‘रूह दी’ हनीप्रीत इन्सां ने देशवासियों को मकर संक्रांति पर दी शुभकामनाएं

honeypreet_insan

सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की बेटी ‘रूह दी’ हनीप्रीत इन्सां ने मकर संक्रांति ( Makar Sankranti 2023) और पोंगल के त्योहार की देश के प्रियवासियों को हार्दिक बधाई दी। रूह दी ने ट्वीट पर लिखा कि ाकर संक्रांति की आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। त्यौहार गौरवशाली विरासत, संस्कृति और परंपराओं का जश्न मनाने का एक शानदार तरीका है। मेरी कामना है कि फसल का यह त्यौहार सभी के जीवन में सर्वोत्तम पुरस्कार, खुशी और सकारात्मकता लेकर आए! आपको और आपके परिवार को मकर संक्रांति, बिहू और पोंगल की शुभकामनाएं!

आपको बता दें कि मकर संक्रांति अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम और तरीकों से मनाया जाता है। उत्तर भारत में जहां इसे मकर संक्रांति कहा जाता है तो तमिलनाडु में पोंगल के नाम से जाना जाता है। असम में इसे माघ बिहू और गुजरात में इसे उत्तरायण कहते हैं, पंजाब और हरियाणा में इस समय नई फसल का स्वागत किया जाता है और लोहड़ी पर्व मनाया जाता है।

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हरियाणा के सीएम ने दी शुभकामनाएं | Makar Sankranti 2023

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने प्रदेशवासियों व देशवासियों को मकर संक्रांति के अवसर पर हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं देते हुए सबके सुख, शांति, समृद्धि व धन-धान्य से परिपूर्ण होने की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नव वर्ष का आगमन त्यौहारों के साथ होता है, जिसे देश के विभिन्न भागों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। उत्तर भारत के राज्यों में इसे मकर संक्राति के रूप में तो वहीं दक्षिण भारत में इसे पोंगल तथा उत्तरी पूर्वी राज्यों में इसे बिहु के रुप में तो कई अन्य राज्यों में इसे गुड़ी पड़वा के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि ये त्योहार हमारी समग्र सांस्कृतिक धरोहर का अहम हिस्सा हैं और यह त्योहार देश के साम्प्रदायिक सौहार्द और सांस्कृतिक ताने-बाने को सुदृढ़ करते हैं ।

जयपुर में मकर संक्रांति पर सुबह से पतंगबाजी का दौर शुरू

राजस्थान की राजधानी जयपुर में मकर संक्रांति पर्व पर आज सुबह से ही पतंगबाजी का दौर शुरू हो गया। कोरोना के कारण दो साल बाद खुलकर मना पा रहे इस बार पतंग उत्सव में लोगों में काफी उत्साह नजर आ रहा है और सुबह होते ही बच्चे और युवा अपने घरों की छत्तों पर चढ़ गए और पतंग के पैच लड़ाना शुरू कर दिया तथा वो काटा- वो काटा का शोर शुरू हो गया। इस दौरान छतों पर लोग सुबह से फिल्मी गानों के साथ थिरकते हुए पतंगबाजी करते नजर आये।

मौसम साफ रहने से पतंगबाजी के लिए दिन की शुरुआत अच्छी रही और धूप खिलने एवं हल्की हवा होने से सुबह से ही पतंगबाजी का माहौल बन गया। हालांकि इस बार पतंगे पहले से थोड़ी महंगी रही लेकिन पतंगबाजों पर इसका कोई असर नजर नहीं आ रहा और वे इस पतंग उत्सव में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे है इसका लुत्फ उठा रहे है। स बार भी पौना, अद्धी और प्रिंटेड पतंगों की मांग ज्यादा रही। सोशल मैसेज से जुड़ी पतंगें, बच्चों की पसंद कार्टून वाली पतंगों की बिक्री भी काफी हुई। इनमें मोटू-पतलू, छोटा भीम, डोरमेन की पतंगें शामिल हैं। चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध होने से इस बार इसकी बिक्री देखने को नहीं मिल रही। इस मौके जयपुर में जलमहल सहित विभिन्न पर्यटन स्थलों पर देशी- विदेशी पर्यटक भी पतंगबाजी का आनंद उठा रहे है।

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