Foundation Day पर सच कहूँ की खास पेशकश: मानवता भलाई के बढ़ते गए कदम, बनते गए रिकॉर्ड

Foundation Day 2023

डेरा सच्चा सौदा के 75वें रूहानी स्थापना दिवस की वर्षगांठ पर विशेष

जब-2 पृथ्वी पर पाप बढ़ते हैं, तब-तब संत-सतगुरु इन्सान के चोले में अवतार धारण करते हैं और भूली-भटकी रूहों को पार उतारने के लिए (Foundation Day 2023) उन्हें समझाकर अपनी दया-मेहर, रहमत से वापिस निज धाम सतलोक ले जाने के काबिल बनाते हैं। काल के इस देश में आकर उसके चंगुल से उन्हें छुड़ाना, कोई आसान काम नहीं, क्योंकि काल भी अपना पूरा जोर लगाता है ताकि रूहें उसके चंगुल से निकल न सकें। काल संत-फकीर के मार्ग में तरह-2 की रुकावटें डालता है। लेकिन सच्चे संत अपनी मानवता भलाई की राह पर दृढ़ता से अटल रहते हैं। इसी के तहत पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां करोड़ों लोगों का नशा छुड़वा चुके है। आइयें जानते हैं डेरा सच्चा सौदा ने किस तरह आपदा प्रभावित लोगों की मदद की।

Foundation Day 2023

 

 

29 अप्रैल ,1948 को परम संत शाह मस्ताना जी महाराज द्वारा लगाए गए सच्चा सौदा रूपी इन्सानियत, रूहानियत के इस बूटे (पौधे) को परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज ने पाला-पोसा और पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने इसे बुलंदियों पर पहुंचाया तो काल के घर में स्यापा तो पड़ना ही था।

मर रही इन्सानियत को पुनर्जीवित करने की पूज्य गुरु जी की मुहिम में काल की ताकतों ने रोड़े ही नहीं अटकाए बल्कि इस मुहिम के मार्ग में झूठ के पहाड़ खड़े कर दिए। लेकिन काल की ताकतें गुरु जी को तो क्या उनके शिष्यों को भी तनिक सा विचलित नहीं कर पाई। गुरु जी की पावन शिक्षाओं के अनुसार उनके करोड़ों शिष्य आज भी अपने सतगुरु के दिखाए ‘इन्सानियत की सेवा’ के मार्ग पर दृढ़ता से चल रहे हैं।

यहां प्रकाशित ये कार्य तो मात्र प्राकृतिक आपदाओं के दौरान पूज्य गुरु जी के योगदान का संक्षिप्त सा विवरण है। इसके अतिरिक्त वेश्याओं को बेटी बनाकर उनकी शादी करवाना, शारीरिक तौर पर अपंग युवकों से आत्मनिर्भर युवतियों की शादी करवाना, निराश्रयों को मकान बनाकर देना, जीते जी गुर्दादान, मरणोपरांत अंगदान, शरीरदान इत्यादि पूज्य गुरु जी द्वारा चलाए जा रहे 156 बेमिसाल कार्य वाकई अद्भुत, अकल्पनीय अनुकरणीय एवं अवर्णनीय हंै।

डेरा सच्चा सौदा के 75वें रूहानी स्थापना दिवस पर | (Foundation Day 2023)

पूजनीय बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज ने डेरा सच्चा सौदा को सर्वधर्म संगम का सांझा दरबार बनाया, जहां हर धर्म-जाति, रंग, मजहब, भाषा के लोग एक जगह पर बैठकर परम पिता परमात्मा के नाम की चर्चा करते हैं। डेरा सच्चा सौदा विभिन्न संस्कृतियों की रंग-बिरंगी फुलवाड़ी है, जो इस बात का संदेश देती है कि सारी खलकत को एक ही परमात्मा ने बनाया है।

