मुजफ्फरनग (सच कहूँ/अनु सैनी)। Muzaffarnagar News: हिंदू संघर्ष समिति द्वारा आयोजित दीपावली सम्मान समारोह भव्य और उत्साहपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और मुजफ्फरनगर सांसद डॉ. संजीव बालियान मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम में जिले के 32 से अधिक हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, संतजनों और पदाधिकारियों ने भाग लिया। Muzaffarnagar News
अपने संबोधन में डॉ. बालियान ने जातिवाद और जनसंख्या असंतुलन को हिंदू समाज के सामने सबसे बड़ी चुनौतियां बताया। उन्होंने कहा कि “हिंदुस्तान को बाहरी नहीं, बल्कि अपनों और जातिवाद से खतरा है।” उन्होंने इसे हिंदू समाज की सबसे बड़ी कमजोरी बताते हुए कहा कि अगर इस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो आने वाले समय में इसके गंभीर सामाजिक और राजनीतिक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
उन्होंने जिले के आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि आज़ादी के समय मुजफ्फरनगर में हिंदू आबादी लगभग 75% थी, जो अब घटकर 55% के आसपास रह गई है। इसे उन्होंने “डेमोग्राफिक परिवर्तन की चेतावनी” बताया और कहा कि यह समय है जब समाज को जागरूक होकर एकजुट होना चाहिए।
डॉ. बालियान ने जनसंख्या नियंत्रण कानून की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि “अगर अगले दस वर्षों में स्थिति को नहीं संभाला गया, तो इसका असर देश की राजनीति, समाज और भविष्य की पीढ़ियों पर गहराई से पड़ेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार तभी कदम उठाती है जब जनता एकजुट होकर मांग करती है, इसलिए समाज को अब सक्रिय होना होगा। Muzaffarnagar News
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कैराना सांसद इकरा हसन पर की गई जातीय टिप्पणी को अनुचित और असभ्य बताया। उन्होंने कहा, “वह एक महिला सांसद हैं, उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।”
कार्यक्रम के आयोजक और हिंदू संघर्ष समिति के संयोजक नरेंद्र पंवार ने भी इस अवसर पर कहा कि हिंदू आबादी में लगातार गिरावट और मुस्लिम आबादी में वृद्धि एक चिंताजनक संकेत है। उन्होंने बताया कि उनका संगठन ‘जनसंख्या नियंत्रण समाधान फाउंडेशन’ लंबे समय से जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग कर रहा है।
कार्यक्रम के दौरान जिले के धर्मगुरुओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, संगठन पदाधिकारियों और शिक्षाविदों को सम्मानित किया गया। दीप प्रज्वलन और भक्ति गीतों के बीच समारोह का समापन धार्मिक सौहार्द, सामाजिक एकता और सनातन संस्कृति के संरक्षण के संदेश के साथ किया गया। Muzaffarnagar News
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