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Friday, May 9, 2025
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    TilakNagar Shelter Home

    लापरवाह लोगों को दंड मिले

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    सवाल यह है कि देश भर में लॉकडाउन व लॉकडाउन लागू होने से पहले इतने बड़ी संख्या में लोग निजामुद्दीन मरकज में कैसे इक्ट्ठे हो गए? इससे दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना स्वाभाविक है।
    Do not give up humanity

    इंसानियत का पल्ला न छोड़ें

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    हमारी संस्कृति भूख से तड़प रहे लोगों को भोजन खिलाने की है, न कि किसी की जेब काटने की। डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं व अन्य समाजसेवी संस्थाओं के सदस्य मदद के लिए लोगों को ढूंढकर उन्हें राशन मुहैया करवा रहे हैं। ऐसे जज्बे को सलाम है।
    Media should work responsibly

    जिम्मेवारी से काम करे मीडिया

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    मीडिया को एक जिम्मेवारी से काम करते हुए अफवाहों पर विराम लगाना चाहिए, ऐसे समय में लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करना चाहिए। बिना पुष्टि की खबरों को पेश करने से परहेज करना चाहिए।
    Strict action to be taken for the protection of life

    जीवन की सुरक्षा के लिए सख्ती बरतना जायज

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    बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि यदि यह मजदूर अपने-अपने राज्यों में पहुंचेंगे फिर लॉकडाउन का कोई महत्व ही नहीं रहेगा। नीतिश कुमार की बात सही थी, क्योंकि भले ही ये मजदूर बसों में या पैदल आते, बीमारी के मद्देनजर यह भीड़ देश के लिए बड़ी समस्या उत्पन्न कर सकती है।
    Humanitarian service

    इंसानियत की सेवा

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    डेरा सच्चा सौदा ने प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री सहित सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों को मदद की पेशकश की है। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की प्रेरणा पर चलते हुए डेरा सच्चा सौदा की शाह सतनाम सिंह जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग अब तक पिछले कई वर्षों में निस्वार्थ भावना से प्राकृतिक आपदाओं में बड़े स्तर पर राहत कार्य कर चुकी है।
    Attacks on minorities in Afghanistan

    अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हमले

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    काबुल के एक गुरुद्वारा में हुए आतंकी हमले में 25 श्रद्धालुओं की मौत होना, एक निंदनीय व दुखद घटना है। इस देश में अल्पसंख्यकों पर हुए अब तक का सबसे बड़ा हमला है।
    Importance of lockdown

    लॉकडाउन की अहमीयत

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    देश भर में लॉकडाउन लागू करने की मजबूरी प्रधानमंत्री के सख्त शब्दों से समझी जा सकती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन को कर्फ्यू ही समझा जाए। दरअसल प्रधानमंत्री विभिन्न राज्यों द्वारा पिछले दिनों अपने स्तर पर किए गए लॉकडाउन को लेकर व जनता द्वारा लॉकडाउन की पालना को लेकर चिंतित दिखे।
    Understand responsibility, not negligence

    लापरवाही नहीं, जिम्मेदारी समझें

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    निडरता व लापरवाही में बहुत बड़ा अंतर है। लापरवाही इंसानियत के खिलाफ अपराध है। भले ही भारतीयों की परम्परा ज्यादा घुलने वाली है, इसीलिए देशवासी यदि अपनी सुरक्षा के लिए सरकार के दिशा-निर्देशों की पालना नहीं कर सकते तब यह बात बहुत हानिजनक साबित हो सकती है।
    Lockdown delhi

    31 मार्च तक लॉकडाऊन का पालन बेहद जरूरी

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    ‘जनता कर्फ्यू’ देश में पू...
    Don't worry be aware

    घबराएं नहीं, जागरूक रहें

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    आज 22 मार्च को केंद्र सरकार ने जनता कर्फ्यू का आह्वान एक वैज्ञानिक सोच से प्रेरित मानवता को समर्पित निर्णय है। पूरा देश इस निर्णय से सहमत है। नि:संदेह इस मुहिम से बीमारी को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।

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