धर्मों के रास्ते अलग-अलग हैं लेकिन सबकी मंजिल एक ही (परमात्मा) है। कोई बड़ा-छोटा या पराया नहीं। डेरा सच्चा सौदा आपसी भाईचारा, प्रेम-प्यार का संदेश देता है। यहां इन्सानियत का पाठ पढ़ाया जाता है। रब्ब के रास्ते पर नफरत, ईर्ष्या, द्वेष के लिए कोई जगह नहीं। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का शुभ नाम भी डेरा सच्चा सौदा के सर्वधर्म संगम का प्रतीक है।

अद्भुत, अनुकरणीय, अकल्पनीय | (Foundation Day 2023)

अप्रैल सन 1948 को बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज ने जीवोद्धार के लिए डेरा सच्चा सौदा की स्थापना की। तब से लेकर आज तक डेरा सच्चा सौदा ने मानवता भलाई में विश्व भर में अपनी अलग पहचान बनाई है। पूजनीय बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज के हुक्मानुसार पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज ने डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत में सेवा, सद्भावना की अनोखी अलख जगाई, जिससे लाखों लोग इंसानियत के रास्ते पर अडोल चलने लगे। वर्तमान में पूज्य संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन मार्गदर्शन में इंसानियत के पथ पर आगे बढ़ने का कार्य दिन-दोगुणी और रात-चौगुणी गति से चल पड़ा।

पूज्य गुरू जी द्वारा स्थापित की गई शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग ने ऐसी स्वयंसेवी संस्था के रूप में पहचान बनाई जो देश-विदेश में कहीं भी कोई भी विपत्ति आती है  (Foundation Day 2023) तो पहली कतार में मदद के लिए खड़ी तैयार मिलती है। फिर चाहे गुजरात का भूकंप हो, राजस्थान, उड़ीसा का सूखा, देश-विदेश में सुनामी हो, उत्तराखंड, जम्मू या हरियाणा-पंजाब में बाढ़ हो, हर प्राकृतिक आपदा में सबसे पहले पहुंच कर पीड़ितों की हर संभव मदद डेरा सच्चा सौदा की शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग द्वारा की गई है, यह इतिहास में दर्ज है। वहीं मौजूदा समय में जारी कोरोना महामारी में भी डेरा सच्चा सौदा के सेवादार एवं शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सदस्य लगातार समाज में राहत एवं बचाव सामग्री वितरित कर रहे हैं।

भारत में कोरोना | (Foundation Day 2023)

पूरी दुनिया जब कोरोना वायरस की वजह से लाकडाउन में थी और हर जगह जरूरतमंद लोगों के लिए खाने-पीने की वस्तुओं की भारी किल्लत सामने आ रही थी। भारत में बेशक केंद्र और राज्य सरकारें भरसक प्रयास कर रही थी कि हर जरूरतमंद, मजदूर-किसान, गरीब, अनाथ बच्चे इत्यादि को खाना मुहैया करवाया जाए, लेकिन हर जरूरतमंद तक पहुंच पाना सरकारों के बस की भी बात नहीं थी।

दुनिया भर में इंसानियत के कार्यों में हमेशा अव्वल रहने वाली संस्था डेरा सच्चा सौदा इस बार भी मदद मुहैया करवाने वाली संस्थाओं में प्रथम पंक्ति में शुमार रही और डेरा सच्चा सौदा के सेवादार हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल, यूपी, उत्तराखंड, दिल्ली व चंडीगढ़ (यूटी) इत्यादि राज्यों में लगातार जरूरतमंदों को राशन, अस्पतालों में रक्तदान, अपने-अपने शहर में प्रशासन का सहयोग करके सेनेटाईजेशन एवं अन्य आर्थिक मदद करने इत्यादि कार्यों में जुटे रहे।

‘सच कहूँ’ 1990 से लेकर अब तक देश में आई आपदा में डेरा सच्चा सौदा ने कैसे अपनी भूमिका निभाई उससे रूबरू करवा रहा है:-

