प्यारे सतगुरू जी ने सीआईडी अधिकारियों के भ्रम को किया दूर
वे बाहर के सीआईडी के लोग हैं, असीं हुए अंदर के सीआईडी।’’ वे लोग चकित रह गए कि इनको कैसे मालूम हुआ क्योंकि उनकी बात गोपनीय थी।
महंगाई अब मुद्दा ही नहीं रही
चाहे पिछले सालों की तुलना में संसद के कामकाज के आंकड़े अच्छे दिखते हैं लेकिन एक स्वस्थ, तार्किक, मुद्दों पर आधारित बहस लगभग गायब सी हो गई है और उसकी जगह मुद्दाविहिन, अतार्किक बहस ने ले लिया है। राजनीति के सिद्धांत खत्म होते जा रहे हैं। सत्ता हासिल करना ही आज एकमात्र सिद्धांत रह गया है।


























