लद्दाख में चीन का खेल
चीन का मुकाबला करने के लिए भारत को कूटनयिक, आर्थिक और सैनिक प्रतिरोधक क्षमता अर्जित करनी होगी। पिछले सात दशकों से जिस सीमा का निर्धारण नहीं हुआ उसके बारे में कदम उठाने होंगे। भारत को अपनी चीन नीति को बदलते समय आवश्यकताओं के अनुसार बदलना होगा और वास्तविक नियंत्रण रेखा को परिभाषित करना होगा।
विवादों पर स्थिति स्पष्ट हो
होना तो यह चाहिए था कि सर्वदलीय पार्टी मीटिंग के बाद किसी भी प्रकार के मतभेद की गुंजाईश न रहे लेकिन हुआ इससे विपरीत। सर्वदलीय मीटिंग के बाद सरकार व विपक्षी दलों के जमकर ब्यानबाजी हो रही है, जो अभी तक रूकी नहीं।
आविष्कार से निकलेगी नई राह
भारत को अगर वैश्विक परिदृश्य पर अपनी अलग पहचान बनानी है, और चीन का विकल्प बनना है। तो उसके समानांतर एक दूसरी रेखा खींचने की दिशा में आगे बढ़ना होगा। करना यह होगा कि भारतीय ज्ञान परम्परा और शोध को महत्व देने की दिशा में बढ़ें। देश की श्रम शक्ति को व्यापक स्तर पर प्रशिक्षित कर उन्हें कुशल बनाना होगा। शोध का दायरा बढ़ाना होगा।
























