रूहानियत : साध-संगत बोली, रूहानी चिट्ठी पढ़कर रूह गदगद हो गई

11th Letter of Saint Dr. MSG

ओढां(सच कहूँ/राजू)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा साध-संगत के नाम लिखी गई 11वीं चिट्ठी रक्षाबंधन के दिन साध-संगत के बीच पहुंची। अपने मुर्शिद द्वारा चिट्ठी में फरमाए गए वचन एवं आशीर्वाद पाकर साध-संगत खुशी से फू ले नहीं समाई। चिट्ठी में पूज्य गुरु जी ने समस्त साध-संगत को अपना पावन आशीर्वाद भेजा है। पूज्य गुरु जी ने तीनों वचनों पर पक्के रहने एवं अपने सतगुरु पर दृढ़ विश्वास रखने की बात कहते हुए अंदर-बाहर से मालामाल करने का भी आशीर्वाद दिया है। इसके अलावा पूज्य गुरु जी ने गौवंश में फैले लंपी रोग बारे भी वचन करते हुए किसी पशु चिकित्सकों के दिमाग में इस रोग का निदान बताने के लिए सतगुरु से प्रार्थना करने की बात कही है। वहीं पूज्य गुरु जी ने यूपी आश्रम में बिताए गए 1 माह के पलों को भी साझा करते हुए साध-संगत द्वारा मनाई गई खुशी पर भी अशीर्वाद प्रदान किया है। इस बारे साध-संगत ने अपनी खुशी का इजहार कुछ इस प्रकार किया।

पूज्य गुरु जी की ये चिट्ठी पढ़कर सुकून मिल गया। पूज्य गुरु जी ने इस संदेश के माध्यम से सारी साध-संगत के लिए जो अपना प्यार भरा आशीर्वाद भेजा है उसका लिख या बोलकर वर्णन नहीं किया जा सकता। पूज्य गुरु जी यूपी में बिताए गए 1 माह की यादों को भी साझा किया है। पूज्य गुरु जी हमारा कितना ख्याल रखते हैं। हमने पूज्य गुरु जी के एक-एक वचन को माना है और मानते रहेंगे। पूज्य गुरु जी ने अपने घरों पर तिरंगा स्थापित करने के जो वचन किए थे उन पर चलते हुए हमने अपने घरों पर तिरंगा स्थापित कर लिया है।
– श्याम लाल इन्सां (कालांवाली)।

मेरे मुर्शिद की चिट्ठी बेशकीमती है। पूज्य पिताजी ने दूर बैठे ही चिट्ठी के माध्यम से सभी को जो आशीर्वाद भेजा है वो कहने-सुनने से परे है। हम अपने गुरु का ऋण कई जन्म लेकर भी नहीं उतार सकते। इस समय गौवंश पर जो बीमारी का कहर है उसका भी पिताजी ने ख्याल करते हुए वचन फरमाए हैं। पूज्य गुरु जी की चिट्ठी पढ़कर रूह शांत हो गई। पिताजी ने 11वीं चिट्ठी में बहुत कुछ बता दिया। समझने वाले समझ भी गए।
-चेतराम इन्सां (नुहियांवाली)।

पूज्य गुरु जी द्वारा चिट्ठी में लिखे गए एक-एक वचन का हम अनुसरण करेंगे। हम पूज्य गुरु जी द्वारा चलाए जा रहे 142 मानवता भलाई कार्यांे को बढ़-चढ़कर गति दे रहे हैं। हम अपने मुर्शिद का अनेक जन्म लेकर भी ऋण नहीं उतार सकते। पूज्य गुरु जी ने गौवंश में फैले लंपी रोग बारे भी वचन किए हैं। पूज्य गुरु जी द्वारा फरमाए गए हर एक वचन का हम दृढ़ता से पालन करेंगे। पूज्य गुरु जी ने यूपी में पधार हमें दर्शन देकर कृत्तार्थ कर दिया।
-राम इन्सां (कालांवाली)।

पूज्य गुरु जी की पावन प्रेरणाओं पर चलते हुए हम मानवता भलाई कार्यांे में तन्मयता से जुटे हुए हैं। 15 अगस्त को पूज्य गुरु जी के अवतार दिवस पर पूरी दुनिया में पौधारोपण का महाभियान चलेगा। हम सब पौधारोपण अवश्य करेंगे। मैंने पूज्य गुरु जी की चिट्ठी को कई-कई बार पढ़ा। हम हमारे मुर्शिद के वचनों पर पहले भी चलते आए हैं और आगे भी चलते रहेंगे। हम पूज्य गुरु जी का कोटि-कोटि आभार व्यक्त करते हैं जो साध-संगत की हर पल संभाल करते हैं।
-जीवनपाल इन्सां (ओढां)।

चिट्ठी के माध्यम से पूज्य गुरु जी ने अपना अथाह प्रेम व आशीर्वाद भेजा है। धन्य है पूज्य गुरु जी जो दूर बैठकर साध-संगत का ही नहीं अपितु पूरी दुनिया का फिक्र करते हैं। हम अनेक जन्म लेकर भी उनका ऋण नहीं उतार सक ते। अब तो यही इच्छा है कि पूज्य गुरु जी देह स्वरूप में हमारे बीच परमानेंट आ जाएं। पूज्य गुरु जी ने चिट्ठी में रहमत की मुसलाधार बरसात का जिक्र किया है। अब तो उस पल का इंतजार है जिसके बारे में पूज्य गुरु जी कहा है कि वे स्वयं आकर मानवता भलाई का तीसरा कार्य शुरू करवाएंगे।
-संतोष इन्सां (नुहियांवाली)।

मैंने पूज्य गुरु जी के सभी चिट्ठियां सहजकर रख रखी हैं। मेरे सतगुरु जैसा न तो कोई है और न कोई होगा। पूज्य गुरु जी ने एक माह यूपी मेंं रहकर लाखों लोगों की बुराइयों छुड़वाकर उन्हें राम-नाम से जोड़ा। उनका ऋण हम अनेक जन्म लेकर भी नहीं उतार सकते। हमारा विश्वास डेरा सच्चा सौदा में था और हमेशा रहेगा। पूज्य गुरु जी ने पहले ही अपने घरों पर तिरंगा स्थापित करने के वचन कर दिए थे। जिस पर चलते हुए आज डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत के घरों पर तिरंगा लहरा रहा है।
-अर्शदीप इन्सां (कालांवाली)


 

रक्षा बंधन पर सोहने सतगुरु जी की आई 11वीं चिट्ठी

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