सरसा में बाढ़

6 जुलाई वर्ष 1993: जब घग्घर नदी ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया था और 8 जुलाई की सुबह नदी के तट बिखर गए थे। नदी का पानी सरसा शहर में प्रवेश कर गया था। (Foundation Day 2023) 80 प्रतिशत शहर को घग्घर नदी के पानी ने अपनी चपेट में ले लिया था। सरसा की गलियों में 5-5 फुट पानी भर गया था। अचानक हुए इस प्राकृतिक प्रकोप के आगे शहरवासी सहम गए थे। इस संकट की घड़ी में डेरा सच्चा सौदा ने अहम भूमिका निभाई थी।

पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां स्वयं उस जगह पहुंचे और घग्घर तट पर लम्बा व मजबूत बांध बनवाया। आश्रम के सेवादारों ने ट्रैक्टर-ट्रालियों में बाढ़ पीड़ितों का सामान उठाकर महफूज स्थानों पर पहुंचाया था। बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आश्रम की ओर से मुफ्त दवाईयां, कपड़े और भोजन सामग्री के रूप में राहत लोगों के बीच पहुंचाई। गरीब लोगों को आश्रम की ओर से 5 किलो चावल प्रति सदस्य को घर-घर जाकर बांटा गया।

उड़ीसा चक्रवात

29 अक्तूबर 1999 के दिन आए चक्रवात ने समूचे देश को हिलाकर रख दिया था। ऐसे में डेरा सच्चा सौदा ने आपदा पीड़ितों की हर संभव मदद की थी। पूज्य गुरु जी की रहनुमाई में रेलवे स्टेशन से राहत सामग्री से भरी हुई 30 बोगियों की मालगाड़ी सेवादारों के एक दल के साथ आपदा पीड़ितों में राहत सामग्री बांटने के लिए भेजी गई थी।

 

गुजरात भूकंप

26 जनवरी 2001: देश 51वां गणतंत्र दिवस मना रहा था, तभी गुजरात में उच्चतम तीव्रता वाले भूकंप के समाचार से देश कांप गया था। राज्य में रिक्टर पैमाने पर 8.1 की तीव्रता आंकी गई थी। इससे 10 लाख घर ढह गए थे, लाखों लोग बे-घर हो गए थे। भुज शहर के 100 प्रतिशत मकान नष्ट हो गए थे। मानवता पर दु:ख की इस घड़ी में आश्रम शोकग्रस्त हो गया था। पूज्य गुरु जी ने तुरंत आपदा पीड़ितों की मदद के प्रबंध किए, जिसके तहत खाद्य सामग्री एवं अन्य जरूरत के सामान से भरी 200 गाड़ियों को डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं के साथ गुजरात के लिए रवाना किया गया था।

31 जनवरी को पूज्य गुरु जी के साथ-साथ 3 हजार सेवादार भी गुजरात के लिए रवाना हुए थे। सेवादारों ने 150 गांवों में घर-घर जाकर सामग्री वितरित की। (Foundation Day 2023) डेरा सच्चा सौदा ने प्रतापगढ़ और सई गांव को पुन: बसाने का जिम्मा भी उठाया। गांव में पीड़ितों को लकड़ी के मकान आश्रम की ओर से बनाकर दिए गए थे। पूज्य गुरु जी की अनुकंपा से मात्र 3 दिन में 104 लकड़ी के मकान बनाकर आपदा में बेघर हुए लोगों को दिए गए। इस दौरान स्वयं पूज्य गुरु जी भूकंप प्रभावित लोगों के बीच 45 दिन रहे।

इस दौरान आश्रम की ओर से

2 करोड़ की खाद्य सामग्री व दैनिक प्रयोग की वस्तुएं वितरित की
3 करोड़ की दवाईयां और कंबल व वस्त्र बांटे
2 करोड़ की लागत से 8276 टेंट लगाए।

