जयपुर में श्रद्धा का सैलाब, भंडारे से एक घंटा पहले खचाखच भरे पंडाल

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जयपुर में श्रद्धा का सैलाब, भंडारे से एक घंटा पहले खचाखच भरे पंडाल (छाया सुशील कुमार)

ट्रैफिक पंडाल पड़े कम, सड़क किनारे खड़े होकर श्रद्धालुओं ने श्रवण किया सत्संग, 10 किमी के एरिया में लगा जाम | MSG Bhandara

  • लाखों की तादाद में पहुंचे श्रद्धालु, महानगर में नजर आई संगत ही संगत | MSG Bhandara
  • नशे की रोकथाम के लिए डेरा सच्चा सौदा के लाखों अनुयायियों ने जयपुर में फिर बजाया बिगुल

जयपुर (सच कहूँ न्यूज)। MSG Bhandara राजस्थान की राजधानी जयपुर के मानसरोवर में रविवार को सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का पावन गुरुगद्दीनशीनी दिवस का शुभ भंडारा राजस्थान की साध-संगत ने महापरोपकार माह के रूप में अनुपम श्रद्धा भाव से मनाया। इस दौरान लाखों श्रद्धालु जयपुर में एकत्रित हुए और मानवता भलाई कार्यो में तेजी लाने के लिए एकजुटता का संकल्प लिया। श्रद्धालुओं में उत्साह इतना था कि डेरा प्रबंधन द्वारा किए गए समस्त तमाम बंदोबस्त छोटे पड़ गए और 10 किमी के एरिया में जाम लग रहा। कार्यक्रम की शुरूआत से पहले ही मुख्य पंडाल साध-संगत से खचाखच भर गए।

बाद में सड़क किनारे खड़े होकर अनुयायियों ने सत्संग कार्यक्रम का लाभ उठाया। जयपुर के राजस्थान आवासन मंडल ग्राउंड, अरावली मार्ग, वीटी रोड शिप्रा पथ थाने के सामने मानसरोवर में आयोजित नामचर्चा सत्संग भंडारा कार्यक्रम के दौरान डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत द्वारा किए जा रहे 159 मानवता भलाई कार्यों को गति देते हुए फूड बैंक मुहिम के तहत 33 अति जरूरतमंद परिवारों को राशन किटें वितरित की गई। इस दौरान पूज्य गुुरु जी द्वारा भेजी गई 17वीं चिट्ठी को साध-संगत के समक्ष पढ़कर सुनाया गया, जिसे सुनकर साध-संगत भाव-विभोर हो गई। ठीक 11 बजे धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा का इलाही नारा लगाकर नामचर्चा सत्संग भंडारे कार्यक्रम की शुरूआत हुई। MSG Bhandara

इससे पूर्व उपस्थित साध-संगत ने इलाही नारा बोलकर पूज्य गुरु जी को पवित्र नामचर्चा सत्संग भंडारे की बधाई दी। तत्पश्चात कविराजों ने सुंदर भजन वाणी से गुरु महिमा का गुणगान करते हुए मनुष्य जन्म में राम-नाम का जाप करने के लिए प्रेरित किया। बाद में सत्संग पंडाल में लगाई गई बड़ी एलईडी स्क्रीनों के माध्यम से पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने उपस्थित साध-संगत को अपने अनमोल रूहानी वचनों से लाभान्वित किया। बता दें कि परम पिता शाह सतनाम जी महाराज ने 23 सितंबर 1990 को पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को पावन गुरु गद्दी की बख्शिश की थी। इसलिए इस महीने को डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत पावन महा परोपकार माह के रूप में मनाती है और आज रविवार को जयपुर में राजस्थान प्रदेश की साध-संगत इसे पावन महा परोपकार माह के नामचर्चा सत्संग भंडारे के रूप में मनाया।

गणमान्यों ने की शिरकत

सत्संग भंडारे की नामचर्चा में पूर्व मंत्री डा.रामप्रताप, पूर्व विधायक राजेन्द्र भादू सहित दर्जनों पंचायत के सरपंच, नगर परिषद के पार्षद सहित भारी संख्या में गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

अनुशासन रहा काबिले तारीफ | MSG Bhandara

सत्संग भंडारे कार्यक्रम में पहुंची साध-संगत का अनुशासन काबिले तारीफ रहा। पंडाल सहित सभी जगह पिन ड्रॉप साइलेंस जैसा माहौल देखने को मिला। साध-संगत के लिए महिला व पुरुषों के लिए अलग-अलग पंडाल तैयार किया गया तथा गर्मी को देखते हुए हजारों सेवादार बहन-भाई उपस्थित साध-संगत को पानी-पिलाने की सेवा में जुटे रहे। इसके अलावा सैंकड़ों सेवादार ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाने में पुलिस प्रशासन का सहयोग करते दिखे। कार्यक्रम की समाप्ति पर कुछ ही मिनटों में सारी साध-संगत को लंगर-भोजन छकाया गया।

