कानून बनाने वाले भी नहीं भर रहे Income tax

Income tax
Punjab Ministers are Not paying income tax

मुख्यमंत्री सहित 14 मंत्रियों के 50 लाख टैक्स बकाया Income tax

  • सबसे ज्यादा अमरिन्दर सिंह की तरफ बकाया है 18 लाख 28 हजार 171 रूपये टैक्स
  • केवल मनप्रीत बादल, शाम सुंदर अरोड़ा और ओपी सोनी ने ही जमा करवाया है टैक्स

चंडीगढ़ (सच कहूँ/अश्वनी चावला)। आय का टैक्स भरने की घोषणा करने के बाद विधानसभा में टैक्स अदा करने का एक्ट पास हुआ है, लेकिन विडंबना यह है कि पंजाब के मंत्री व मुख्यमंत्री खुद भी टैक्स नहीं अदा कर रहे। वित्त विभाग ने मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह सहित 14 कैबिनेट मंत्रियों को टैक्स जमा करवाने के लिए नोटिस भेजे हैं। नोटिस पत्र छह महीने पहले जारी हुआ था लेकिन अभी तक सीएम सहित मंत्रियों ने टैक्स अदा करने का नाम तक नहीं लिया। इन कैबिनेट मंत्रियों में से केवल वित्त मंत्री मनप्रीत बादल, उद्योग मंत्री शाम सुंदर अरोड़ा और मेडीकल शिक्षा मंत्री ओपी सोनी ने ही टैक्स जमा करवाया है। इस लिस्ट में शिक्षा मंत्री विजेइन्द्र सिंगला भाी शामिल हैं। बाकी बचे सभी कैबिनेट मंत्रियों सहित मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह पर लाखों रुपये का टैक्स बकाया पड़ा है।

वित्त विभाग ने अपनी जेब से भरा Income tax

जानकारी के अनुसार चुनावों में कांग्रेस ने घोषणा की थी कि वे मुख्यमंत्री सहित कैबिनेट मंत्रियों की आय का टैक्स सरकार की जेब से भरने की बजाए अब खुद भरेंगे। कांग्रेस सरकार आने के बाद 2018 में विधान सभा में संशोधन एक्ट पेश किया गया और यह धारा जोड़ी गई कि मुख्यमंत्री व मंत्री सहित विपक्ष नेता, स्पीकर और डिप्टी स्पीकर खुद अपना टैक्स भरेंगे।

यह एक्ट पास होने के बाद मंत्रीमंडल मामले विभाग ने 4 मई 2018 को पत्र नंबर 2/1/2008 -5कैब /2324 के द्वारा आदेश दिए थे कि सभी कैबिनेट मंत्रियों और मुख्यमंत्री सहित विपक्ष के नेता के वेतन से ही टैक्स काटा जाए। विडंबना यह है कि वेतन जारी होने के दौरान टैक्स विभाग ने टैक्स काटना शुरू भी किया लेकिन वित्तीय वर्ष के अंत में जब टैक्स प्लानिंग सलाहकार ने हिसाब-किताब बनाया तो सभी मंत्रियों की तरफ टैक्स पैडिंग था। फिलहाल टैक्स की अदायगी वित्त विभाग ने कर दी है और मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों को टैक्स अदायगी के लिए दी गई रकम को जमा करवाने के आदेश जारी कर दिए गए।

पत्र में यह लिखकर भेजा

टैक्स प्लैनिंग सलाहकार सुरिन्दर कौर वड़ैच ने 18 जून 2018 को सभी कैबिनेट मंत्रियों को पत्र जारी किया था। पत्र में कहा गया कि बकाया आमदनी टैक्स वित्त विभाग की तरफ से जमा करवा दिया था, इसीलिए वित्तीय वर्ष 2018 -19 दौरान कुल आमदनी टैक्स में से कटौती की गई रकम को छोड़ते हुए बाकी आदमन टैक्स का पैसा सरकार को जमा करवाया जाए। इन आदेशों के जारी होने के बाद केवल मनप्रीत बादल, शाम सुंदर अरोड़ा और ओपी सोनी ने ही टैक्स जमा करवाया है।

किस मंत्री की तरफ कितना टैक्स बकाया?

  • मंत्री का नाम                                     टैक्स बकाया
  • अमरिन्दर सिंह (मुख्यमंत्री)               18 लाख 28 हजार 171
  • चरनजीत सिंह चन्नी                         4 लाख 1 हजार
  • ब्रह्म महेन्दरा                                    4 लाख 999 रुपये
  • नवजोत सिद्धू                                     3 लाख 65 हजार 808
  • अरूणा चौधरी                                    3 लाख 3 हजार
  • तृप्त राजिन्दर बाजवा                        3 लाख 579 रुपये
  • गुरप्रीत सिंह कांगड़                            2 लाख 41 हजार
  • साधू सिंह धर्मसोत                             2 लाख 29 हजार 530
  • सुखजिन्दर सिंह रंधावा                      2 लाख 28 हजार
  • भारत भूषण आसू                               2 लाख 7 हजार
  • बलबीर सिंह सिद्धू                               1 लाख 92 हजार 112
  • रजिया सुलताना                                1 लाख 67 हजार 42
  • सुखबिन्दर सिंह सरकारिया                1 लाख 49 हजार
  • राणा गुरमीत सोढ़ी                            46 हजार

सिद्धू मंत्रीमंडल से हटे, फिर भी नहीं भरा टैक्स

नवजोत सिंह सिद्धू ने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बावजूद उन्होंने टैक्स नहीं भरा है। प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा नवजोत सिद्धू की तरफ बकाया टैक्स की चिंता है, क्योंकि अन्य मंत्रियों को दिए जा रहे वेतन में से अतिरिक्त कटौती करते हुए बकाया रकम सरकार रिकवरी कर सकती है लेकिन सिद्धू मंत्री मंडल से बाहर होने के कारण उनके वेतन से भी कटौती नहीं की जा सकती। सिद्धू ने वित्तीय वर्ष 2018-19 का टैक्स 6 लाख 55 हजार 808 रुपये बनता था, जिसमें से 2 लाख 90 हजार नवजोत सिद्धू की वेतन से पहले ही कटौती कर ली गई थी, जबकि अब बकाया तीन लाख 65 हजार 808 रुपये है। जोकि आज भी नवजोत सिद्धू से सरकार ने वसूलना है।

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