दक्षिण एशिया सुनामी

26 दिसम्बर 2004: दक्षिण एशिया को समुद्री तूफान (सुनामी) ने झकझोर कर रख दिया था। भारतीय उपमहाद्वीप में तूफान ने भारी कहर बरपाया था। (Foundation Day 2023) मानवता पर विपदा की इस घड़Þी में डेरा सच्चा सौदा ने सराहनीय सेवाएं दी थी। पूज्य गुरु जी के दिशा-निर्देशन में शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सदस्यों की दो टीमों को तमिलनाडु और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में पीड़ितों की मदद के लिए भेजा गया था।

तमिलनाडु के नागपट्टनम जिले में आश्रम के सेवादारों ने राहत सामग्री वितरित की थी। अंडमान निकोबार द्वीप के कच्छल्ल व कचाल दो दुर्गम टापुओं पर सेवादारों की एक टीम अपनी जान जोखिम में डालकर पहुंची और वहां पर लुप्त होने के कगार पर पहुंची मानव जाति को बचाया।

जम्मू-कश्मीर में भूकंप

8 अक्तूबर 2005: जम्मू और कश्मीर में 7.6 तीव्रता के भूकंप से भारी तबाही हुई और घाटी में 1350 से ज्यादा लोग मारे गए। दु:ख की इस घड़ी में डेरा सच्चा सौदा ने भी भूकंप पीड़ितों को राहत सामग्री भेजी थी। डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों ने 3 हजार से अधिक परिवारों में सैंकड़ों क्विंटल राहत सामग्री वितरित की थी।

बाड़मेर में बाढ़

18 अगस्त 2006: पहले सूखा और फिर अचानक आई बाढ़ के कारण राजस्थान में सरकारी आंकड़ों के अनुसार 140 लोग मारे गए थे। अकेले बाड़मेर जिले में 104 लोगों की मौत हुई थी। बाढ़ से 1300 करोड़ का नुकसान हुआ था। पूज्य गुरु जी ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए 16 सितम्बर 2006 को राहत सामग्री से भरे 8 वाहनों को रवाना किया। पूज्य गुरु जी स्वयं भी बाड़मेर पहुंचे थे। सेवादारों के साथ मिलकर बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री वितरित की। बाड़मेर जिले में 1236 पीड़ित परिवारों को राहत सामग्री बांटी गई थी वहीं 28 परिवारों को मकान बनाकर दिए गए।

बिहार में भी बाढ़

अगस्त 2008: भारत के एक गरीब और घनी आबादी वाले राज्य बिहार के इतिहास में सबसे विनाशकारी बाढ़ में से एक थी, 18 अगस्त 2008 को भारत-नेपाल सीमा के निकट कोशी तटबंध टूटने से आई बाढ़ (कुसहा वीडीसी, सुनसारी जिला, नेपाल में)। बिहार के उत्तरी भाग में बाढ़ ने 2.3 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित किया। बिहार भयंकर बाढ़ के चलते शोकग्रस्त था। (Foundation Day 2023) कोसी नदी ने 17 जिलों को अपनी चपेट में ले लिया था। 200 से अधिक मौतें हुई थी और करोड़ों की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था। पूज्य गुरु जी ने शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के 100 सेवादारों को बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए 13 सितम्बर 2008 को राहत सामग्री से भरे 9 कैंटरों के साथ रवाना किया था।

राहत सामग्री का ब्यौरा:

  • 218 क्विंटल चावल
  • 70 क्ंिवटल दाल नए कपड़े
  • साड़ियां
  • रेडीमेड कपड़े
  • मिनरल वाटर
  • बर्तनों के 5000 सैट
  • 70 कार्टून बिस्कुट
  • दवाइयां
  • चाय
  • चीनी
  • मिर्च-मसाले

