
गाजियाबाद (सच कहूँ/रविंद्र सिंह)। जिले के सभी कीटनाशी निजी विक्रेताओं को गुणवत्ता सुनिश्चित करने और नियमन की पॉलिसी का अनुपालन कराने के संबंध में जिला कृषि रक्षा अधिकारी विकास कुमार ने कड़े निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि केवल लाइसेंस धारी विक्रेता से ही खरीद: किसान लाइसेंसधारी अधिकारियों से कीटनाशी खरीदें और बिक्री पर रसीद या कैश मेमो जरुर लें । बिना लाइसेंस के किसी भी प्रकार का कृषि रक्षा रसायन उत्पादन व विक्रय करना प्रतिबंधित है। लाइसेंस धारी विक्रेता कृषि रक्षा अधिकारी द्वारा प्रमाणित स्टॉक पंजिका रखेंगे और महीने की अंतिम तारीख तक जिला कार्यालय को रिपोर्ट सौंपेंगे। विक्रय हेतु वही रसायन इस्तेमाल करें जो लाइसेंस पर अंकित है; अन्य रसायनों के लिए लाइसेंस में संशोधन आवश्यक है।
नकली/अधोमानक/कालातीत रसायनों का पूर्णतः प्रतिबंधित है, किसी भी दशा में इनकी बिक्री नहीं की जा सकती। अधिकारियों ने चेताया है कि स्थानीय, मंडलीय या राज्य स्तर पर निरीक्षण के दौरान नियमों का उल्लंघन पाया गया तो 1968 के कीटनाशी अधिनियम के तहत कड़ी कार्यवाही की जाएगी और लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है। किसानों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं,”किसी भी प्रकार कीटनाशी खरीदते समय लाइसेंसधारी विक्रेता से रसीद/कैश मेमो लें।” शिकायत या जानकारी के लिए श्री विकास कुमार को मोबाइल नंबर 8859557410 पर संपर्क करने का अनुरोध किया गया है।
कृषि विभाग कीटनाशकों की बिक्री की निगरानी में जुटा*
बता दें कि उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भी कृषि विभाग कीटनाशकों की बिक्री संबंधी निगरानी कड़ी कर रहा है,जैसे मुरादाबाद में विक्रेताओं को स्टॉक रजिस्टर और बिल बाध्यताएँ पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। और बस्ती-सहारनपुर-जौनपुर जिले में अवैध विक्रेता पर छापे एवं लाइसेंस निलंबन की कार्रवाई देखी गई है । इस क्रम में गाजियाबाद प्रशासन की यह पहल किसानों को सुरक्षित एवं गुणवत्तापूर्ण कीटनाशी उपलब्ध कराने के संघर्ष में एक अहम कदम है।