खाकी के व्यवहार से पीड़ित महिला पत्रकार का आमरण अनशन

Ghaziabad
Ghaziabad खाकी के व्यवहार से पीड़ित महिला पत्रकार का आमरण अनशन

गाजियाबाद (सच कहूं/रविंद्र सिंह)। गाजियाबाद कमिश्नरेट में थाना मधुबन धाम में तैनात पुलिसकर्मियों ने पुलिस कमिश्नर जे रविंद्र गौड़ के आदेशों की पोल खोलकर रख दी। पुलिस कमिश्नर के आदेश थे कि सभी थाना प्रभारी,पुलिस कर्मी थाने में आने वाले आगंतुकों से जी ,आप लगाकर, शालीनता से बात करेंगे।

वरिष्ठ पत्रकार अपूर्वा चौधरी के अनुसार उनके साथ थाना मधुबन बापूधाम पुलिस ने तानाशाही रवैये अपनाया और थाना प्रभारी ने अपने ऑफिस से उन्हें अभद्रता के साथ बाहर निकलवा दिया। उन्होंने पुलिस के इस तानाशाही रवैए, दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के खिलाफ डीएम कार्यालय के बाहर धरना स्थल पर अनिश्चितकालीन धरने के साथ आमरण अनशन भी शुरू कर दिया है।पीड़ित महिला पत्रकार का कहना है कि जब तक उनके साथ न्याय नहीं होता और उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से इसे जारी रखने का संकल्प लिया है। महिला पत्रकार अपूर्वा चौधरी ने बताया कि वह अपनी शिकायत लेकर गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के थाना मधुबन बापू धाम में गई थी। बताया कि 27 जून- 2025 को वह अपनी गाड़ी से संबंधित एक दुर्घटना की शिकायत दर्ज कराने के लिए गई थीं।

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जहां थाना प्रभारी और पुलिस कर्मियों का व्यवहार अत्यंत अभद्रतापूर्ण, आपत्तिजनक और अमानवीय था। उनका आरोप है कि मधुबन बापू धाम थाना प्रभारी के कार्यालय में एक दबंग व्यक्ति ने उनकी लज्जा भंग करने का प्रयास किया और उसे जान से मारने की धमकी भी थाने में पुलिस के सामने ही दी। इसके बावजूद, पुलिस ने न तो इस मामले में कोई उचित कार्रवाई की , बल्कि उल्टा उसे ही अभद्रता करते हुए अपमानजनक तरीके से कार्यालय से बाहर निकाला दिया गया। आरोप है कि गाजियाबाद के मधुबन धाम थाना प्रभारी ने धमकी भरे लहजे में बात की और शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने के साथ ही, सोशल मीडिया से अपनी पोस्ट हटाने के लिए भी खूब दबाव डाला गया।

 पीड़ित महिला पत्रकार के अनुसार उन्होंने इस मामले की शिकायत 28 जून 2025 को पुलिस आयुक्त, गाजियाबाद को भी लिखित रूप में दी थी, जिसमें त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था। हालांकि, आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण वे आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर हुई हैं। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस का यह व्यवहार न केवल शर्मनाक है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और न्याय व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है। जनता के मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है पुलिस। पुलिस के व्यवहार में उन्हें शालीनता कहीं से कहीं तक नहीं दिखाई दी।

चाहे प्राणों की आहुति देनी पड़े,शांतिपूर्ण अनशन जारी रहेगा:अपूर्वा

धरनारत महिला पत्रकार अपूर्वा ने कहा कि जब तक मेरी मांगें पूरी नहीं होतीं, मैं शांतिपूर्ण तरीके से धरना और आमरण अनशन जारी रखूँगी, भले ही इसके लिए मुझे अपने प्राणों की आहुति देनी पड़े। उन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस के उच्च अधिकारियों से इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की है। कुछ लोगों ने पीड़ित महिला पत्रकार के समर्थन में आवाज उठाई है, जबकि अन्य ने पुलिस प्रशासन से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की गई है। जनपद में हाल के दिनों में पुलिस और नागरिकों के बीच तनाव की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिसके कारण यह अनशन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। यह पुलिस के तानाशाही रवैए को उजागर करता है।

धरनारत पीड़ित महिला पत्रकार की मुख्य चार मांगें

अभद्रता करने वाले पुलिसकर्मियों का तत्काल निलंबन हो: उनके(महिला पत्रकार ) और उनके पति ललित चौधरी, जोकि एक अखबार के प्रकाशक और संपादक हैं, के साथ दुर्व्यवहार करने वाले थाना प्रभारी और संबंधित पुलिस कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए।

घटना की निष्पक्ष जांच हो

सभी पुलिस कर्मियों के खिलाफ स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कर कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

जनता के साथ दुर्व्यवहार पर रोक लगे:

पत्रकारों और आम नागरिकों के साथ इस तरह के दुर्व्यवहार को रोकने के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। पत्रकार द्वारा कमिश्नरेट गाजियाबाद के थाना मधुबन बापू धाम पुलिस के उचित करवाई ने करने के खिलाफ शुरू किए गए उनके आमरण अनशन को कई संगठनों ने समर्थन दिया।

पत्रकार को समर्थन देने वाले संगठन और गणमान्य

राष्ट्रीय स्वर्ण वाहिनी
जिला अध्यक्ष ब्रजभूषण शर्मा,राष्ट्रीय समाज पार्टी
नरेश कुमार राष्ट्रीय अध्यक्ष ,
गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन सचिव अनिल कुमार सिंह,
वरिष्ठ समाज सेवी सत्यपाल चौधरी, समाजवादी पार्टी युवजन सभा जिला अध्यक्ष जीतू शर्मा, समाजवादी पार्टी विधानसभा अध्यक्ष आकाश अग्रवाल, हरेन्द्र चौधरी, चेयरमैन ओम विहार कालोनी,सत्य सनातन युवा वाहिनी
मोहन लाल गौड़ अध्यक्ष आदि ने जिलामुख्यालय स्थित धरना स्थल पर पहुंचकर पीड़ित महिला पत्रकार को अपना समर्थन दिया है ।