सस्ते हुए तेल का भंडारण जरूरी
पूरी दुनिया में कच्चा तेल वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की गतिशीलता का कारक माना जाता है। ऐसे में यदि तेल की कीमतों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, तो इसका प्रत्यक्ष कारण है कि दुनिया में औद्योगिक उत्पादों की मांग घटी है। इस मांग का घटना इस बात का संकेत है कि समूचे विश्व पर मंदी की छाया मंडरा रही है।
बुद्ध का क्रोधी शिष्य
कई शिष्य एक साथ कह उठे- हमारे धर्म में तो जांतपात का कोई भेद नहीं, फिर वह अस्पृश्य कैसे हो गया? तब बुद्घ ने स्पष्ट किया- आज यह क्रोधित होकर आया है। क्रोध से जीवन की एकता भंग होती है।
मॉब लिचिंग पर राजनेताओं, मीडिया की क्या हो भूमिका
समस्या यह है कि मॉब लिंचिग कहीं बदलाखोरी का रूप न धारण कर जाए? यहां राजनीतिक पार्टियों को इस गंभीर मुद्दे पर संयम रखना होगा और भीड़ में हुई हत्याओं को सांप्रदायिक रंगत देने से बचा जाए। राजनीतिक लोगों से कहीं ज्यादा जिम्मेवारी मीडिया के लोगों पर भी है। मीडिया को अपनी कवरेज में साम्प्रदायिक पुट देने से बचना चाहिए।
चीन के एफडीआई पर भारत का हमला
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के नवीनतम अधिसूचना के अनुसार भारत की भूमि से संबद्ध देशों के नागरिकों या इन देशों में स्थापित कंपनियों या इन देशों के नागरिकों के स्वामित्व वाली कंपनियों को भारत में किसी भी क्षेत्र में निवेश करने के लिए सरकार की अनुमति लेनी होगी।
परेशान हो उठे थे सुभाष
सुभाष बाबू बोले- यह देश हमारा है और हम आदेश विदेशियों का मानते हैं? क्या हम अपने घरों में उन लोगों के चित्र भी नहीं लगा सकते जिन्होंने हमारे लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। यह तो जुल्म है। आज मुझे आजादी का महत्व समझ में आ गया है। इस घटना के बाद सुभाष बाबू पर देशभक्ति का रंग और गहरा हो गया।
दोहरे मापदंड न अपनाएं
बिहार में कोटा से विद्यार्थियों की वापिसी के लिए राजनीतिक जंग शुरू हो गई है। नि:संदेह यह प्रधानमंत्री के आदेशों, अपील और देश की आवश्यकताओं के विरुद्ध है। इस वक्त हजारों लोगों का इधर-उधर जाना खतरे से खाली नहीं। कोटा में रह रहे विद्यार्थियों और देश में कोरोना से मरने वाले लोगों को देखते हुए इस समय जगह न बदलने में ही भलाई है।
मेरे लिए नहीं…..मैं खास हूं, तुम कौन?
लगता है हम ऐसे भारत में रह रहे हैं जहां पर केवल वीवीआईपी को महत्व दिया जाता है और जहां पर हम विशेषाधिकारों के लिए एक संकरी सी आधिकारिक पट्टी पर रह रहे हैं। जहां पर हमारे आम आदमी और खास आदमी के बीच एक गहरी खाई है जिसके चलते लोगों में शासकों के प्रति आक्रोश बढता जा रहा है और जिसके चलते लोग स्वयं भी कानूनों का उल्लंघन करने लगे हैं।
दोस्ती का अंदाज
कोई भी अनजान व्यक्ति दूसरे अनजान को देखकर अपना नाम बताते हुए हाथ आगे बढ़ा देता था। इस प्रकार अपरिचित लोग भी एक दूसरे के दोस्त बन जाते थे। दोस्ती करने का यह रिवाज वहां काफी लोकप्रिय था।
कोरोना योद्धाओं को सलाम
देश भर के डॉक्टर, पुलिस व सफाई कर्मचारी, इस वक्त कोरोना वायरस जैसी नामुराद बीमारी से लड़ रहे हैं। इन्हें कोरोना वॉरियर्स का नाम दिया गया है। सरकार को उन समाजसेवी लोगों के जज्बे की भी सराहना करने की आवश्यकता है जो बिना किसी वेतन, स्वार्थ के प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं।
कोरोना आपदा में अच्छे मानसून की खबर
देश में इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य रहने का अनुमान है। यह खबर खेती-किसानी, कृषि मजदूर और उससे जुड़े व्यापारियों के लिए सुकून देने वाली है। यही खेती हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।


























