MSG Bhandara : गर्मी प्रचंड, श्रद्धा अखंड! दूर-दूर तक साध-संगत ही साध-संगत
साध-संगत ने दुनियाभर में ...
विषय-विकारों में फंसा व्यक्ति सदैव दुखी रहता है: पूज्य गुरु जी
यह कलयुगी संसार एक जलते, बलते भट्ठे के समान है। काम-वासना, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार व मन-माया ऐसी आग हैं, जिसके भी अंदर यह सुलगती है वह इन्सान कभी चैन नहीं ले सकता।