‘हरियाणवी मंडप’ ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में छोड़ी लोक संस्कृति की छाप

हरियाणवी पगड़ी पहनकर सेल्फी लेने का दिखा क्रेज

कुरुक्षेत्र। (सच कहूँ/देवीलाल बारना) अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2022 के अवसर पर ब्रह्मसरोवर के पुरुषोत्तमपुरा बाग में हरियाणवी मंडप के माध्यम से हरियाणवी संस्कृति का संदेश लाखों पर्यटकों तक पहुंचा। गीता महोत्सव में हरियाणा मंडप सभी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहा। इस मंडप में सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिली। यह जानकारी कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने दी है। उन्होंने बताया कि 6 दिन तक चले हरियाणवी मंडप का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने लोक पारम्परिक तरीके से किया था।इस मंडप में हरियाणवी पगड़ी, किसानी प्रदर्शनी, लोहार प्रदर्शनी, टोकरे बनाने की कला, बढ़ई के माध्यम से हल व रथ बनाने की कला, गुड्डे व गुडिय़ा बनाने की कला, बीजणे बनाने की कला, हरियाणा की चारपाई व पीढ़ा बुणाई कला, हरियाणा की चरखा परम्परा, लोकजीवन पर आधारित चित्र प्रदर्शनी, सिक्कों की प्रदर्शनी के साथ-साथ हरियाणा की लोक सांस्कृतिक परम्पराओं को प्रदर्शित किया गया।

रागनियों, लोकनृत्यों व सांग कर रहे आकर्षित

हरियाणवी मंडप के मंच पर विभिन्न लोक कलाकारों ने सुबह से लेकर शाम तक हरियाणा के लोकगीतों, रागनियों, लोकनृत्यों, सांग, जोगी गायन, सपेरा नृत्य, बंचारी नृत्य, हरियाणवी धमाल आदि के माध्यम से दर्शकों की भीड़ को अपनी ओर आकर्षित किया। इसके साथ ही मंडप में हरियाणा के खान-पान बाजरा व मक्के की रोटी, साग, पूड़ा, घी-बूरा, कढ़ी चावल, राजमा, बाजरे की खिचड़ी, बाकली, गुड़ का दलिया, नमकीन व लस्सी, चूरमा, खीर, सेवइयां, गोलगप्पे, गुड़ का हलवा, गुड़ की चाय, वेजिटेबल दलिया आदि के माध्यम से हरियाणवी खान-पान का भी खूब प्रचार हुआ।

हरियाणा सरकार के मंत्री भी हुए कायल

हरियाणवी मंडप को लाखों लोगों ने देखा और हरियाणवी संस्कृति से जुड़े। केन्द्रीय मंत्री, हरियाणा सरकार के मंत्रियों तथा राजनीतिक हस्तियों ने भी हरियाणवी मंडप का अवलोकन कर प्रशासन, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड, हरियाणा कला परिषद व कला एवं सांस्कृतिक विभाग के इस प्रयास की भूरि-भूरि प्रशंसा की। हरियाणा कला परिषद् के निदेशक संजय भसीन, कला एवं सांस्कृतिक अधिकारी दीपिका, हेमा, तान्या चौहान, रेणू हुड्डा ने कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड, हरियाणा सरकार तथा प्रशासनिक अधिकारियों का हरियाणवी संस्कृति को लाखों लोगों तक पहुंचाने के लिए हार्दिक धन्यवाद किया।

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