
पिछले वर्ष 14 दिसंबर को मिला था कमीशन
Lieutenant Shashank Tiwari dies: नई दिल्ली (एजेंसी)। सेना के सिक्किम स्काउट्स (Sikkim Scouts) के युवा अधिकारी लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी ने साहस, नेतृत्व और अधिकारी तथा जवानों के बीच के अटूट बंधन का असाधारण प्रदर्शन करते हुए उत्तरी सिक्किम में एक ‘आॅपरेशनल टास्क’ के दौरान साथी सैनिक को बचाने के लिए सर्वोच्च बलिदान कर मिसाल पेश की है। एक रक्षा विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। Lt. Shashank Tiwari News
23 वर्षीय लेफ्टिनेंट तिवारी को छह महीने से भी कम समय पहले पिछले वर्ष 14 दिसंबर को कमीशन मिला था। वह दो दिन पहले 22 मई को सिक्किम में एक ‘टैक्टिकल आॅपरेटिंग बेस’ (टीओबी) की ओर महत्वपूर्ण पोस्ट की रूट ओपनिंग पैट्रोल का नेतृत्व कर रहे थे। सुबह लगभग 11 बजे उनके गश्ती दल के एक सदस्य अग्निवीर स्टीफन सुब्बा का ‘लॉग ब्रिज’ को पार करते समय पैर फिसल गया और वह तेज पहाड़ी धारा में बह गए।
22 मई को सिक्किम में रूट ओपनिंग पैट्रोल के वक्त हुआ हादसा
लेफ्टिनेंट तिवारी ने असाधारण सूझबूझ, नि:स्वार्थ नेतृत्व और अपनी टीम के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का परिचय देते हुए बिना किसी हिचकिचाहट के अग्निवीर को बचाने के लिए खतरनाक धारा में छलांग लगा दी। एक अन्य सैनिक नायक पुकार कटेल भी तुरंत उनकी सहायता के लिए उनके पीछे चले गए। उन दोनों ने साथ मिलकर डूबते हुए अग्निवीर को बचा लिया। इसी दौरान दुर्भाग्य से लेफ्टिनेंट तिवारी तेज बहाव में बह गए। उनके गश्ती दल द्वारा अथक प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सकता और उनका शव सुबह साढेÞ 11 बजे 800 मीटर नीचे की ओर मिला।
लेफ्टिनेंट तिवारी की वीरतापूर्ण कार्रवाई सेना के मूल्यों नि:स्वार्थ सेवा, ईमानदारी, शानदार नेतृत्व और अधिकारियों तथा जवानों के बीच रैंक से परे अटूट बंधन, का एक शानदार उदाहरण है। अधिकारी के परिवार में उनके माता-पिता और एक बहन हैं। भारतीय सेना को इस बहादुर अधिकारी की मृत्यु का दुख है जो अपनी कम उम्र और संक्षिप्त सेवा के बावजूद, साहस और सौहार्द की ऐसी विरासत छोड़ गए हैं जो आने वाली पीढ़ियों के सैनिकों को प्रेरित करती रहेगी। Lt. Shashank Tiwari News
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