देश में वैज्ञानिकों की कमी ?
वैज्ञानिकों को लुभाने की सरकार की अनेक कोशिशों के बावजूद देश के लगभग सभी शीर्ष संस्थानों में वैज्ञानिकों की कमी बनी हुई है। वर्तमान में देश के 70 प्रमुख शोध-संस्थानों में 3200 वैज्ञानिकों के पद खाली हैं। बैंगलुरु के वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान पर...
स्वास्थ्य पर सबसे बड़ा खतरा वायु प्रदूषण
बढ़ते प्रदूषण को रोकने को लेकर भारत को अपने पड़ोसी देश चीन से सीखना चाहिए, जहाँ 2015 में लाया गया पर्यावरण संरक्षण कानून अल्पकालिक लक्ष्यों के साथ पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार और विनियमन सुनिश्चित करने हेतु एक प्रभावकारी भूमिका निभा रहा है। चीन ने उत...
विनिवेश से आर्थिक सुशासन की राह को समतल किया जाए
सुशासन विश्व बैंक द्वारा निर्गत एक अवधारणा है, जिसकी परिभाषा कहीं अधिक आर्थिक है। लोक कल्याण को पाने के लिए आर्थिक पहलू को सजग करना सरकार का सकारात्मक कदम होता है, मगर विनिवेश का यह तात्पर्य नहीं कि मुनाफे की कम्पनियों को भी दर-बदर कर दिया जाये।
198...
कागज की नाव पर सवार कर्नाटक की सरकार
कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी का हालिया बयान कि, वे कांग्रेस की कृपा से मुख्यमंत्री हैं, कई मायनों में खास है। वहीं इस बयान से कर्नाटक की राजनीतिक उथल-पुथल, सांठ-गांठ और बेमेल गठजोड़ को भली भांति समझा जा सकता है। कुमारस्वामी ने यह बयान देने के बा...
नोटबंदी की सालगिरह : ऐतिहासिक या काला दिन
8 नवम्बर 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई अकस्मात नोटबंदी ने देश की जनता को ही नहीं बल्कि तंत्र, राजनीति और अर्थव्यवस्था को भी हिला कर रख दिया था। 500 और 1000 रूपए के नोट बंद कर 500 व 2000 के नए नोटों को बाजार में उतारा गया। आज एक वर्ष...
वंदेमातरम् पर ओछी सियासत
मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम् को तमिलनाडु के स्कूलों में सप्ताह में कम से कम दो बार गायन को अनिवार्य किए जाने के फैसले के बाद जिस तरह राजनीतिक दल इस पर ओछी सियासत कर मजहबी रंग दे रहे हैं, वह राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम् की गरिमा ...
वटवृक्ष बना हेनरी ड्यूनेंट द्वारा रोपा रेडक्रॉस का पौधा
बरगद के विशाल वट वृक्ष देखना अपने आप में एक अनुभव है। उसकी ममतामयी छाया तन-मन को तरंगित कर देती है। बरसों पुराने बरगद की ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर की ओर जाने वाली दाढऩुमा जड़ें और शाखाएं कड़े संघर्षों और गहरे अनुभवों का आभास देती हैं। वट वृक्ष के फल ख...
उत्सव किसका और क्यों? भारत के राजनीतिक योद्धा
बीते वर्ष की स्मृति लेख किन शब्दों में लिखें? खूब जश्न मनाएं और ढ़ोल नगाडेÞ बजाएं? नई आशाओं, सपनों और वायदों के साथ नव वर्ष 2019 का स्वागत करें? या बारह महीनों में निरंतर पतन की ओर बढ़Þते रहने पर शोक व्यक्त करें? वर्ष 2018 को इतिहास में एक मिले जुले वर...
ठंड के सितम के आगे हौसलें हारते बेघर
दिसंबर का महीना आते ही देश में ठंड अपने तेवर दिखाने लग जाती है। तापमान की गिरावट के साथ ही धीरे-धीरे दिन छोटा व रातें बड़ी होने लगती हैं। कई शहरों में तापमान शून्य के नीचे चला जाता है, तो कई शहरों में पछुआ पवनें अपनी गति तेज कर कहर बरपाने लगती हैं। वह...
चीन को क्यों खटकती है भारत-भूटान की दोस्ती?
भारत और भूटान के बीच बढ़ती दोस्ती पर दो महत्वपूर्ण प्रश्न खडे होते हैं। पहला प्रश्न यह कि भारत के लिए भूटान इतना महत्वपूर्ण क्यों है? कह सकते हैं कि भूटान तो एक छोटा-सा देश है, जिनकी जनसंख्या बहुत ही सीमित है, जिसकी अर्थव्यवस्था भी कोई ध्यान खींचने वा...
विश्व धरोहर में शामिल जयपुर परकोटे के भी होंगे ठाठ
विश्व विरासत के स्थल किसी भी राष्ट्र की सभ्यता और उसकी प्राचीन संस्कृति के महत्त्वपूर्ण परिचायक माने जाते हैं। हमारी आन बान और शान के प्रतीक जयपुर शहर को यूनेस्को की विरासत में शामिल करने के लिए काफी दिनों से प्रयास किये जा रहे थे जो अब जाकर फलीभूत ह...
केजरी को क्यों भाने लगी कांग्रेस ?
चुनाव नजदीक आते ही बदली दिल्ली की राजनीतिक हवा
भारतीय राजनीति में अचनाक एक नायक फिल्म की तरह आम आदमी की एंट्री होती है। वो किसी के आंदोलन का हिस्सा (Kejriwal) बनकर देश को बदलने की हुंकार भरता है लेकिन जब लगा कि इससे भी कुछ नही हो सकता तो वह अपनी पार...
तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति के बीच दोराहे पर अर्थव्यवस्था
कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में जारी किए अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया है कि वह गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे पांच करोड़ परिवारों को प्रति वर्ष 72,000 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। इस योजना के अंतर्गत 12,000 रूपए से कम आमदनी वाले परिव...
पश्चिम बंगाल में क्यों भड़कती है चुनावी हिंसा?
पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा लोकतंत्र का सबसे घिनौना रुप है। आम चुनावों के दौरान बंगाल कश्मीर से भी बदतर है। लोकतंत्र में हिंसा का रास्ता अख्तियार कर राजनैतिक दल क्या संदेश देना चाहते हैं। 60 साल तक केंद्र की सत्ता में रहने वाली कांग्रेस इस तरह की र...
हिमा के स्वर्ण पदकों से चमका भारत
राष्ट्र का एक भी व्यक्ति अगर दृढ़ संकल्प से आगे बढ़ने की ठान ले तो वह शिखर पर पहुंच सकता है। विश्व को बौना बना सकता है। पूरे देश के निवासियों का सिर ऊंचा कर सकता है, भले ही रास्ता कितना ही कांटों भरा हो, अवरोधक हो। भारत की नई उड़नपरी 19 वर्षीय असमिया एथ...