हिरासत में पूछताछ का कोई आधार नहीं, केवल राजनीति कर रही कांग्रेस: एडवोकेट बराड़

No basis for custodial interrogation sachkahoon

सीएम चन्नी के इशारों पर जांच कर रही एसआईटी

  • कहा, पूज्य गुरू जी व डेरा मैनेजमेंट ने एसआईटी टीम को जांच में पूरा सहयोग किया

  • डॉ. नैन ने खराब स्वास्थ्य होने के बावजूद सभी सवालों के जवाब दिए

फरीदकोट (सच कहूँ न्यूज)। बेअदबी मामले की जांच कर रही पंजाब पुलिस की एसआईटी टीम केवल राजनैतिक मोहरा बनकर रह गई। जांच टीम राजनैतिक इशारे पर पूज्य गुरू संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां से अपनी हिरासत में पूछताछ करने की हाईकोर्ट में मांग कर रही है। यह कहना है डेरा सच्चा सौदा के वकील केवल सिंह बराड़ का।

एडवोकेट बराड़ ने कहा कि पूज्य गुरू जी और मैनेजमेंट एसआईटी को बेअदबी मामले में पूछताछ दौरान पूरा सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा एसआईटी दो बार सुनारिया जेल जाकर अपने सवालों के जवाब ले चुकी है और सरसा में डेरा सच्चा सौदा के सी. वाइस चेयरमैन डॉ. पीआर नैन से भी पूछताछ कर चुकी है। एसआईटी को हर सवाल का जवाब दिया गया है। डॉ. नैन ने स्वास्थ्य खराब होने के बावजूद साढ़े चार घंटे जांच में शामिल होते हुए हर सवाल का जवाब दिया। केवल बराड़ ने कहा कि इतनी पूछताछ के बावजूद एसआईटी का हिरासत में पूछताछ करने की माँग करना मामले का राजनीतिकरण है। उन्होंने कहा कि हिरासत में पूछताछ करने की मांग विधान सभा चुनावों के नजदीक आने के कारण हो रही है। सत्तापक्ष राजनैतिक लाभ लेने के लिए ऐसे हथकंडे इस्तेमाल कर रही है। सत्तापक्ष इसे बिना वजह धार्मिक मुद्दा बनाकर समाज को तोड़ने की साजिश रच रहा है।

उन्होंने कहा कि जिन व्यक्तियों के बयानों के आधार पर पूज्य गुरू जी से पूछताछ की जा रही है, उन व्यक्तियों के बयान तो 2020 में लिए गए थे फिर गुरू जी से पूछताछ अचानक चुनावों के नजदीक ही क्यों याद आती है। बराड़ ने कहा कि वास्तविक्ता सभी जानते हैं। मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी सरेआम एसआईटी में दखल दे रहे हैं और एसआईटी को चुनावी उद्देश्य के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। मुख्यमंत्री एक दिन जो कार्रवाई करने का बयान देते हैं अगले दिन एसआईटी वही कुछ हाईकोर्ट में बोल रही होती है। एसआईटी की जांच का केवल बहाना है, सबकुछ सत्तापक्ष के इशारों पर हो रहा है। मुख्यमंत्री का एक इंटरव्यू 16 दिसंबर 2021 के एक हिंदी समाचार पत्र के मुख्य पृष्ठ पर सात कालमों में प्रकाशित होता है, जिसमें मुख्य समाचार में मुख्यमंत्री का बयान प्रकाशित हुआ है कि वे डेरा प्रमुख की कस्टोडियल जांच की मांग करेंगे। 17 दिसंबर को यह बात सच साबित हो जाती है और अगले ही दिन एसआईटी हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट सौंपने के वक्त पूज्य गुरू जी की कस्टोडियल जांच की मांग करती है। 16 तारीख का हिंदी समाचार पत्र पढ़कर इस बात की कोई शंका नहीं रह जाती कि पुलिस कुछ भी नहीं कर रही, सब कुछ कांग्रेस पार्टी विशेष तौर पर मुख्यमंत्री के मौखिक आदेशों पर हो रहा है।

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