बाघों की मृत्यु व लापरवाही
बाघ प्राकृति का श्रंगार हैं जिन्हें जीवित रखना आवश्यक है। नि:संदेह लॉकडाउन में व्यक्ति जीवन को प्राथमिकता दी जा रही है लेकिन पशु-पक्षी भी इस कुदरत का हिस्सा हैं जिन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता।
महामारी के विरुद्ध अपने नेताओं की सुनें देशवासी
संयुक्त राष्ट्र के जनरल सचिव एनटोनियो गुटेरेस का कहना है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद मानवीय जाति के समक्ष कोरोना वायरस सबसे बड़ा संकट बना है।

























