मेरे लिए नहीं…..मैं खास हूं, तुम कौन?
लगता है हम ऐसे भारत में रह रहे हैं जहां पर केवल वीवीआईपी को महत्व दिया जाता है और जहां पर हम विशेषाधिकारों के लिए एक संकरी सी आधिकारिक पट्टी पर रह रहे हैं। जहां पर हमारे आम आदमी और खास आदमी के बीच एक गहरी खाई है जिसके चलते लोगों में शासकों के प्रति आक्रोश बढता जा रहा है और जिसके चलते लोग स्वयं भी कानूनों का उल्लंघन करने लगे हैं।
असली भारत की मानवीय त्रासदी
आज भारत एक अभूतपूर्व प्रवासी मजदूरों की मानवीय समस्या का सामना कर रहा है। इस समस्या का समाधान अनुशासन के साथ मानवीय मूल्यों को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए। यह सच है कि सरकार ने उनके लिए अनेक उपायों की घोषणा की है किंतु आवश्यकता इस बात की है कि इसके लिए खजाने के द्वार खोले जाएं।
Sunita Williams: सुनीता विलियम्स का अदम्य साहस! भरी हौसलों की उड़ान, छुआ आसमान और धरती पर वापिस
‘अगर देखना चाहते हो मेरे ...
डोनाल्ड ट्रंप के व्यवहार को समझे भारत
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के खिलाफ जिस तरह की भाषा का इस्तेमान किया है, वह विदेश नीति के स्थापित सिंद्वातों और मयार्दाओं का उल्लंघन तो है ही, साथ ही अमेरिकी कूटनीति के स्याह चेहरे को भी दुनिया के सामने प्रकट करता हैं।
चीन से निकले मौत के वायरस के कृत्रिम होने की शंकाएं?
फ्रांस के नोबेल पुरुस्कार विजेता वैज्ञानिक लूक मांटेग्नर ने इस दावे का समर्थन किया है कि कोविड-19 महामारी फैलाने वाले नोवल कोरोना वायरस की उत्पत्ति प्रयोगशाला में की गई है और यह मानव निर्मित है। उनका यह भी दावा है कि एड्स बीमारी को फैलाने वाले एचआइवी वायरस की वैक्सीन (टीका) बनाने की कोशिश में यह अधिक संक्रामक और घातक वायरस तैयार किया गया है।
राजनीतिक दृष्टि से मुकाबला करने की आवश्यकता
कोरोना वायरस के कारण एक सुनियोजित संकट पैदा हो सकता है जिसमें सप्लाई चेन बाधित होगी, वस्तुओं के उत्पादन में गिरावट आएगी, तेल के मूल्यों को लेकर जंग छिड़ेगी और उपभोक्ता मांग में गिरावट आएगी।


























