नाच उठी हैं खुशी में रूहें ….
कार्तिक पूर्णिमा के शुभ दिन लिया सच्चे दाता रहबर साईं जी ने अवतार जी।
नाच उठी हैं खुशी में रूहें और सब दिलों में छाई उमंगों की अजब बहार जी।
नूरे खुदाई की हर अदा इलाही ओजस्वी वाणी व परम् सादगी अपार जी।
जिन मौला दाता ने कुल आलम को दिखाई जीने की सच्च...
सृष्टि की धुरी, सदा संभालें सन्त…
संत सनातन आदि युग, सृष्टी का आगाज।
संत सदा परहित रहें, सदा संवारें काज।
सदा संवारें काज, राज कहा तुलसी जी ने।
दीन्हे कानन हाथ, उन्हें हम भी नहीं चिन्हे।
उन बिन सब प्रलय गह्यो, सब विनशै सब अन्त।
‘बघियाड़’ सृष्टि की धुरी, सदा संभालें सन्त।।
स्वांती बूंद दर्श की देकर खत्म करी प्रतीक्षा…
इच्छा प्रति आपके, प्रतीक्षा में आहें!
पल प्रतिपल हरपल तुम्हें, अपलक निहारें राहें!
अपलक निहारें राहें, चाहें नयन चकोरे!
अपने रंग रंगरेज रंगो, हम रह जाएं न कोरे!
जो चाहो करवाते रहना, देना ऐसी शिक्षा!
स्वांती बूंद दर्श की देकर खत्म करी प्रतीक्...
बेइंतिहा खुशियाँ बहारें साथ लाए हैं MSG
मेरे साईं सतगुरु MSG दाता आएं हैं।
बेइंतिहा खुशियाँ बहारें साथ लाए हैं।
हम शहंशाह जी के पावन चरण कमलों में ये अर्ज करते हैं।
परमानेंट सदा हमारे साथ रहकर खुशियों के खजाने लुटाने की इल्तजा करते हैं।
बेपरवाह जी के पाक पवित्र अवतार दिवस का पावन M...
सूरज निकलने वाला है…
सूरज निकलने वाला है कि भोर हो रहा है
चिड़ियों का चहचहाना चहूं ओर हो रहा है
ये चिह्न हैं आगाज-ए-सनम के
और लोग कह रहे हैं कि शोर हो रहा है।
हर बात के पीछे कोई बात होती है-2
कोई पर्दानशीं होता है जब रात होती है।
कुछ हस्तियाँ ऐसी होती हैं कि
लाख ...
महक रहा है आलम दम-दम, रौनक लगी फिजाओं में … Saint Dr MSG
महक रहा है आलम दम-दम, रौनक लगी फिजाओं में।
यूं लगता है फूल बिखेरे, सृष्टि उनकी राहों में।
सृष्टि उनकी राहों में अब तोरण द्वार बनाए हैं।
दिल अजीज वो पिया हमारे, अहो भाग हैं आए हैं।
मद मय मानिन्द मलय पवन, छोह से उनकी बहक रहा।
हर्ष हिलोरें ...
कह रही है ये हवा, आ रहे शाहों के शाह
धरा पर आकाश नन्हीं बूंद क्यों बरसा रहा?
शीतल मंद समीर भी सुन!
सन-सन-सन कुछ गा रहा
धरा ने भी हरित परिधान क्यों धारण किया?
बन गई दुल्हन संवर के किससे ये घूंघट किया?
हरित हार श्रृंगार करके किसका इंतजार करती?
अलंकृत हो करके क्यों है खुशी का इजहार...
फिर हर शै होगी खुशी की…
क्या बयां! ला बया मोहब्बत का।
जन्नत सा सुकूं सोहबत का।
रूह से रूहानियत तक
इन्सां से इन्सानियत तक
नियती से लेकर हमारी निय्यत तक
सब नियत कर रखा है उसने
वो जो हमारा मुर्शिद है।
...उसी की
फिर हर शै होगी खुशी की...
संजय बघियाड़
अन्य अपडेट हास...
प्यासी रूहें.. पुकार रही हैं, पिया मेरे कब आओगे
प्यासी रूहें.. पुकार रही हैं, पिया मेरे कब आओगे
दर्शन की ये प्यास ओ रब्बा, आकर तुम्हीं बुझाओगे
तेरे दीवाने, तेरी राहों में फूल बिछाए बैठे हैें
ईद दिवाली साथ मनेगी, आस लगाए बैठे हैें
पतझड़ के इस मौसम में कब बहारें लाओगे??
प्यासी रूहें.. पुकार रही...
तुझे बाहों में भरने की हट लिए, बैठे हैं करोड़ों जिद्दी दिल | Saint dr Msg
दो जहां में तुझसा हुश्न नहीं है।
तेरी महफिल जैसा, जश्न नहीं है।
तू ही तो मेरी मंजिले, मकसूद है।
तुझसे अलग हमारा कोई मिशन नहीं है।
ये बहारें खिलती हैं तुम्हारी मुस्कुराहटों से।
करोड़ों हार्टबीट बढ़ जाती है कदमों की आहटों से।
तुझे बाहों में भ...
तेरे नूरानी दर्श दीदार को सब हैं बेकरार…
हे एमएसजी संगत ये तेरी सारी तेरे प्रेम प्यार की मारी
पलक बिझाये देख रही तेरे शुभागमन की प्यारी।
सच्चे सतगुरु साईं जी तुझे उड़ीक रही है सब जनता
हे सृजनहारे बच्चे तेरे प्यारों को कुछ और नही यहां जमता।
तेरे नूरानी दर्श दीदार को सब हैं बेकरार,
ते...
बच्चों के चुटकुले
Jokes
महिला : तुमने मेरे बेटे की पिटाई क्यों की?
मोटी महिला : उसने मुझे मोटी भैंस कहा था।
महिला : तो बहन, तुम्हें बेटे को पीटने के बजाय अपनी खुराक में कमी करनी चाहिए।
माँ बेटे से : बेटे, घर में कायदे से रहना चाहिए। तुम्हें मेरी हर बात माननी चाहिए...
व्यापारी का पतन और उदय-पंचतंत्र
वर्धमान नामक शहर में एक बहुत ही कुशल व्यापारी दंतिल रहता था। राजा को उसकी क्षमताओं के बारे में पता था जिसके चलते राजा ने उसे राज्य का प्रशासक बना दिया। अपने कुशल तरीकों से व्यापारी दंतिल ने राजा और आम आदमी को बहुत खुश रखा। कुछ समय के बाद व्यापारी दंत...
परेशानियां और उसका हल
Story: राजस्थान के एक गाँव में रहने वाला एक व्यक्ति हमेशा किसी ना किसी समस्या से परेशान रहता था और इस कारण अपने जीवन से बहुत दु:खी था।
एक दिन उसे कहीं से जानकारी प्राप्त हुई कि एक साधू अपने काफिले के साथ उसके गाँव में पधारे हैं। उसने तय किया कि वह स...
Rangoli Design: ऐसे रंगोली डिजाइन, जो देखे, देखता ही रह जाए!
Rangoli Design: दिवाली से जुड़ी महत्वपूर्ण परंपराओं में से एक है घर को रंग-बिरंगी रंगोली से सजाना। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि घर को कितनी खूबसूरती से सजाया गया है, दिवाली पर, रंगोली ही है जो सबसे अलग दिखती है और उसे उत्सव का उत्तम माहौल प्रदान करती ...