Scholarship: राजकीय स्कूलों से गायब रहने वाले विद्यार्थियों की कटेगी छात्रवृत्ति

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सांकेतिक फोटो

विद्यार्थियों में अनुशासन और जिम्मेदारी को बढ़ाने के लिए कदम

  • शिक्षा विभाग ने जारी किए निर्देश, लंबे समय से अनुपस्थित बच्चों को नहीं मिलेगा किसी भी योजना का लाभ

सरसा (सच कहूँ न्यूज)। Scholarship Scheme: राजकीय विद्यालयों में लंबे समय से अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों पर अब सख़्ती बरती जाएगी। शिक्षा विभाग ने साफ निर्देश जारी करते हुए कहा है कि जो विद्यार्थी बिना सूचना महीनों तक स्कूल नहीं आते और उपस्थिति दर्ज नहीं कराते, उन्हें सरकार की किसी भी प्रकार की छात्रवृत्ति का लाभ नहीं दिया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी सुनीता सार्इं ने सभी बीईओ और विद्यालय प्रमुखों को निर्देशित किया है कि स्कूल अपने विद्यार्थियों की उपस्थिति का रिकॉर्ड नियमित रूप से मॉनिटर करें। जिन बच्चों की उपस्थिति निर्धारित सीमा से कम है या जो लंबे समय से स्कूल से गायब हैं, उनकी सूची तैयार कर कार्यालय को भेजी जाए, ताकि छात्रवृत्ति रोकने की कार्रवाई आगे बढ़ाई जा सके। Sirsa News

75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य, नहीं तो रोक दी जाएगी छात्रवृत्ति

नए निर्देशों के अनुसार हर स्कूल को उन विद्यार्थियों की सूची तैयार करनी होगी जो 75 प्रतिशत न्यूनतम उपस्थिति पूरी नहीं कर रहे। पहले ऐसे छात्रों को नोटिस दिया जाएगा और अभिभावकों को बुलाकर स्थिति से अवगत कराया जाएगा। सुधार न होने पर छात्रवृत्ति अगले आदेश तक रोक दी जाएगी। साथ ही छात्रों को नियमित स्कूल आने के लिए काउंसलिंग और मार्गदर्शन भी उपलब्ध कराया जाएगा। विभाग ने यह भी निर्देश दिए हैं कि उपस्थिति रजिस्टर और एमआईएस पोर्टल पर दर्ज उपस्थिति में कोई अंतर नहीं होना चाहिए। गलत या बढ़ाकर उपस्थिति दिखाने वाले स्कूलों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी। राज्य सरकार की प्री-मैट्रिक, पोस्ट-मैट्रिक, यूनिफॉर्म भत्ता व अन्य योजनाओं का लाभ अब केवल उन्हीं विद्यार्थियों को मिलेगा जो नियमित रूप से स्कूल आ रहे हैं।

पूरे सत्र में नहीं आते कई विद्यार्थी | Sirsa News

विभागीय निरीक्षणों और एमआईएस पोर्टल पर दर्ज उपस्थिति से पता चला है कि कई विद्यार्थी पूरे वर्ष में केवल कुछ ही दिन स्कूल आते हैं, जबकि छात्रवृत्ति पूरे सत्र की लेते हैं। विभाग का स्पष्ट कहना है कि ऐसी प्रवृत्ति न सिर्फ शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित करती है, बल्कि सरकारी संसाधनों पर भी भार डालती है। इसी कारण छात्रवृत्ति को उपस्थिति से जोड़ा गया है, ताकि विद्यार्थियों में अनुशासन और जिम्मेदारी को बढ़ाया जा सके।

एफएलएन के जिला कोआॅर्डिनेटर डा. कपिल देव ने बताया कि विभाग चाहता है कि प्रत्येक बच्चा नियमित रूप से विद्यालय आए और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करे। लंबे समय से अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों से न केवल उनका शैक्षणिक स्तर प्रभावित होता है, बल्कि पूरी कक्षा की सीखने की प्रक्रिया पर असर पड़ता है। ऐसे में छात्रवृत्ति को उपस्थिति से जोड़ना आवश्यक कदम है।

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