आसमान से बरसे अंगारे, पैरों तले सुलगती रही धरा

Heavy skies from the sky;
  •  तपा हनुमानगढ़, 44 डिग्री पहुंचा पारा

हनमानगढ़। पश्चिमी राजस्थान में करीब एक सप्ताह से भयंकर तपिश व लू का दौर जारी है। बीकानेर संभाग में सबसे अधिक तपिश व गर्मी का प्रभाव बना हुआ है। भीषण लू के कारण जनजीवन बड़े स्तर पर प्रभावित हो रहा है। हनुमानगढ़ जिले में भी सूर्यदेव आग उगल रहे हैं। मंगलवार को हनुमानगढ़ जिले में पारा 44 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचने से जिले में फिर से आसमान से आग बरसती रही।

मौसम वैज्ञानिकों ने आगामी तीन-चार दिनों तक तपिश, लू व गर्मी का प्रभाव बने रहने की संभावना व्यक्त की है। हनुमानगढ़ क्षेत्र में सुबह सूर्योदय के साथ ही तपिश व गर्मी का प्रभाव पड़ना शुरू हो जाता है जो कि रात तक जारी रहता है। दोपहर में बदन झुलसा देने वाली लू और तपिश का प्रभाव रहता है। इससे हर कोई परेशान नजर आ रहा है। दोपहर में मजबूरी में ही लोग जरूरी कामों के लिए घरों से बाहर निकल रहे हैं।

  • शीतल पेय पदार्थों का ले रहे हैं सहारा

गर्मी के तीखे तेवर के बीच दोपहर में सड़कें भी सूनी नजर आती हैं। हाइवे पर भी इक्का-दुक्का वाहन ही आते-जाते दिखाई देते हैं। हीटवेव के चलते लोग शीतल पेय पदार्थों का सहारा ले रहे हैं और गर्मी से बचने का प्रयास कर रहे हैं। उधर ग्रामीण क्षेत्रों में लोग खेतों में जाने के लिए तो मजबूर हैं लेकिन ऐसी भयंकर गर्मी को देखते हुए बचने की तमाम प्रयास कर रहे हैं।

हालांकि सुबह बादलवाही के कारण लग रहा था कि तापमान कुछ नीचे आएगा लेकिन तेज गर्मी और धूप ने तपिश बढ़ा दी। पैरों तले धरा सुलगती रही, वहीं आसमान से आग बरसाते सूर्य ने आमजन, विशेष रूप से खुले में निकले लोगों को खासा परेशान किया। दोपहर में चारदीवारी के भीतर पंखे और कूलर भी गर्मी से अधिक राहत नहीं दे पाए। देर शाम तक गर्म हवा के थपेड़े महसूस होते रहे।

देर रात तक घरों की दीवारें धधकती रही। गर्म हवा के बीच बाजारों में सन्नाटा छाया रहा और लोग घरों में कैद रहे। दोपहर को बाजारों में गिने-चुने ही लोग नजर आए। वहीं दोपहर होने तक सड़कों पर लोगों की आवाजाही मानो अघोषित कर्फ्यू लगा होने का अहसास करा रही है। दोपहर में हर कोई छांव की तलाश में है तो सूर्यास्त से लेकर देर रात तक गर्म हवा के थपेड़े माना नश्तर की तरह चुभ रहे हैं।

  • क्या होती है लू

बीते कुछ दिनों से लू का प्रकोप जारी है। नॉर्थ-ईस्ट और पश्चिम से पूर्व की ओर चलने वाली गर्म हवाओं को लू कहते हैं। ऐसी दिशा से आने वाली हवाएं शरीर में पानी और नमक की मात्रा को कम कर देती हैं। लू लगने से इंसानों के शरीर को बेहद नुकसान पहुंचता है। शरीर के मेटाबॉलिज्म को ध्यान में रखें तो यह लक्षण अलग-अलग आदमी पर अलग-अलग तरीके से दिखाई देते हैं। यह जरूरी नहीं सबमें एक ही लक्षण दिखाई दें। कम या हल्की लू लगने का एक लक्षण होता है। लगातार पसीना आना। कई बार हम यह पता नहीं कर पाते कि हमें लू लगी है या नहीं।

 

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