अनिल कक्कड़ चंडीगढ़। बुधवार को कांग्रेस का हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा में धराशयी हो गया। अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 32 वोट और विरोध में 55 वोट पड़े। इससे पूर्व सदन में कांग्रेस विधायक दल के नेता और नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान में सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच गर्मागरम बहस हुई। सदन में कांग्रेस के सभी विधायक अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में खड़े हुए। भाजपा और जननायक जनता पार्टी के विधायक अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में खड़े हुए।
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आज हाल यह है कि सरकार का कोई मंत्री, विधायक या सांसद गांवों में नहीं घुस सकता। आज कृषि कानूनों की बात नहीं करूंगा, लेकिन लोग इस सरकार से नाराज बैठे हैं। हरियाणा सरकार ने किसानों पर वाटर कैनन से हमला किया। पुलिस वालों को किसानों को पीटने के लिए लोहे से डंडे दिए गए। आज किसान की लागत बढ़ गई है और आमदनी घट रही है। सरकार ने आंदोलन को कुचलने का हरसंभव प्रयास किया। हुड्डा ने कहा कि सरकार लोगों का विश्वास खो चुकी है। लोग इनके हेलीकाप्टर तक नीचे नहीं उतरने दे रहे हैं। हरियाणा में बेरोजगारी की तरह अपराध भी बढ़ रहा है। हरियाणा में हर रोज तीन से चार हत्याएं, पांच से छह दुष्कर्म, 54 चोरी डकैती व लूट की वारदात हो रही है।
वापिस नहीं होंगे कृषि कानून
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि कोई कुछ भी कर ले, कृषि कानून वापस नहीं होगा। इस आंदोलन से किसानों का भी नुकसान हुआ है। इस आंदोलन की वजह से खड़ी फसलों को नष्ट करने का आह्वान हुआ है। हर किसी को अपनी फसल बेचने का अधिकार होता है। इस आंदोलन से किसी को लाभ नहीं होगा। विपक्ष इसे खत्म कराने में मदद करे। आंदोलनकारियों को उकसाना बंद करे। मुख्यमंत्री ने कहा, तीनों कृषि कानून वैकल्पिक हैं। इन कानूनों का मानने का कोई बंधन नहीं है। हमने लोगों ने बार-बार कहा है और अब भी कह रहा हूं मंडियां बंद नहीं होंगी। एमएसपी पर सरकार फसल खरीदेगी।
ये है वर्तमान स्थिति
विधानसभा में कुल सीटें : 90
- भाजपा : 40
- कांग्रेस : 30
- जजपा: 10 सीट
- निर्दलीय : 7
- इनेलो : 0
- हलोपा: 1
कृषि कानूनों के विरोध में महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू और चरखी दादरी के सोमवीर सांगवान समर्थन वापस ले चुके हैं। ऐलनाबाद सीट से विधायक इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। साथ ही कालका के कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी को तीन साल की सजा होने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है।
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