बलाचौर और दसूआ राज्य राजमार्ग पर तीन टोल प्लाजा किए बंद
- हर रोज बचेंगे जनता के 10.52 लाख रुपये
होशियारपुर (सच कहूँ न्यूज)। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को होशियारपुर जिले में बलाचौर-दसूआ राज्य राजमार्ग पर तीन टोल प्लाजा बंद करने की घोषणा की। सीएम मान ने अनुबंध की समाप्ति पर टोल बैरियरों को बंद होने की घोषणा करने के लिए व्यक्तिगत रूप से आने की आलोचना की आशंका करते हुए कहा कि वह अतीत में राज्य में शासन करने वाली टोल कंपनियों और राजनीतिक दलों के गठजोड़ को बेनकाब करने आए थे।
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मुख्यमंत्री ने नंगल शहीदां में कहा कि टोल कंपनी ने शहीद भगत सिंह नगर, नंगल शहीदां और मानगढ़ में मजारी में टोल प्लाजा चलाने के लिए विस्तार का अनुरोध किया था, लेकिन सरकार ने जनहित में अनुमति देने से इनकार कर दिया। उनके साथ पंजाब के राजस्व मंत्री ब्रह्म शंकर जिम्पा और विधानसभा उपाध्यक्ष जय किशन रोड़ी भी थे।
मान ने कहा कि अगर कांग्रेस, अकाली या भाजपा की सरकार होती, तो वह इस प्रस्ताव पर सहमत हो जाती, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार के दिमाग में केवल लोगों का हित है। उन्होंने पिछली राज्य सरकारों पर वर्षों तक टोल कंपनियों को जनता को लूटने देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कंपनियों ने समझौते की शर्तों का पालन नहीं किया, फिर भी उनके समझौतों को नियमित रूप से नवीनीकृत किया गया। पिछली सरकारों ने अपने स्वार्थ के लिए जनता के हित को टोल कंपनियों के हाथों गिरवी रख दिया। हम अब और लूट नहीं होने देंगे।
उन्होंने कहा कि आज बंद हुए तीन प्लाजा का संचालन करने वाली कंपनी ने कोविड-19 की मंदी और किसानों के आंदोलन के कारण हुए नुकसान का हवाला देते हुए विस्तार की मांग की थी, जबकि इसने सड़क की मरम्मत और अन्य सुविधाओं पर खर्च किए गए धन की तुलना में कहीं अधिक पैसा कमाया था।
मान ने कहा कि कंपनी को कारण बताओ नोटिस दिया जा रहा है कि क्यों न उसे अनुबंध समझौते का उल्लंघन करने के लिए काली सूची में डाल दिया जाए। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों को अनुबंध समाप्त कर देना चाहिए था लेकिन उन्होंने विश्वासघात के लिए जुर्माना भी नहीं लगाया। उन्होंने कहा कि टोल प्लाजा बंद होने से बेरोजगार हुए कर्मचारियों का ध्यान रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रताप बाजवा, कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुखबीर बादल और परमिंदर ढींडसा जवाब दें कि ये लोगों को क्यों लूटते रहते हैं। उन्होंने कहा कि आज से रोजाना के टोल से लोग 10.52 लाख रुपये बचाएंगे। अगर 10 साल पहले यह टोल बंद होता तो बहुत लोगों के धन बचत होती। उन्होंने कहा कि अगर पहले की सरकारों की नीयत नेक होती तो पहले 2013 में और फिर 2018 में टोल रोक दिया जाता। तमाम समझौतों के तहत जनता की लूट जारी रही, अब जनता की अपनी सरकार है।
उन्होंने कहा कि हमने लोगों से वादा किया था कि हम हर तरह की लूट को रोकेंगे। आज ये तीनों टोल बंद कर दिए गए हैं। इस टोल प्लाजा कंपनी पर समय पर चेकिंग नहीं करने के लिए 61.60 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था जो कि ‘राज नहीं सेवा’ है, वाली सरकारों ने माफ कर दिया था। इस टोल प्लाजा को तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री प्रताप बाजवा ने मौजूदा एलओपी में मंजूरी दी थी। समझौते के तहत पहली बार मार्च 2013 में सड़क का काम पूरा किया जाना था, लेकिन टोल कलेक्टरों ने 2015 में 786 दिन देरी से काम पूरा किया। ब्याज सहित कुल जुर्माना 61.60 करोड़ था, जिसे ‘राज नहीं सेवाकर्मियों’ ने माफ कर दिया। समझौते में लिखा था कि सरकार छह करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना नहीं वसूल सकती।
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