राज्य सरकारें सुस्त, एनजीटी दरुस्त
राज्य में पानी की कमी पर चिंता जताई गई थी। इस बैठक में भले ही चर्चा का विषय हरियाणा को पानी न देने का रहा हो लेकिन यह बात तो उभरकर सामने आई थी कि पंजाब में भू-जल स्तर निरंतर गिरता जा रहा है और नदियों में भी पानी की उपलब्धता में गिरावट आई है।
मजदूरों के किराये पर राजनीति, तंग सोच
पिछले 40 दिन से प्रवासी मजदूर सरकार से उन्हें घर पहुंचाने की गुहार लगा रहे थे, तभी यह साफ हो जाना चाहिए था कि मजदूरों को बिना किराये घर तक भेजा जाएगा व किराया सरकार की और से कब, कैसे, कौन वहन करेगा ये केन्द्र व राज्य अपने स्तर पर निपटा लेते । जबकि मजदूरों का भाड़ा चुकाने के नाम पर पूरे देश में पूरी राजनीतिक कलाबाजियां हो रही हैं।
राजनीतिक भ्रष्टाचार पर शिकंजा
लोग परेशान होकर नोटबंदी के चलते लाइनों में खड़े रहे
और किसी एक भी बैंक कर्मी के साथ दुव्यर्वहार की कोई बड़ी घटना नहीं घटी
और दूसरी तरफ शशिकला जैसी राजनीतिक नेता गैर-कानूनी काम में जुटी रही।























