जल बचाने के लिए डेरा सच्चा सौदा चलाएगा जन आंदोलन

बरनावा (सच कहूँ न्यूज)। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने 20 अक्तूबर दिन वीरवार को एक बार फिर अपने रूहानी अमृत वचनों से साध-संगत को खुशियों के खजाने बख्शे। शाह सतनाम जी आश्रम, बरनावा जिला बागपत (यूपी) से आॅनलाइन गुरूकुल के माध्यम से पूज्य गुरू जी ने रूहानी सत्संग फरमाया, जिसे देश-विदेश की करोड़ों साध-संगत ने एकाग्रचित होकर श्रवण किया। इस अवसर पर पूज्य गुरू जी ने आॅनलाइन राजस्थान के हनुमानगढ़, पंजाब के सुनाम और उत्तर प्रदेश मुरादाबाद में हजारों लोगों का नशा और बुराइयां छुड़वाते हुए गुरूमंत्र की अनमोल दात बख्शी। इस अवसर पर पूज्य गुरू जी ने पृथ्वी पर बढ़ते जल संकट को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए फरमाया कि आज सबसे ज्यादा पानी को बचाने पर फोकस करने की जरूरत है। आओ हम उस पानी को बचाएं, जो जीवन देता है, शरीर में जिसकी सबसे ज्यादा मात्रा है। आज के बाद आप जब भी पानी बर्बाद करोगे तो सोचोगे जरूर कि गुरू जी ने रोका हुआ है। तो हमें लगता है कि अगर हमारे छह करोड़ बच्चे भी ये पहल कर लेंगे तो सृष्टि के लिए बहुत-बहुत बड़ी पहल होगी। इस पर देश-विदेश में आॅनलाइन बैठी साध-संगत ने एक साथ हाथ खड़े करके पानी को बचाने का संकल्प लिया। इस पर पूज्य गुरू जी ने साध-संगत को अपने आशीर्वाद से नवाजा। आपजी ने फरमाया कि आज जो प्रण किया है, कोशिश करें कि इसको एक मुहिम का रूप दे दें, इसका एक नाम देंगे। पानी बचाने के लिए अपने पूरा जोर लगाएंगे, पूरे वर्ल्ड में संदेश भिजवाएंगे, हर तरीके से कोशिश करेंगे, सबकी मदद लेंगे चाहे वो किसी भी रूप में दें और हम पानी बचाने के लिए एक आंदोलन चलाएं कि पानी को बचाया जा सके। आज आपने जल बचाने का जो संकल्प लिया है तो हम परमपिता परमात्मा से दुआ, प्रार्थना करते हैं कि पानी भी आपको बचाए, आपके लिए पानी ही दवा का काम कर जाए, सुमिरन करके, भक्ति-इबादत करके आप शुद्ध पानी पीजिये और मालिक के गुण गाइये। कम से कम चार-पाँच लीटर तो जरूर पिया करें।

आमजन से सहयोग की अपील

पूज्य गुरू जी ने आगे फरमाया कि जितने भी सुनने वाले हैं, आप उलट-पुलट तो बोलते रहते हैं, कोई बात नहीं, कोई फर्क नहीं पड़ता, कम से कम हमारी तरफ से आप लोगों से प्रार्थना है कि आप भी इसमें सहयोग करें, क्योंकि आप लोगों के सहयोग से जन-जन में जागृति आएगी और ये पानी अगर बच गया तो आप भी बचेंगे और सारी सृष्टि बच जाएगी, हो सकता है राम जी कृपा करें और फिर से ये स्वर्ग, स्वर्ग का रूप धारण कर जाए।,

जल प्रदूषण की ओर दिलाया ध्यान

आपजी ने फरमाया कि पानी का खात्मा हो रहा है, पानी में जहर डाल रहे हैं आप। ये जहर पानी में मिलकर धरती में जा रहे हैं। जितनी फैक्ट्रियां हैं उनमें कोई अच्छा फिल्टैÑशन किया जा सकता है, लेकिन नहीं करते, थोड़े से खर्चे को बचाने के लिए पूरी मानवता की जिंदगी को दांव पर लगाए बैठे हैं। साइंटिस्टों से हमारी हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि ये जो जहर, चाहे शराब बनाने वाली फैक्ट्रियां हैं, चमड़ा बनाने वाली फैक्ट्रियां हैं, वो चमड़े को धोती हैं, या खाद, स्प्रे, कैमिकल बनाने वाली फैक्ट्रियां हैं उनका जो वेस्टेज है, वेस्टेज जो निकल रहा है, वो जो धरती में जाता है, वो हमारे धरती वाले पानी को प्रदूषित कर रहा है। अरे आप एटम बनाने की सोच रहे हैं, आप फलां चीज बनाने की सोच रहे हैं, कुछ सोचने की जरूरत नहीं है। आप इस पानी का शुद्धिकरण करने की सोच लें तो सारी मानवता बच सकती है। पूज्य गुरू जी ने फरमाया कि वैज्ञानिक सच कहते हैं, वो झूठ नहीं बोलते, क्योंकि हमें भी आभास होता है उन चीजों का, वो राम जी करवाते हैं कि अगर आने वाले टाइम में पानी खत्म हो गया तो होगा क्या? यहीं तक सीमित नहीं है, ये डीजल-पेट्रोल, कोयला कब तक। अगर यूं ही जनसंख्या बढ़ती चली गई तो इसके लिए भी ज्यादा समय नहीं बचना है खत्म होने में, फिर क्या होगा?

ताकि आने वाली प्रलय-महाप्रलय से बच सकें

पूज्य गुरू जी ने फरमाया कि बेपरवाह जी ने जो कहा- ‘‘दो घड़ी तू बैठके बंदे, राम नाम गुण गा।’’ शायद वो राम-नाम गुण बेपरवाह जी इस बॉडी में खुद ही गवा (बुलवा) रहे हैं, आप लोग गा रहे हैं, अखंड सुमिरन कर रहे हैं, उसी की तरंगें हैं, जो हमारे अंदर आकर बेपरवाह जी गवा (बुलवा) रहे हैं कि ये काम करना बंद हो जाए, ये काम करना शुरू कर दो। ताकि मानवता का भला हो, आने वाली प्रलय-महाप्रलय से बचा जा सके। बाकी राम जाने, वो अपने कर्म अपने हिसाब से करता है, उसके नियम हैं। हर कोई मर्जी का मालिक है तो वो (भगवान) भी तो मर्जी का मालिक है। आदमी की मर्जी को बदला जा सकता है, पर उस राम, ओउम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरू, गॉड, खुदा, रब्ब की मर्जी को कौन बदलेगा, कौन रोकेगा। हाँ, उसके आगे दीनता, नम्रता, प्रार्थना करके, उसकी बनाई हुई चीजों को फिर से उसी तरह से हम लगाके, जैसे हमने बताया पानी बचाना शुरू कर दें, पेड़ों की संभाल कर दे तो हो सकता है वो इन चीजों से खुश होकर अपना इरादा बदल दे। तो मर्जी का मालिक है भई वो (भगवान)। तो इसलिए सभी से हमारी प्रार्थना है कि आप जरूर दुनिया को सचेत करें, पानी के बारे में, पेड़-पौधों के बारे में, प्रकृति के बारे में।,

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