छोटी उम्र में बडे हौंसले

Divya-Kashyap

सच कहूँ/देवीलाल बारना कुरुक्षेत्र। कहते हैं हुनर किसी उम्र, जाति और वर्ग में बंधा हुआ नहीं होता। बस जरूरत होती है हुनर को सामने लाने की। आज के आधुनिक युग में हिन्दुस्तान की बेटियां देश का नाम खूब रोशन कर रही हैं। कुरुक्षेत्र जिले के गांव ठोल की दिव्या कश्यप अभी मात्र 15 साल की है, उसने ऐसा मुकाम हासिल किया है जोकि युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है। दिव्या ताईक्वांडो खेल खेलती है और छोटी सी उम्र में कई गोल्ड मैडल जीत चुकी है। साधारण परिवार से संबंध रखने वाली दिव्या ने पांचवीं कक्षा गांव के विद्यालय से पास की। कक्षा छठी में दिव्या ने नवोदय विद्यालय निवारसी में प्रवेश लिया जहां दिव्या पढ़ा़ई में अव्वल आती रही है।

पढ़ाई के साथ-साथ दिव्या ने खेलों में भी रूचि लेनी शुरू की और ताइक्वांडो गेम को चुना। दिव्या ने पूरी मेहनत से खेलना शुरू किया ओर दिव्या का सिलेक्शन ताइक्वांडो खेलने के लिए हो गया। इसके बाद उसने जयपुर, राजस्थान, दिल्ली, इंफाल, कर्नाटक, सोनीपत, तेलंगाना, आसाम में आयोजित ताइक्वांडो गेम में गोल्ड मैडल जीते। इसके बाद तेलंगाना व नालागोंडा में आयोजित स्कूल गेम्स फैडरेशन आॅफ इंडिया प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल हासिल किया। दिव्या कश्यप को हरियाणा के खेल मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री के अलावा उपायुक्त कुरुक्षेत्र, विधायक व कईं अन्य हस्तियों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।

अब साऊथ कोरिया खेलने जायेगी दिव्या

अब दिव्या का सिलेक्शन साउथ कोरिया में खेलने के लिए हुआ है। दिव्या कश्यप ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरूजनों को दिया है। दिव्या का कहना है कि उसके माता-पिता व गुरुजनों ने उसका हौंसला बढ़ाया है। दिव्या का सपना है कि अपने देश का नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन करे।

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