राज्यसभा में बवाल: सांसदों और मार्शल की धक्का-मुक्की का वीडियो आया सामने

Ruckus in Rajya Sabha

विपक्ष ने देश, लोकतंत्र को शर्मसार किया : भाजपा

  • राज्यसभा में मार्शलों के बर्ताव को लेकर उपराष्ट्रपति से मिला विपक्ष

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। राज्यसभा में कल की घटनाओं को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच जंग छिड़ गई है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि मानसून सत्र को निर्धारित समय से पहले समाप्त करने पर सरकार के साथ सहमति बनी थी। इस दौरान केवल अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण से संबंधित ‘संविधान संशोधन 127 वां विधेयक 2021’ पारित करने पर सहमति बनी थी। सदन में सरकार ने साधारण बीमा से संबंधित विधायक भी विपक्ष पर थोपने का प्रयास किया। इस कारण विपक्षी नेताओं को विरोध करने पर उतरना पड़ा। इसलिए सदन में अव्यवस्था और शोर-शराबे की स्थिति बनने का जिम्मेदार विपक्षी नेताओं को नहीं ठहराया जा सकता।

वहीं भाजपा का कहना है कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों ने संसद के भीतर सड़क पर किए जाने वाले विरोध जैसा आचरण किया। इससे ना केवल देश बल्कि लोकतंत्र शर्मसार हुआ है। राज्यसभा में बुधवार की घटना का विडियों सामने आया है। वीडियों में देखा जा सकता है विपक्ष के सांसद और मार्शल के बीच धक्का-मुक्की हुई है। कुछ महिला सांसदों और लेडी मार्शल के बीच भी धक्का मुक्की हुई है। उधर संसद के हाल ही में समाप्त हुए मानसून सत्र के दौरान मार्शलों – सुरक्षाकर्मियों के बर्ताव को लेकर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम समेत 15 विपक्षी दलों के नेताओं ने वीरवार को उपराष्ट्रपति से मुलाकात की।

क्या है मामला

संसद का सत्र 13 अगस्त तक था लेकिन राज्यसभा और लोकसभा में पक्ष और विपक्ष के बीच बने गतिरोध के कारण इसे 12 अगस्त को ही समाप्त करना पड़ा। सत्र के दौरान राज्यसभा में विपक्ष ने भारी हंगामा किया और सदन में महासचिव की मेज पर विपक्षी दल के सदस्य चढ़कर बैठ गए।

विपक्ष का आरोप-मार्शलों ने सांसद महिला से मारपीट की

हंगामे के दौरान ही संसद की एक महिला सुरक्षा कर्मी को चोट आई। खबरों के अनुसार सदस्यों और मार्शलों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। विपक्षी कांग्रेस का आरोप है कि राज्यसभा में मार्शलों ने उसकी सदस्य छाया वर्मा के साथ मारपीट की। विपक्षी दलों का यह भी आरोप है कि सदन में अन्य लोगों को मार्शल की वर्दी में तैनात किया गया।

भाजपा नेता पीयूष गोयल ने जांच की मांग की

इस बीच राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने हंगामा कर रहे विपक्षी दल के सदस्यों की जांच के लिए एक समिति गठित करने की मांग की है और उन्होंने कहा है कि इन्हें कड़ा दंड दिया जाना चाहिए।

विपक्षी सदस्यों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो : सरकार

सरकार ने विपक्षी दलों के सदस्यों पर मानसून सत्र के दौरान संसदीय गरिमा और परम्पराओं को शर्मसार करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ राज्यसभा के सभापति से कठोर कार्रवाई करने की गुरुवार को मांग की। सरकार के आठ मंत्रियों ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विपक्षी दल के सदस्य कार्रवाई की डर से मार्शल द्वारा हाथापाई किये जाने के झूठे आरोप लगा रहे हैं और वे देश को गुमराह करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष पहले दिन से ही संसद की कार्यवाही नहीं चलने देना चाहता था, खासकर राज्यसभा में वह काफी आक्रामक था और उसने इस दौरान सभापीठ पर बेबुनियाद आरोप लगाये। मंत्रियों ने सभापति से सदन में चार, नौ और 11 अगस्त की हुई घटनाओं की जांच विशेष समिति से कराने तथा दोषी सदस्यों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

संवाददाता सम्मेलन में राज्यसभा में सदन के नेता और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, सदन में उपनेता और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, श्रम मंत्री भूपेन्द्र यादव, शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन एवं अर्जुनराम मेघवाल उपस्थित थे।

गोयल ने कहा कि इस सत्र के दौरान न केवल नये केंद्रीय मंत्रियों का परिचय कराने से रोका गया, बल्कि मंत्री के हाथ से दस्तावेज छीना गया, एक चेम्बर का कांच तोड़ गया, जिसमें एक महिला मार्शल घायल हो गयी। विपक्ष के सदस्य मेज पर चढ़ गये और आसन पर रूलबुक फेंकने जैसी हरकत भी की गयी, जो बेहद निंदनीय है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने सदन की गरिमा पर प्रश्नचिह्न खड़ा किया और महिला मार्शल के साथ धक्कामुक्की भी की।

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