फर्जी दस्तावेजों से खुद को वारिस बना हड़प ली संपति

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वृद्धा की देखभाल करने वाले अधिवक्ता ने कानूनी कार्रवाई करने की रखी मांग

हनुमानगढ़। एक महिला ने अपने दस्तावेजों में असल पति की जगह अन्य मृतक व्यक्ति का नाम लिखवाकर खुद को उस व्यक्ति की वारिस बता संपति हड़प ली। इस कार्य में महिला की बेटी व अन्य लोगों ने भी सहयोग किया। यह आरोप उक्त मृतक व्यक्ति की इकलौती बुजुर्ग बहन की देखभाल करने वाले एक अधिवक्ता ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए। गांव गंगागढ़ निवासी अधिवक्ता राजेन्द्र सिंह ने बताया कि रिश्ते में बुआ लगती 90 वर्षीय गुरदेव कौर पुत्री इन्द्र सिंह जटसिख निवासी नई आबादी, वार्ड 28, गली नम्बर 17-18, टाउन में रहती हैं। गुरदेव कौर दो भाई-बहन हैं। उसके भाई जीतसिंह के अलावा अन्य कोई भी वारिस नहीं है। Hanumangarh News

गुरदेव कौर के भाई जीतसिंह के नाम पर संयुक्त खाते की कृषि भूमि चक 3 एसएनएम में थी। उसके भाई जीतसिंह की मृत्यु 26 मार्च 2024 को हो गई। उसके बाद भूर कौर पत्नी मेजर सिंह व उसकी पुत्री हरपाल कौर ने अपने नाम से एक फर्जी हल्फनामा पेश करते हुए उसके भाई जीतसिंह के वारिस सदस्य के रूप में पेश करते हुए तत्कालीन वार्ड पार्षद से वारिस सदस्य के संबंध में पटवारी की सहमति करवाकर तहसीलदार के समक्ष पेश किया गया। इस हल्फनामा के जरिए भूर कौर ने उसके भाई की कृषि भूमि षड्यंत्र पूर्वक अपने नाम दर्ज करवा ली। यही नहीं उसके भाई जीतसिंह के नाम पर पंजाब में गांव गोदारा तहसील बगरड़ी जिला फरीदकोट की 17 बीघा जमीन भी फर्जी दस्तावेज तैयार कर अपने नाम करवाकर अन्य व्यक्तियों को बेचान कर दी।

समस्त संपति खुर्द-बुर्द करने की फिराक में

अब भूर कौर वगैरा आपसी षड्यंत्र रचकर उसके भाई जीतसिंह की कृषि भूमि व प्लाट सहित समस्त संपति खुर्द-बुर्द करने की फिराक में हैं। जबकि उसके भाई जीतसिंह का भूर कौर व हरपाल कौर से किसी भी प्रकार का कोई संबंध नहीं है। न ही किसी प्रकार का कोई सरोकार रहा है। बलविन्द्र सिंह पुत्र करनैल सिंह, देवेन्द्र कुमार पुत्र करनैल सिंह, राजेन्द्र सिंह पुत्र श्रवण सिंह जटसिख निवासी नौरंगदेसर, सुखवीर पुत्र मलकीत सिंह जटसिख निवासी 56 जीबी वगैरा की ओर से षड्यंत्रपूवर्क कृषि भूमि नामांतरण करवाने के बाद गुरदेव कौर को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। यह लोग गाड़ियों में सवार होकर उसके भाई के खेतों के चारों और चक्कर लगाते हैं।

कई अन्य आपराधिक पृवृत्ति के लोगों को नाजायज असला देकर अपने साथ रखते हैं व कहते हैं कि अगर उनका कोई भी व्यक्ति खेत में आया तो उसे जान से मार देंगे। राजेन्द्र सिंह ने कहा कि नगर परिषद के पूर्व उपसभापति अनिल खीचड़ की ओर से बयान दिया गया था कि खण्डा साहिब चौक के नजदीक जीत सिंह और उसकी बहन गुरदेव कौर रहते हैं। 90 साल की वृद्ध महिला गुरदेव कौर को किसी ने जबरदस्ती छुपा रखा है लेकिन यह सब आरोप झूठे हैं। जबकि गुरदेव कौर अपनी इच्छा से उसके पास रह रही हैं। गुरदेव कौर ने एक बेटी गुरप्रीत कौर को गोद ले रखा है। गोदनामा रजिस्टर्ड है। उन्होंने भूर कौर, हरपाल कौर, देवेन्द्र सिंह, बलजिन्द्र सिंह, सुखवीर वगैरा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की। Hanumangarh News

