मॉब लिचिंग पर राजनेताओं, मीडिया की क्या हो भूमिका

What is the role of politicians, media on mob lynching
मॉब लिचिंग या कहें भड़काऊ भीड़ द्वारा हिंसा की घटनाएं रूकने का नाम नहीं ले रही। विगत दिनों महाराष्ट्र के जिला पालघर में तीन व्यक्तियों को स्थानीय भीड़ ने पीट-पीटकर मार दिया। भीड़ की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भीड़ ने पुलिस से इन व्यक्तियों को खींचकर उनकी हत्या कर दी। इस घटना को सांप्रदायिक और राजनैतिक रंगत देने के प्रयास किए गए लेकिन जिस प्रकार महाराष्ट्र सरकार ने घटना के बाद पुलिस कर्मचारियों को निलंबित करने के साथ-साथ भीड़ में शामिल व्यक्तियों को गिरफ्तार किया उससे राजनीतिक रोटियां सेंकने वालों को निराशा हाथ लगी है। यह काफी संतोषजनक बात है कि सरकार को मामले की निष्पक्ष व गहराई से जांच कर दोषियों को सजा दिलवानी चाहिए।
दरअसल पिछले कई वर्षों से एक दर्जन के करीब राज्यों में भीड़ ने हत्याकांड की घटनाओं को अंजाम दिया, यह मामला संसद में भी उठाया गया था। अधिकतर मामलों में इस बात पर बहस होती रही है कि यह भीड़ का मामला है भी या नहीं, इस राजनीतिक बहस में दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का माहौल नहीं बन सका। अब समस्या यह है कि मॉब लिंचिग कहीं बदलाखोरी का रूप न धारण कर जाए? यहां राजनीतिक पार्टियों को इस गंभीर मुद्दे पर संयम रखना होगा और भीड़ में हुई हत्याओं को सांप्रदायिक रंगत देने से बचा जाए। इसके अलावा घटनाओं में बदले की भावना अगर फैल जाए तब देश के किसी एक हिस्से में कोई घटना घटती है फिर कुछ दिनों बाद उसके जवाब में दूसरे किसी हिस्से में बदले की भावना से हिंसक माहौल बना दिया जाता है। कानून को अपना काम करने देना चाहिए। आरोपियों को पनाह देना समाज और देश हित में नहीं है, फिर इस दौर में राजनीतिक लोगों से कहीं ज्यादा जिम्मेवारी मीडिया के लोगों पर भी है। मीडिया को अपनी कवरेज में साम्प्रदायिक पुट देने से बचना चाहिए। इतना ही नहीं मीडिया कर्मी कई बार मामूली तथ्यों पर ज्यादा सनसनीखेज स्टोरी बनाने के चलते अर्थ का अनर्थ कर देते हैं जबकि मीडिया कर्मी ऐसी ताकत भी हैं जो गलतफहमियों को दूर कर बड़ी से बड़ी हिंसा को शांत कर सकते हैं। दूसरी ओर इस वक्त पूरा देश कोरोना महामारी का सामना कर रहा है और पुलिस फोर्स लॉकडाऊन को सफल बनाने में जुटी हुई है। यदि इन हालातों में हिंसा की घटनाएं बढ़ती हैं तब कोरोना के खिलाफ जंग कमजोर पड़ सकती है।
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