जयपुर में श्रद्धा का सैलाब, भंडारे से एक घंटा पहले खचाखच भरे पंडाल (छाया: सुशील कुमार)

एकता बनाए रखने का लिया संकल्प

साध-संगत ने अपने दोनों हाथ खड़े कर डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाए जा रहे 159 मानवता भलाई कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेने व इन मानवता भलाई कार्यों को दोगुणी रफ्तार से और एकता के साथ करने का संकल्प लिया। साध-संगत ने कहा कि अपने पूज्य गुरु जी के प्रति जो प्यार है वो पूरी दुनिया देख रही है। फसली सीजन के बावजूद भी लाखों की संख्या में आज साध-संगत सत्संग भंडारे कार्यक्रम में अपने सतगुरु जी से रहमतों को लूटने आई है, खुशियां लेने आई है, यह बहुत बड़ी बात है। आज संगत का सतगुरु के प्रति जो प्यार है, वैराग्य है वो ठाठे मार रहा है।

गुरु प्रेम के समक्ष छोटा पड़ा पंडाल | MSG Bhandara

सत्संग भंडारे कार्यक्रम में गुरु भक्ति, गुरु प्रेम और गुरु पर दृढ़ विश्वास का अनूठा संगम देखने को मिला और साध-संगत के प्रेम के आगे बनाया गया मुख्य विशाल पंडाल भी छोटा पड़ गया। सत्संग भंडारा कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही पंडाल श्रद्धालुओं से भर गया और कार्यक्रम की समाप्ति तक साध-संगत का आना अनवरत जारी रहा। बाद में श्रद्धालुओं ने सड़कों किनारे खड़े होकर सत्संग कार्यक्रम को श्रवण किया। साध-संगत के वाहनों को रोकने के लिए बनाए गए 27 से अधिक ट्रैफिक ग्राउंड भी वाहनों से फुल हो गए। इसके अलावा जयपुर में पंडाल की ओर आने वाले सभी मार्गों पर साध-संगत के वाहनों का कई-कई किलोमीटर तक जाम लग गया तथा सड़कों पर वाहनों का लंबा-चौड़ा काफिला रैंगता हुआ नजर आया।

 

स्वच्छता अभियान संबंधी डॉक्यूमेंट्री से किया साफ-सफाई के लिए प्रेरित

सत्संग भंडारे कार्यक्रम के दौैरान डेरा सच्चा सौदा द्वारा पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए किए जा रहे 159 मानवता भलाई कार्यों में शामिल 29वें कार्य स्वच्छता अभियान से संबंधित एक डॉक्यूमेंट्री दिखाई, जिससे साध-संगत को अपने आस-पास सफाई रखने के लिए जागरूक किया गया। डॉक्यूमेंट्री में 4 फरवरी 2023 को राजस्थान प्रदेश के कोने-कोने में डेरा सच्चा सौदा से जुड़ी साध-संगत द्वारा चलाए गए सफाई अभियान के बारे में बताया गया।

डॉक्यूमेंट्री में पूज्य गुरु जी ने सफाई महाअभियान को एक यज्ञ बताया है, जिससे प्रेरित होकर डेरा श्रद्धालु इन सफाई कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। इसके अलावा दिखाया गया कि सफाई रखने से डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों में कमी आती है। इसलिए सफाई अभियानों में बढ़-चढ़कर भाग लें और अपने आस-पास सफाई रखें।

गुरुमंत्र के जाप से कुछ ही मिनटों में छुट जाता है नशा: पूज्य गुरु जी

पावन सत्संग भंडारे के अवसर पर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन वचन एलईडी स्क्रीनों के माध्यम से सुनाए गए जिसमें पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि राम का नाम, परमपिता परमात्मा को याद करने का तरीका, जिसे गुरुमंत्र या मैथड आॅफ मेडिटेशन कहें या कलमा, शब्द कहें या नाम, मतलब एक ही है। ये कैसे काम करता है? किस तरह से काम करता है? पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि मालिक का नाम आदमी के अंदर की उन शक्तियों को जगा देता है जो दबी बैठी हैं, जो दब चुकी हैं, जिन्हें आत्मिक शक्ति कहें तो गलत नहीं होगा, या सोल पावर कहें तो भी गलत नहीं होगा। वैसे तो विल पावर, आत्मबल भी वो ही चीज है। पर कई बार कोई समझने में फर्क कर देता है।

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जयपुर में श्रद्धा का सैलाब, भंडारे से एक घंटा पहले खचाखच भरे पंडाल (छाया: सुशील कुमार)

क्योंकि शॉर्ट में अगर आत्मबल कहें तो आत्मा की ही शक्ति है, तभी ये बल आता है, लेकिन आजकल लोग आत्मबल या विल पावर को कुछ ओर मान लेते हैं। तो आत्मिक शक्तियां जागृत करना ही बेहद जरूरी है और जब तक वो जागृत नहीं होती आदमी शांति का अनुभव, खुशी का एहसास नहीं कर पाता। आपजी ने आगे फरमाया कि आत्मिक शक्तियों को जगाने के लिए एक खुराक चाहिए। जिस तरह बच्चे खेलते हैं, काम धंधा करते हैं तो उसके लिए बॉडी को पावर चाहिए, दिमाग तेज होना चाहिए, तभी ये संभव है। तो उसके लिए आप अलग-अलग खुराक लेते हैं, अलग-अलग भोजन लेते हैं।