इटली में भूकंप

6 अप्रैल 2009: इटली की राजधानी रोम के नजदीकी क्षेत्र लाकुला में जोरदार भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 6.3 बताई गई। इस प्राकृतिक आपदा में 260 लोग मारे गए और 1000 लोग घायल एवं लगभग 28000 लोग बेघर हो गए थे।

मानवता पर आई संकट की इस घड़ी में शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स के सदस्य खाद्य सामग्री लेकर गए। (Foundation Day 2023) पीड़ितों के लिए एकत्रित खाद्य सामग्री से भरे दो कैंटर वहां राहत कार्यों की कमान संभाल रहे आर्मी कैंप के इंचार्ज को सौंपकर अपना सहयोग प्रदान किया।

हरियाणा में बाढ़

12 जुलाई 2010: 12 जुलाई को मानसूनी बारिश से अपनी सीमाएं तोड़ घग्घर के पानी ने सरसा वासियों पर कहर बरपाया। मुसीबत की इस घड़ी में बिना किसी भी कठिनाई की परवाह किए शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सैकड़ों सेवादारों ने घग्घर के कटाव को भरकर तन-मन और धन से बाढ़ प्रभावितों की मदद की।

ब्रिसबेन में बाढ़

11 जनवरी 2011: को बाढ़ ने आस्ट्रेलिया की मैट्रो सिटी ब्रिस्बेन में तबाही मचाई। (Foundation Day 2023) स्थानीय शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के मैम्बरों को पता चला तो उन्होंने तुरंत आॅस्ट्रेलिया की संगत को, जिनमें ज्यादातर शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सदस्य थे, ब्रिसबेन बुलाया और लोकल काऊंसिल की हैल्प से लोगों के घरों में जाकर उनको जरूरत के अनुसार मदद पहुंचाई।

गाजियाबाद में चार मंजिला ईमारत ध्वस्त

16 जुलाई 2011: घटना की सूचना मिलते ही डेरा सच्चा सौदा के शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के जवान घटनास्थल पर पहुंच गए थे तथा मलबे में से दबे हुए लोगों की तलाश आरंभ कर दी। अंदर से किसी की आवाज आती तो सभी मलबा हटा कर उसे निकालने में जुट जाते थे। मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने के लिए सेवादारों ने प्रशासन के साथ मिल कर रेस्क्यू आॅपरेशन चलाया।

दार्जलिंग, भीषण आग

21 अप्रैल 2012: को रात करीब सवा एक बजे पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग के व्यस्ततम चौक बाजार में अचानक भीषण आग लग गई थी। आग लगने की सूचना जैसे ही डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों को मिली तो मिनटों में ही 1100 सेवादारों ने पहुंचकर आग को बुझाया व लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।

जयपुर बाढ़

22 अगस्त 2012: प्राकृतिक आपदा व मुसीबत के समय पीड़ितों की मदद में हमेशा अग्रणी डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु जी ने राजस्थान की राजधानी जयपुर में 22 अगस्त को आई बाढ़ से पीड़ितों की सुध लेते हुए उनकी हर संभव मदद की। बाढ़ पीड़ितों की सहायतार्थ राहत सामग्री से भरे तीन कैंटर भेजे गए।

उत्तराखंड: भूस्खलन व भारी बारिश

16 जून 2013: चार धामों की यात्रा करने उतराखंड गए लोगों पर प्रकृति का कहर टूट पड़ा। (Foundation Day 2023) भारी बारिश और भूस्खलन से दर्जनों गांव प्रभावित हुए और 5770 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी। पूज्य गुरूजी का निर्देश पाते ही 200 से अधिक सेवादार 33 कैंटरों में राहत सामग्री लेकर गुप्तकाशी व रुद्रप्रयाग के लिए सिरसा से रवाना हुए। दुर्गम को सुगम बनाकर खतरनाक रास्तों को पार कर सेवादार गुप्तकाशी पहुंचे। गुप्त काशी पहुंचते ही प्रशासन, सेना, सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों से सामंजस्य बिठाकर सेवादारों ने राहत कार्य चलाया।

