पब्जी का कहर और लापरवाह अभिभावक
पंजाब में एक सप्ताह में दो बच्चों की पब्जी गेम से मौत दर्दनाक व चिंतनीय विषय है। चिंता इस बात की है कि यह गेम धीमा जहर है, इस मामले में न तो समाज और न ही सरकारें कोई नोटिस ले रही हैं। कंपनियां और गेम्स खेलने वाले लोग पर्दे के पीछे रहकर अपने कारोबार के लिए बच्चों को खतरनाक मनोरंजन परोस रहे हैं।
चापलूस, बकवासी व झूठे मीडिया वर्ग को क्यों सुनना
राजनीतिक चम्मचागिरी के अलावा मीडिया का यही वर्ग व्यवसायिक जगत एवं अध्यात्मिक जगत के लोगों को भी बदनाम करने का निर्लज्ज प्रयास आए दिन करता रहता है। मीडिया का ये स्वार्थी वर्ग भले खुद अच्छी खासी काली कमाई कर रहा हो, लेकिन देश व समाज का ये बहुत घात कर रहा है।
समाज के मानसिक विकास पर हो काम
देश को बदलते परिवेश में महिलाओं के प्रति व्यवहार कला सिखाने व पढ़ाने के लिए संस्थागत रूप से प्रयास करने होंगे। पुरूष व महिलाएं समान हैं, कोई किसी का उत्पीड़न या अपमान नहीं कर सकता। यह अच्छी तरह पढ़ाया व सिखाया जाए कि वह कौन सी आदतें या व्यवहार हैं जो सामान्य दिखने पर भी अपमानजनक, हिंसक, उत्पीड़त करने वाले हैं।

























