दस बेटियों के अनपढ़ पिता ने रचा इतिहास
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के उदगम गंगोत्री थे रामचंद्र
(सच कहूँ न्यूज) कागज कलम उठाने की उम्र में कोयले फोड़ने की विवशता, शादी के बाद हाथ में सब्जी का ठेला मजबूरी को मात दे मशहूरी का नाम बने रामचंद्र। स्कूल जाते बच्चों को देख अपने छाले भरे हाथों को निहा...
कविता: मैं किसान हूँ…
हा मैं किसान हूँ
जमीं को चीर कर अन्न उगाने वाला।
खुद की पेट काट कर भी
सबकी भूख मिटाने वाला।
सरकार की बीमार
मानसिकता का
शिकार हो कर भी पेट भरने वाला
आय दोगुनी का लॉलीपॉप दे कर ।
एक्ट ला हमें खत्म करने वाली
सरकार के खिलाफ है हम
न हम हिंदुस्ता...
बच्चे को सिखाएं शेयर करना
कुछ बच्चों में देने की आदत जन्मजात होती है। उन्हें इसे सिखाना नंहीं पड़ता, लेकिन कुछ बेहद खुदगर्ज प्रवृत्ति लिए पैदा होते हैं। वे अपनी चीज किसी के द्वारा छू भर देने से हंगामा मचा देते हैं। जमीन में पसर जाते हैं। गला फाड़कर चिल्लाने, हाथ-पैर पटकने लगते ...
Dussehra 2023: कब है विजयदशमी, जाने तारीख और दशहरे का महत्त्व, रावण दहन मुहूर्त
Dussehra 2023 Date: दशहरा या विजयादशमी के त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। दरअसल दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था, और भगवान श्रीराम ने भी इसी ...
कहानी: होमवर्क
डब्बू कभी भी अपना होमवर्क पूरा करके स्कूल नहीं जाता था। होमवर्क पूरा न करने के कारण स्कूल में उसे रोज डांट सुननी पड़ती थी और मार भी खानी पड़ती थी लेकिन वह अपनी आदत नहीं सुधारता था। मां जब उसे समझाती तो वह कहता, 'दूसरे बच्चे भी तो होमवर्क पूरा करके नहीं...
पेड़ों की शाखाओं से बने पुल है सबसे मजबूत
भारत में कई ऐसी रहस्यमयी चीजे है, जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। आपने कई पुल और ब्रिज देखे होंगे। अब आपको एक ऐसे रहस्य पुल के बारे में बताने जा रहे है, जिसे सुनने के लिए आप भी इच्छुक होंगे। दरअसल भारत के पूर्वोत्तर राज्य मेघालय में घने जंगल...
दालों में घटबढ़,चीनी,गेहूं में गिरावट
नई दिल्ली (एजेंसी)।
विदेशी बाजारों में रही घटबढ़ के बीच घरेलू स्तर पर ग्राहकी सामान्य रहने से बीते सप्ताह दिल्ली थोक जिंस बाजार में खाद्य तेलों में टिकाव रहा। सप्ताह के दौरान दालों में घटबढ़ रही जबकि गेहूं ,चीनी और गुड़ में नरमी रही। चना में टिकाव रहा।...
नशा नेस्तनाबूत को निकला एक फकीर..
नशा नेस्तनाबूत को निकला एक फकीर।
दम तोड़ते ड्रग का, मानो हुआ आखीर।।
मानो हुआ आखीर, खीर अमृत वाणी की।
खैर नहीं अब रहे, नर्कों की नानी की।।
यूथ भविष्य देश का, न होगी अब दुर्दशा।
सुन-सुन डेप्थ का सांग, छुट जाएगा नशा।।
"संजय बघियाड़ "
अन्य ...
अलग-अलग देशों में अभिवादन की अनोखी परंपरा
सच कहूँ डेस्क। अपने प्रियजनों या दोस्तों से मुलाकात होने पर, अजनबियों से मिलने पर, किसी व्यापारिक या व्यावसायिक समारोहों के दौरान लोग अक्सर एक दूसरे से हाथ मिलाकर (हैंडशेकिंग) अभिवादन करते हैं। यह स्वाभाविक रूप से पश्चिमी देशों की प्रथा रही है, और वि...
पसीने की कीमत
खुशहालपुर में नारायण नाम का एक अमीर साहूकार रहता था। उसका एक बेटा और एक बेटी थी। लड़की की शादी हुए तीन साल हो गये थे और वह अपने ससुराल में खुश थी। लड़का राजू गलत संगत में बिगड़ चुका था। अपने पिता के पास बहुत पैसा है यह उसे घमंड हो गया था। दिनभर अपने आवा...
Life Success: कविता : जीवन की सफलता…
है जिन्दगी रेगिस्तान की माफिक,
मृगतृष्णा-सी सारे वादें हैं।
सच्चे रिश्ते हैं क्षण-भंगुर,
सबकुछ यहां छलावा है।।...
मुखौटे के पीछे आदम,
सच तो जैसे इक सपना है।
अजनबी-से चेहरे सारे,
कौन यहां पर अपना है?...
कठपुतली के मानिंद हैं सब,
किसकी चलती मर...
Chanda aur Suraj : चंदा और सूरज
सू रज बहुत सुन्दर लड़का था और चंदा एक सुन्दर लड़की। दोनों को एक दूसरे से प्रेम हो गया सो उन्होंने विवाह कर लिया। उनके एक लड़की हुई जो मां की तरह सुन्दर पिताजी की तरह हंसमुख थी। दोनों उसे अत्यधिक प्यार करते। उन्होंने उसका नाम पृथ्वी रखा। सारे तारे पृथ्वी...
जल्द आ जाओे MSG, आपकी राह देख रहा संसार
निंदा-चुगली से छोड़ो करना प्यार
तो जल्द आएंगे MSG
करो बुराइयों से तौबा बार-बार
तो जल्द आएंगे MSG
छोड़ो जीवों पे करना अत्याचार
तो जल्द आएंगे MSG
छोड़ो नशों का व्यापार
तो जल्द आएंगे MSG
दो 156 मानवता भलाई कार्यों को रफ्तार
तो जल्द आएंगे MSG
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नल का महत्त्व
कहानी लेखक: (उर्वशी)
चीकू खरगोश, मीकू बंदर, डंकू सियार और गबदू गधा एक मैदान में फुटबाल खेल रहे थे। तभी गबदू गधे ने एक जोरदार किक मारी तो फुटबाल हवा में लहराता हुआ मैदान के बाहर जा गिरा और उछलता हुआ पानी से भरे एक गड्डे में चला गया।
फुटबाल लाने मीकू...
कसाईखाना
वशु के बापू, जरा सुनना तो...नानकी ने बान की झोल खाती हुई खटिया पर सोए बेटे विशाल को मैली-सी पुरानी चादर उढ़ाते हुए आवाज लगाई।
‘हाँ कहो क्या बात है?’ कोठरी के बाहर ही टाट के परदे की आड़ में नहाते हुए मंगलू ने पूछा।
-आज इन दो बूढ़ी हो चुकी बकरियों और एक...