जम्मू-कश्मीर में बाढ़

5 सितम्बर 2014: धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू कश्मीर में 5 सितम्बर 2014 को बरपा कुदरती कहर लाखों लोगों के लिए बदनसीबी की इबारत लिख गया। हजारों जिंदगियां बाढ़ के पानी व मलबे में दफन हो गई। मुश्किल की इस घड़ी में भला डेरा सच्चा सौदा के शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के जवान कहां पीछे रहने वाले थे? बिना किसी देरी के वे भी तुरंत जा पहुुंचे और जुट गए बचाव एवं राहत कार्यों में प्रशासन व सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर और तब तक जुटे रहे जब तक कि हालात सामान्य नहीं हो गए।

नेपाल भूकंप

1 मई 2015: नेपाल में भूकंप से भारी त्रासदी हुई थी, जिसमें कई लोगों की जान गई व कई घर क्षतिग्रस्त हुए। इस दुख की घड़ी में डेरा सच्चा सौदा के शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने भूकंप पीड़ितों के घर बनवाए व राशन वितरित किया। भूकंप में धवस्त हुए स्कूल व धार्मिक स्थलों की मुरम्मत की।

नोएडा में गिरी इमारत

18 जुलाई 2018: राष्टÑीय राजधानी क्षेत्र से सटे ग्रेटर नोएडा के गांव शाहबेरी में 18 जुलाई की देर रात दो इमारतों के ढ़हने से दर्जनों जिंदगियां मलबे में दफन हो गई। दिल दहला देने वाले इस हादसे ने जहां 4 जिंदगियों को लील लिया वहीं कई मजदूर परिवारों के दर्जनों लोग जिंदगी व मौत के बीच जूझ रहे थे। घटना की सूचना मिलते ही राष्टÑीय आपदा प्रबंधन की टीम, फायर ब्रिगेड के साथ-साथ एक बार फिर डेरा सच्चा सौदा की शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के 100 से अधिक सेवादार रात को ही राहत एवं बचाव कार्य के लिए घटनास्थल पर पहुंचे तथा मलबे से जिंदगियां बचाने में पूरी ताकत झोंक दी। सेवादारों ने दिनभर प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मलबे को हटाया।

कोरोना जैसी महामारी में राहत कार्यों में जुटे रहे सेवादार

कोरोना जैसी महामारी, जिसमें लोग अपने परिवार के संक्रमित मृतकजनों की अर्थी को कंधा देने से कतरा रहे थे, वहीं ये सेवादार समाज के कोने-कोने में राहत पहुंचा रहे थे। (Foundation Day 2023) डेरा सच्चा सौदा का पूरा इतिहास इंसानियत के सेवा कार्यांे से भरा पड़ा है। जब भी देश में कोई प्राकृतिक आपदा आई है तो डेरा सच्चा सौदा की शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग द्वारा प्रशासन के साथ मिल कर किए गए राहत कार्यांे से हर कोई उन्हें सैल्यूट करता नजर आया है।

कोरोना महामारी में एक तरफ जहां डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मचारियों एवं पुलिस कर्मियों की हिम्मत की हर कोई दाद दे रहा था वहीं इंसानियत के फर्ज के तहत समाज में राहत सामग्री बांटने में जुटी शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों को भी उतना ही सम्मान और सैल्यूट किया जा रहा है।

दूसरों के लिए जीने का जज्बा

पूज्य गुरु जी की पवित्र प्रेरणाओं पर चलते दुनिया के कोने-कोने में साध-संगत लगातार रक्तदान कर रही है। पूज्य गुरु जी ने इनको ट्रयू ब्लड पंप का खिताब दिया है। (Foundation Day 2023) इन चलते-फिरते ब्लड पंपों ने दुनिया भर में अब तक अपने रक्त से लाखों बीमार व जरूरतमंदों को नया जीवन दिया है।

