देते हैं। जमीन में पसर जाते हैं। गला फाड़कर चिल्लाने, हाथ-पैर पटकने लगते ...
बच्चों को बनाएं समझदार और मिलनसार
ब च्चे अपने माता-पिता को देखकर ही सब कुछ सीखते है जैसे चलना-बैठना, बोलना, खाना-पीना इत्यादि। बच्चों के लिए उनके माता-पिता हमेशा उनके उदहारण होते हैं, कभी-कभी मुसीबत पड़ने पर वो उनके द्वारा बताए गए मार्गदर्शन का पालन भी करते हैं, और बच्चों को छोटी उम्र...
लालच का नतीजा
शेरसिंह एक कंपनी में काम करता था। आज वह उस कंपनी से रिटायर होने जा रहा था। उस कंपनी से रिटायर होने के उपलक्ष में कंपनी के आफिस में तैयारियां चल रही थीं। आफिस को खूब सुंदर से सजाया गया था। आफिस के कर्मचारी शेरसिंह को उपहार देने के लिए एक से बढ़कर एक ची...