Treasure: धरती के नीचे है बेशकीमती कीमती खज़ाना, जानकर रह जाएंगे हैरान…

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Treasure: धरती के नीचे है बेशकीमती कीमती खज़ाना, जानकर रह जाएंगे हैरान...

Earth: डॉ. संदीप सिंहमार। जिस प्रकार हमारा बृह्मांड रहस्यों से भरा हुआ है, कुछ ऐसे ही धरती का पटल भी। धरती के गर्भ में ऐसे बेशकीमती खनिज छिपे हुए हैं,जिनके बारे में आम इंसान जानता नहीं है। सोने सहित कुछ धातुओं के बारे में तो सभी जानते है कि यह धरती की खानों से मिलता है। पर बसे कीमती खजाने के बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे। आज इस लेख में हम धरती की परतों के बारे में विस्तृत रूप से बताते हुए इन परतों के नीचे छिपे बेसकीमती खजाने के बारे में भी बताने जा रहे हैं। भूगोल विषय के विद्यार्थी अक्सर वायुमंडल में भूगर्भ के बारे में पढ़ते रहते हैं,लेकिन अन्य सभी को भी उनकी जानकारी होनी चाहिए। Treasure

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चार परतों में किया जाता है धरती का अध्ययन | Treasure

सबसे पहले हम धरती की परतों का जिक्र करते हैं। भू वैज्ञानिकों ने धरती की परतों को चार भागों में बांटा है, जिनका अलग-अलग अध्ययन किया जाता है। धरती की इन परतों के नीचे नीचे असंख्य रहस्य छिपे हैं। धरती के नीचे ऐसी चीजें पाई जाती हैं जो ना केवल दुर्लभ तो हैं,बल्कि बेशकीमती भी हैं। हमारी धरती की पहली है, पपड़ी जिसे अंग्रेजों में Crust कहा जाता है। यह धरती की सबसे ऊपरी परत होती है।

इसे धरती की सबसे पतली परत भी कहा जाता है। यह परत भूगर्भीय चट्टानों, मिट्टी और विभिन्न प्रकार के खनिजों से बनी होती है। इसी प्रकार दूसरी परत है मैन्टल (Mantle)। यह पपड़ी के नीचे की परत न नाम है,जो गर्म और ठोस चट्टानों से बनी हुई होती है। इस परत को मोटाई 2,900 किलोमीटर है। तीसरी परत है बाहरी कोर जिसे अंग्रेजी में Outer Core के नाम से जाना जाता है। यह मैन्टल के नीचे की परत होती है। यह तरल लोहे और निकेल से बनी होती है। इसकी मोटाई लगभग 2,300 किलोमीटर है। धरती की सबसे मोटी परत मेंटल होती है। धरती की चौथी परत आंतरिक कोर यह हमारी पृथ्वी का सबसे नीचे का भाग है। यह ठोस लोहे और निकेल से बनी होती है। यह परत बहुत गर्म होती है, जिसकी मोटाई लगभग 1,200 किलोमीटर होती है।

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धरती से ये मिलते हैं बेशकीमती खनिज

विज्ञान के विद्यार्थी यूरेनियम का नाम सुनते आए हैं। जिसे अपनी प्रयोगशाला में अप्रत्यक्ष रूप से देखते भी है। यह यूरेनियम धरती के नीचे ही पाया जाता है। जो अपने आप में एक दुर्लभ और रेडियोएक्टिव तत्व है। इसी का प्रयोग परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लिए किया जाता है। हमारी धरती के नीचे ही रेडियम भी मिलता है, जो रेडियोएक्टिव तत्व है।
हीरा जिसे डायमंड कहा जाता है ,वह भी धरती के गर्भ से ही मिलता है। यह दुर्लभ होने के साथ-साथ मूल्यवान भी है। हीरा पृथ्वी के भीतर उच्च दबाव और उच्च तापमान की स्थितियों में बनता है। जिसे उच्च तकनीक द्वारा बाहर निकाल कर शोधित किया जाता है। इसी तरह पृथ्वी के नीचे दुर्लभ रत्न पन्ना भी पाया जाता है। जो धरती में खास परिस्थितियों में बनता है। इसके अलावा प्लैटिनम अथवा सफेद सोना भी धरती के नीचे पाया जाता है। यह भी अपने आप भी बहुत दुर्लभ ओर और कीमती धातु है। यह पृथ्वी के कुछ इलाकों में ही मिलता है। रूबिक (Rubellite) या रूबी भी पृथ्वी के नीचे पाया जाने वाला एक अनुपम रत्न है। यह देखने मे बहुत सुंदर और लाल रंग का होता है। यह सब प्रकार की जानकारी विद्यार्थी काल में विज्ञान व भूगोल की पुस्तकों में हमारे सामने आती है,लेकिन ऐसे बारीक तरीकों से हमने इन जानकारी को कभी भी नहीं पढ़ा होगा।

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