समय-समय पर भारतीय सेना के साथ-साथ पत्रकारों, पुलिस कर्मचारियों, थैलेसीमिया व एड्स पीड़ित मरीजों के अलावा देश व दुनिया भर में जरूरतमंद व्यक्तियों को रक्त की आपूर्ति करने में मशहूर डेरा सच्चा सौदा द्वारा अब तक लाखों यूनिट रक्तदान किया जा चुका है। इसके अलावा साध-संगत अपने ब्लॉकों, गांवों-शहरों में जो रक्तदान करती है, वो आंकड़ें अलग हैं। मानवता भलाई कार्यों में सर्व धर्म संगम डेरा सच्चा सौदा के नाम 79 गिनीज वर्ल्ड रिकार्डों में चार वर्ल्ड रिकॉर्ड रक्तदान के क्षेत्र में दर्ज हैं।

मानवता भलाई के लिए बढ़ते गए कदम, बनते गए रिकॉर्ड

बात जब इंसानियत, मानवता भलाई कार्यों व समाज सुधार के कार्यों की आती है तो सर्वधर्म संगम डेरा सच्चा सौदा का नाम सबसे पहले आता है। (Foundation Day 2023) पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने न केवल समाज में व्याप्त कुरीतियों का खात्मा करने को वृहद स्तर पर जागरूकता अभियान छेड़ा बल्कि मानवता भलाई के 156 कार्य शुरू कर सामाजिक व नैतिक क्रांति का भी आगाज किया जो कि आज पूरी दुनिया के लिए प्रेरणास्त्रोत है।

मानवता भलाई कार्यों में आज डेरा सच्चा सौदा के नाम एक-दो नहीं बल्कि 79 गिनीज वर्ल्ड रिकॉडर्स व एशिया बुक आॅफ रिकॉडर्स दर्ज हैं। अब तक मिले 79 वर्ल्ड रिकॉर्डों में से पूज्य गुरू जी के नाम रक्तदान, नेत्रदान, महा सफाई अभियान, पौधारोपण, रक्तचाप (ब्लडप्रैशर) जांच, कोलेस्ट्राल जांच, डाइबीटिज जांच व दिल की इको जांच सहित विभिन्न क्षेत्रों में गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स दर्ज हैं।

जिनमें से पर्यावरण संरक्षण मुहिम के तहत दुनियाभर में किए गए पौधारोपण में चार विश्व रिकॉर्ड भी शामिल हैं। वर्ष 2009 से शुरू हुए पौधारोपण अभियान के सफर के तहत डेरा सच्चा सौदा के पर्यावरण प्रहरियों द्वारा अब तक 4 करोड़ 18 लाख 94 हजार 527 पौधे रोपित किए जा चुके हैं तथा उनकी सार-संभाल का सिलसिला लगातार जारी है।

‘Depth Campaign’ का मुख्य उद्देश्य समाज को नशामुक्त बनाना

अभी हाल में मिशन के दौरान बरनावा आश्रम में आए संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने आॅनलाइन गुरुकुल के माध्यम से कई ऐसे अभियान भी चलाए जिनका उद्देश्य सिर्फ मानवता का भला करना ही है। इसी के तहत एक मुख्य अभियान ‘Depth Campaign’ की भी शुरूआत की जिसका मकसद समाज को नशामुक्त बनाना है। आज समाज में बढ़ते नशे के लत से घरों के घर तबाहो-बर्बाद हो रहे हैं, जवान-जवान बच्चे नशों की लत से मौत के मुंह में जा रहे हैं, महिलाएं विधवा हो रही हैं, बच्चे अनाथ हो रहे हैं। इसी को मद्देनजर रखते हुए पूज्य संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने ‘Depth Campaign’ चलाया है ताकि देश के युवाओं को देश को बचाया जा सके।

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