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Friday, December 19, 2025
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    Economy is in worst crisis

    अर्थव्यवस्था ने मचाई त्राहि त्राहि

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    भारत की अर्थव्यवस्था को एक बार फिर जोर का झटका लगा है। वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने शक्रवार को वर्ष 2020 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अपने पहले के अनुमान को घटा कर 2.5 फीसदी कर दिया है।
    Water purity and availability crisis

    जल की शुद्धता और उपलब्धता का संकट

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    आंकड़ों के मुताबिक 200 मीटर की गहराई पर मौजूद भूजल का बड़ा हिस्सा दूषित हो चुका है वहीं 23 प्रतिशत भूजल अत्यधिक खारा है। जिस तेज गति से भूजल दूषित हो रहा है उसी का नतीजा है कि डायरिया, उल्टी, खून वाली उल्टियां, पेशाब में खून आना, बाल गिरना, फेफड़े, त्वचा, किडनी और लिवर और पेट दर्द से जुड़़ी बीमारियां बढ़ रही है।
    Economy

    अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की चुनौती

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    वर्तमान की बात करें तो भारतीय अर्थव्यवस्था एक गहरी संकट की तरफ बढ़ रही है। विभिन्न प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर के संदर्भ में जो आकलन जारी किए हैं, वे चिंताजनक हैं। आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक, एडीबी और मूडीज जैसी संस्थाओं ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में एक बड़ी कटौती की है।
    Understand the state of mind of Nepal

    नेपाल की मन:स्थिति को समझें

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    लिपुलेख मामले में भारत को नसीहत देने वाली नेपाल सरकार एवरेस्ट के मसले पर अभी भी चुप्पी साधे हुए है। ओली सरकार ने चीन के इस दुस्साहस पर पंक्तियां लिखे जाने तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। ऐसे में नेपाल और उसके मुखिया के पी ओली की मन:स्थिति को समझा जा सकता है।
    Full truth of half monsoon session

    आधे मानसून सत्र का पूरा सच

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    जब भी सत्र की शुरूआत होती...
    Treason in Farooqs voice

    फारुक के सुरों में देशद्रोह की बू

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    भारत माता की जय बोलने वाल...
    Lockdown in Haryana

    लॉकडाउन की गम्भीरता को समझना होगा

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    प्रधानमंत्री मोदी ने भी चिंता और गुस्सा जताया है कि अब भी लोगों ने लॉकडाउन को गंभीरता से नहीं लिया है। कृपया करके वे खुद को बचाएं और परिवार को भी बचाएं। राज्य सरकारें सख्ती से इसका पालन कराएं।

    मौत बनकर दौड़ी सिस्टम की बिना ब्रेक ट्रेन

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    कोरोनाकाल में अपने गांव लौट रहे थे। लेकिन बिन बुलाई मौत ने उनको रास्ते में ही घेर लिया। आंखों में नींद थी इसलिए ट्रैक पर ही सो गए, ट्रैक पर सोना मजदूरों की बेबसी थी और मौत की मुनाद। ऐसी मुनाद जिसकी ध्वनि को रेल चालक सुन नहीं सका। वह सरपट मजूदरों पर रेल चलाता हुआ निकल गया। पटरियों पर ही उनकी कब्र खोद गया।

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    Haryana Jobs

    Haryana Jobs: हरियाणा में सरकारी नौकरियों के खुले दरवाजे 

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    एचपीएससी 19 जनवरी से 8 भर...