लॉकडाउन भले हट गया परन्तु कोरोना का खतरा नहीं हटा
लॉकडाउन शुरू होने पर देश में कोरोना के 500 मरीज थे, जिनकी संख्या आज ढाई लाख को पार करने वाली है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी स्पष्ट कर चुका है कि भारत में वायरस तेजी से नहीं फैल रहा लेकिन इसका खतरा अभी टला नहीं। आठ महीने के बाद भी कोरोना वायरस के लिए कोई वैक्सीन नहीं बन सकी इसीलिए सावधानी ही एकमात्र समाधान है।
अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हमले
काबुल के एक गुरुद्वारा में हुए आतंकी हमले में 25 श्रद्धालुओं की मौत होना, एक निंदनीय व दुखद घटना है। इस देश में अल्पसंख्यकों पर हुए अब तक का सबसे बड़ा हमला है।
अवैध से करनी होगी तौबा
देश में चल रहे अवैध आवासीय कारोबारों में लाखों संस्थान बिना किन्हीं सुरक्षा मानकों के चल रहे हैं, जबकि इनमें बहुतों के पास आग से सुरक्षित परिसर का प्रमाण-पत्र होगा।
सोशल डिस्टैंसिंग के दोहरे मापदंड
यह तर्क हास्यस्पद है कि देश में चल रहे विमान में सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य है व विदेश से आने वाले विमानों में डिस्टेंसिंग की आवश्यकता नहीं है। इसमें केंद्र व राज्य सरकारों की उन अपीलों का कोई औचित्य नहीं रह जाता जिनमें आम लोगों को बाजार, अस्पतालों व अन्य स्थानों पर जाते समय और आपसी दूरी को बनाए रखना कोरोना से बचने का मूल मंत्र बता रहीं हैं।


























