अर्थव्यवस्था ने मचाई त्राहि त्राहि
भारत की अर्थव्यवस्था को एक बार फिर जोर का झटका लगा है। वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने शक्रवार को वर्ष 2020 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अपने पहले के अनुमान को घटा कर 2.5 फीसदी कर दिया है।
जल की शुद्धता और उपलब्धता का संकट
आंकड़ों के मुताबिक 200 मीटर की गहराई पर मौजूद भूजल का बड़ा हिस्सा दूषित हो चुका है वहीं 23 प्रतिशत भूजल अत्यधिक खारा है। जिस तेज गति से भूजल दूषित हो रहा है उसी का नतीजा है कि डायरिया, उल्टी, खून वाली उल्टियां, पेशाब में खून आना, बाल गिरना, फेफड़े, त्वचा, किडनी और लिवर और पेट दर्द से जुड़़ी बीमारियां बढ़ रही है।
अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की चुनौती
वर्तमान की बात करें तो भारतीय अर्थव्यवस्था एक गहरी संकट की तरफ बढ़ रही है। विभिन्न प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर के संदर्भ में जो आकलन जारी किए हैं, वे चिंताजनक हैं। आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक, एडीबी और मूडीज जैसी संस्थाओं ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में एक बड़ी कटौती की है।
नेपाल की मन:स्थिति को समझें
लिपुलेख मामले में भारत को नसीहत देने वाली नेपाल सरकार एवरेस्ट के मसले पर अभी भी चुप्पी साधे हुए है। ओली सरकार ने चीन के इस दुस्साहस पर पंक्तियां लिखे जाने तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। ऐसे में नेपाल और उसके मुखिया के पी ओली की मन:स्थिति को समझा जा सकता है।
लॉकडाउन की गम्भीरता को समझना होगा
प्रधानमंत्री मोदी ने भी चिंता और गुस्सा जताया है कि अब भी लोगों ने लॉकडाउन को गंभीरता से नहीं लिया है। कृपया करके वे खुद को बचाएं और परिवार को भी बचाएं। राज्य सरकारें सख्ती से इसका पालन कराएं।
मौत बनकर दौड़ी सिस्टम की बिना ब्रेक ट्रेन
कोरोनाकाल में अपने गांव लौट रहे थे। लेकिन बिन बुलाई मौत ने उनको रास्ते में ही घेर लिया। आंखों में नींद थी इसलिए ट्रैक पर ही सो गए, ट्रैक पर सोना मजदूरों की बेबसी थी और मौत की मुनाद। ऐसी मुनाद जिसकी ध्वनि को रेल चालक सुन नहीं सका। वह सरपट मजूदरों पर रेल चलाता हुआ निकल गया। पटरियों पर ही उनकी कब्र खोद गया।

























