लॉकडाउन की मेहनत पर पानी न फेर दे शराब
देश के नीतिनिमार्ताओं को यह सोचना चाहिए की शराब के ठेके खोलकर राजस्व बढ़ाने की यह कवायद, आपदाकाल में लोगों को संक्रमित करके देश के राजस्व पर उल्टा भारी बोझ न डाल दे। कोरोना के इस बेहद खतरनाक वक्त में सरकार का यह निर्णय लोगों की भयंकर लापरवाही के चलते भयानक भूल साबित हो सकता है।
हिन्दू शरणार्थियों के नरकीय जीवन के दोषी कौन?
हम लगभग 73 साल इन भेड़ियों के बीच कैसे रहे हैं, हम किस प्रकार के उत्पीड़न झेले हैं, हम किस प्रकार से प्रताड़ित हुए हैं, हमारे लाखों भाई-बहनों को किस प्रकार से अपने धर्म से विमुख होने के लिए मजबूर किया गया, अपने धर्म से विमुख होने से इनकार करने पर किस तरह से अंग-भंग किया गया, अस्मिता लूटी गयी
खुद से हारेगी दिल्ली में भाजपा ?
दिल्ली की झुग्गी झौपड़ियां और दिल्ली की कच्ची कालोनियों में रहने वाली आबादी के सबंध में इनकी जानकारी ही नहीं है, ये सिर्फ मीडिया में ही धमाल मचा पाते हैं, इनकी प्राथमिकता में एयर कंडिशन की संस्कृति हैं, पेज थ्री की संस्कृति हैं। प्रोफेशनल लोग वोट कहां डालते हैं, प्रोफेशनल लोगो के पास वोट डालने का समय कहां होता हैं|
आसमान में तबाही और जमीन पर सियासत
यह है कि प्रदूषण को लेकर केन्द्र और दिल्ली की राज्य
सरकार के बीच भी ठनी हुई है।
विजय गोयल जो बीजेपी के कद्दावर नेता हैं
एनआरसी पर ठोस रणनीति बनाये सरकार
इन दिनों देश की जनसंख्या एक सौ पैंतीस करोड़ से अधिक है
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में काम 2015 में शुरू हुआ।

