विदेश में अच्छे वेतन पर रोजगार दिलाने का झांसा देकर हड़पे पांच लाख रुपए

हनुमानगढ़। युवक को विदेश में अच्छे वेतन पर रोजगार दिलाने का कहकर उससे पांच लाख रुपए हड़पने का मामला सामने आया है। इस संबंध में भादरा पुलिस थाना में पंजाब के संगरूर जिला निवासी एक व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है। कोर्ट से प्राप्त इस्तगासा के जरिए दर्ज हुए मुकदमे में सुदाम (33) पुत्र कासम अली निवासी वार्ड एक, बिहारीपुरा बास, भादरा ने बताया कि वह रोजगार की तलाश कर रहा था। अक्टूबर 2024 में उसने सोशल मीडिया पर एक विज्ञापन देखा जिसमें विक्रमदीप सिंह पुत्र पवन कुमार निवासी अकबरपुर जिला संगरूर, पंजाब ने रीच ट्रेवल्स रसिया का एक विज्ञापन दे रखा था। इस पर दिए गए मोबाइल नम्बर पर उसने बातचीत की तो विक्रमदीप सिंह ने भादरा आकर मिलने व सारी बातें बताने को कहा।

अक्टूबर 2024 के तीसरे सप्ताह में विक्रमदीप सिंह उसके घर आया। विक्रमदीप सिंह ने कहा कि हमारी रसिया (विदेश) की बड़ी कम्पनियों में पहुंच है जहां वे अच्छे वेतन पर लड़कों को रोजगार दिलाते हैं। पूर्व में भी उन्होंने काफी लोगों को अच्छे वेतन पर वहां रोजगार दिलाया हुआ है। इससे वह विक्रमदीप सिंह की बातों से प्रभावित हो गया। विक्रमदीप सिंह ने उसे कहा कि वह उसे रसिया (विदेश) में फुट पैकिंग कार्य के सुपरवाइजर के लिए भिजवा देगा। उसे भारतीय करेंसी का 1 लाख 60 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन मिलेगा। सभी प्रकार की उसकी व्यक्तिगत गारंटी रहेगी। इसके लिए उसने अपना पासपोर्ट, आवश्यक दस्तावेज एवं पांच लाख रुपए देने होंगे।

पंजाब के संगरूर जिला निवासी शख्स के खिलाफ दर्ज करवाया मुकदमा

उसने विक्रमदीप सिंह को अपना पासपोर्ट, सभी आवश्यक दस्तावेज एवं 1 लाख 50 हजार रुपए दे दिए। विक्रमदीप सिंह अतिशीघ्र वीजा तैयार करवाकर उसे रसिया भिजवाने का आश्वासन देते हुए चला गया। नवम्बर 2024 के अन्त में विक्रमदीप सिंह ने उसके फोन पर ई-वीजा भेज दिया। इसमें रसिया की फ्लाइट दिल्ली इन्टरनेशनल एयरपोर्ट से 29 दिसम्बर 2024 की अल सुबह 5.30 बजे की थी। विक्रमदीप सिंह ने उसे कहा कि वह उसे 3 लाख 50 हजार रुपए जल्द अदा कर दे ताकि वह सारी व्यवस्था कर दे। इस पर उसने विक्रमदीप सिंह के निर्देशानुसार उसके बैंक खाता में 3 लाख 45 हजार रुपए जमा करवा दिए।

विक्रमदीप सिंह के कहे अनुसार वह 29 दिसम्बर 2024 की अल सुबह तीन बजे एयरपोर्ट पहुंचा। तब एयरपोर्ट वालों ने बताया कि विक्रमदीप सिंह की ओर से उसे दिया गया वीजा फर्जी है। इस कारण उसे दिल्ली से वापस आना पड़ा। उसने विक्रमदीप सिंह से बार-बार बातचीत कर रोजगार के लिए विदेश भेजने के नाम पर लिए गए 5 लाख रुपए वापस लौटाने के लिए कहा तो विक्रमदीप सिंह टाल-मटोल व समय निकालने लगा। 16 मार्च 2025 को विक्रमदीप सिंह ने कहा कि उन लोगों ने एक गिरोह बना रखा है। वे लोगों को फर्जी वीजा देकर विदेश भेजने के नाम पर उनसे रुपए हड़प लेते हैं। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा के तहत प्रकरण दर्ज कर तफ्तीश एएसआई जगदीश प्रसाद के सुपुर्द की है। Hanumangarh News

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