आपके कोई-न-कोई उस्ताद, कोई-न-कोई टीचर, कोई-न-कोई कोच शिक्षा देते हैं कि कैसे आप अपनी विल पावर को जगा सकते हैं? या आत्मबल को बढ़ा सकते हैं? या अपनी बॉडी पावर को कैसे बढ़ा सकते हैं? कैसे दिमाग को तेज कर सकते हैं? वैसे तो ये कहावत है कि अनसुलझी हुई पहेलियों को सुलझाना भी दिमाग को बढ़ाना है, जितना दिमाग ज्यादा लगाओगे उतना ही दिमाग बढ़ता चला जाता है और जितना दिमाग नहीं लगाना चाहोगे दिमाग एक तरह से शटर डाउन हो जाता है, बंद हो जाता है। तो जितना ज्यादा इसका इस्तेमाल करोगे उतना ही दिमाग बढ़ेगा, जो आपके पढ़ने में, बिजनेस में, जो भी आप दिमागी कार्य करते हैं उसमें आपकी सहायता करेगा।

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पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि बॉडी पावर के अलग-अलग तरीका बताया जाता है। पुराने टाइमों में घी खा लो भाई, दही खा लो, छाछ पी लो। आज वालों को वो चीज लगता है कि गलत थी। आपको नॉलेज के लिए बताना चाहेंगे कि ये जो वेव प्रोटीन बनता है या प्रोटीन बहुत सारा बनता है वो छाछ में जो मलाई होती है, घर की छाछ होती है, गांवों वाले बच्चे जानते होंगे तो घर की छाछ में एक मलाई होती है, जिसके अलग-अलग भाषाओं में नाम अलग-अलग हैं। कोई छिड्डी कहता है, कोई मलाई कहता है, कोई कुछ कहता है। आजकल तो आप दूध की मलाई भी छान-छान कर पीते हैं पहलवान जो हुए। पर उस समय छाछ क्यों पीते थे लोग, क्योंकि आज वेव प्रोटीन भी उस छाछ की मलाई से ही बनाया जाता है, जो ओरिजनल होता है और आर्गेनिक होता है।

हमारे बुजुर्ग कोई पागल नहीं थे। और कितनी बॉडी पावर हुआ करती थी। आज भी है बच्चों में बॉडी पावर है, जो पहलवान हैं, जो प्लेयर हैं, आज भी ऐसी-ऐसी चीजें कर रहे हैं जो पहले नहीं हुई, टैक्निक नहीं पता था उनको पावर-पावर थी। आज टैक्निक सीख गए। पावर पहले बहुत ज्यादा थी। ट्रैक्टर को उठा देना, ऐसा बड़ा कुछ होता था, जो हमने देखा, जो आज कम ही देखने को मिलता है। हाँ, टैक्निकली आज ज्यादा परफैक्ट होते जा रहे हैं। सो इस सबके लिए खुराक निश्चित की जाती है।

छाया: सुशील कुमार

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि जिसकी चर्चा हम कर रहे हैं वो वाली खुराक आत्मिक शक्ति या सोल पावर, आत्मा की खुराक कौन सी है, जिससे आत्मिक शक्ति बढ़ जाए ताकि आपका विल पावर अप होता जी चला जाए और आपको पता है कि जिनके अंदर विल पावर होती है, आत्मबल होता है वो अपनी आदतों को बदल डालते हैं और आज कौन सी आदत बदलने की जरूरत है? माँसाहार, शराब, नशे और अपनी बैड हैबिट्स। आप किसी को बताओ मत, क्योंकि आपको शर्म आती है, पता नहीं क्या बोलेगा? और सच भी है। पता नहीं कौन क्या बोल दे? ये तो लफंगा है, ये तो गुंडा है, ये तो नशेड़ी है, तरह-तरह के वर्ड आज आम ही सुनने में मिलते हैं।

तो इस डर से आप किसी से शेयर भी नहीं करना चाहते। तो उसके लिए आपको एक तरीका बताएंगे जिसका नाम है गुरुमंत्र। किसी को बताने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप अपनी आदतों को खुद बदल डालोगे और वो भी कुछ घंटों में, कुछ मिनटों में, आपके अंदर वो सोल पावर वो आत्मिक शक्तियां जाग उठेंगी। आपका आत्मबल, विल पावर बुलंदियों पर पहुँचने लगेगा और जिनके अंदर आत्मबल होता है वो कभी ये नहीं कहते कि ये कैसे होगा? कितना भी असंभव सा कार्य हो वो कहते हैं कि ये तो चुटकियों में जाएगा, बात ही कुछ नहीं। MSG Bhandara

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