Green Jobs: ग्रीन जॉब्स, कुदरत बचाओ, करियर बनाओ

green jobs meaning - Sach Kahoon

पर्यावरण सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। कुदरत को बचाने की इस मुहिम के परिणामस्वरूप ग्रीन जॉब्स का एक बड़ा मार्केट खड़ा हो रहा है, जहां पे-पैकेज भी अच्छा है। आज हम पूरी तरह से Green Jobs Meaning और इससे संबंधित विश्वविद्यालयों के बारे में जानते हैं।

आज हम आपको बताएंगे क्या हैं ग्रीन जॉब्स और कैसे पा सकते हैं। एक जमाना था, जब छात्रों की प्राथमिकता की सूची में सबसे अंत में आता था पर्यावरण विज्ञान यानी इनवायर्नमेंटल साइंस। लेकिन अब इस सूची में यह ऊपर की ओर कदम बढ़ा रहा है।

जलवायु परिवर्तन और उससे होने वाले खतरों के विषय में लगातार बढ़ रही जागरूकता और पर्यावरण को बचाने के लिए विश्व के विभिन्न हिस्सों में चल रहे आंदोलनों के कारण अब छात्रों के बीच विषय के रूप में पर्यावरण विज्ञान की लोकप्रियता बढ़ने लगी है।

पर्यावरण विज्ञान के प्रति छात्रों की बढ़ रही रूचि का एक कारण यह भी है कि अब पर्यावरण से जुड़े फील्ड में नौकरी की संभावना भी काफी तेजी से बढ़ रही है। पर्यावरण के क्षेत्र से जुड़ी इन नौकरियों को ग्रीन जॉब्स का नाम दिया गया है। ग्रीन जॉब्स के क्षेत्र में प्रशिक्षित लोगों की मांग कितनी तेजी से बढ़ रही है।

क्या है ग्रीन जॉब्स?

Green Jobs Kya Hai? बिजली की बचत और सौर तथा पवन ऊर्जा आदि अधिक-से अधिक इस्तेमाल करने वाली बिल्डिंग का निर्माण करने वाला आर्किटेक्ट, वॉटर रिसाईकले सिस्टम लगाने वाला प्लंबर, विभिन्न कंपनियों में पर्यावरण के संरक्षण से संबंधित शोध कार्य और सलाह देने वाले लोग, ऊर्जा की खपत कम करने की दिशा में काम करने वाले विशेषज्ञ, पारिस्थितिकी तंत्र व जैव विविधता को कायम करने के गुर सिखाने वाले विशेषज्ञ,

प्रदूषण की मात्रा और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के तरीके बताने वाले एक्सपर्ट आदि के काम ग्रीन जॉब्स की श्रेणी में आते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले वक्त में हर नौकरी में यह क्षमता होगी कि वह ग्रीन जॉब में तब्दील हो सके।

इस सेक्टर में धीरे-धीरे विस्तार हो रहा है और साथ ही साथ नौकरी की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं। यह सेक्टर प्रशिक्षित लोगों की मांग करता है और बदले में अच्छी सैलरी देता है। कई विशेषज्ञों की यह भी राय है कि जिस तरह सूचना और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एक जमाने में भारी उछाल आया था, वैसा ही आने वाले वक्त में ग्रीन जॉब्स के क्षेत्र में होगा।

इस तरह करें शुरूआत

सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देश के आधार पर यूजीसी ने ग्रेजुएशन के स्तर पर इनवायर्नमेंटल स्टडीज को अनिवार्य बना दिया है। स्कूल और टेक्निकल पाठ्यक्रमों के स्तर पर यह जिम्मेदारी क्रमश: एनसीईआरटी और एआईसीटीई को सौंपी गई है।

पर्यावरण विज्ञान बेसिक साइंस और सोशल साइंस दोनों का मिश्रित रूप है। रिसोर्स मैनेजमेंट और रिसोर्स टेक्नोलॉजी भी पर्यावरण विज्ञान का एक महत्वपूर्ण अंग है। पर्यावरण से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में अपना कैरियर बनाने के लिए पढ़ाई बारहवीं के बाद शुरू की जा सकती है,

पर इस स्तर पर संस्थानों की संख्या कम है। ग्रीन जॉब्स के क्षेत्र में बेहतर कैरियर बनाने के लिए पर्यावरण विज्ञान में उच्च शिक्षा प्राप्त करना आपके भविष्य के लिए अच्छा होगा। पर्यावरण से संबंधित नीतियों के निर्माण दिलचस्पी रखने वाले साधारण ग्रेजुएट के लिए भी यहां मौके हैं।

जीव विज्ञान के साथ बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्र ग्रेजुएशन के स्तर पर इनवायर्नमेंटल साइंस की पढ़ाई कर सकते हैं। फिजिकल साइंस, लाइफ साइंस, इंजीनियरिंग या मेडिकल साइंस आदि विज्ञान विषयों से ग्रेजुएशन करने के बाद इनवायर्नमेंटल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन करना बेहतर होगा।

इनवायर्नमेंटल साइंस में बीटेक का कोर्स भी कई संस्थानों में उपलब्ध है। सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायर्नमेंट, दिल्ली में पर्यावरण विज्ञान से जुड़े विषयों में इंटर्नशिप और सर्टिफिकेट कोर्स करवाया जाता है।

कहां होती है पढ़ाई

स्कूल आॅफ इनवायर्नमेंटल साइंस, जेएनयू, नई दिल्ली -दी एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (टेरी), नई दिल्ली -सेंटर फॉर इकोलॉजिकल साइंसेज, इंडियन इंस्टिट्यूट आॅफ साइंस, बैंगलूरू -डिपार्टमेंट आॅफ इनवायर्नमेंटल साइंसेज, श्रीनगर, गढ़वाल -डिपार्टमेंट आॅफ इनवायर्नमेंटल बायोलॉजी, यूनिवर्सिटी आॅफ दिल्ली।

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