महान शहीद श्याम सुंदर इन्सां और भगत शहीद दीपक इन्सां की पुण्यतिथि पर किए मानवता भलाई कार्य

महान शहीदों की याद में सात जरुरतमंद परिवारों को बांटा राशन और वातावरण की शुद्धता के लिए किया पौधारोपण

बठिंडा। (सच कहूँ/सुखनाम) डेरा सच्चा सौदा, सरसा के महान शहीद श्याम सुंदर इन्सां की 15वीं और भगत शहीद दीपक इन्सां की 12वीं पुण्यतिथि पर रविवार को बठिंडा के मलोट रोड पर स्थित नामचर्चा घर में नामचर्चा कर शहीदों को श्रद्धा के फूल भेंट किए गए। नामचर्चा के बाद शहीदों के पारिवारिक सदस्यों द्वारा 7 जरुरतमंद परिवारों को राशन बांटा गया और वातावरण की शुद्धता के लिए पौधे लगाए गए। इस मौके पर पहुंची बड़ी संख्या में साध-संगत ने कविराज भाईयों द्वारा की गई शब्दवाणी को श्रद्धापूर्वक श्रवण किया और डेरा सच्चा सौदा के पवित्र ग्रंथ में से संतों-महात्माओं के अनमोल वचन पढ़कर सुनाए गए। इससे पूर्व ब्लॉक बठिंडा के 15 मैंबर अश्वनी इन्सां ने ‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ पवित्र नारा बोलकर नामचर्चा की शुरुआत की।

इस मौके पर सम्बोधित करते हुए 45 मैंबर पंजाब गुरमेल सिंह इन्सां ने कहा कि डेरा सच्चा सौदा के महान शहीद श्याम सुंदर इन्सां और भगत शहीद दीपक इन्सां की पुण्यतिथि पर साध-संगत उनकी कुर्बानी को सजदा करती है। ब्लॉक बठिंडा के यह हीरे सेवादार अपनी जान की परवाह न करते हुए सतगुरु के चरणों में ओढ़ निभा गए। उन्होंने कहा कि पिता प्यारा लाल और माता मूर्ति देवी के सुपुत्र श्याम सुंदर इन्सां 2007 में उस समय अपनी जान कुर्बान कर गए थे जब शरारती तत्वों ने डेरा सच्चा सौदा की धार्मिक आजादी पर हमले किए, बेवजह साध-संगत को तंग-परेशान करने के अलावा नामचर्चा रोकने से भी गुरेज नहीं किया। ऐसे जुल्म को न सहते हुए श्याम सुंदर इन्सां ने शहीदी जाम पिया और साध-संगत पर हो रहे जुल्म को रोका। जिनका नाम डेरा सच्चा सौदा के इतिहास में सुनहरी अक्षरों में लिखा गया है।

भगत शहीद दीपक इन्सां के पारिवारिक सदस्य और जिम्मेवार सेवादार जरुरतमंद परिवारों को राशन वितरित करते हुए।

भगत शहीद दीपक इन्सां को श्रद्धा के फूल भेंट करते हुए उन्होंने कहा कि दीपक इन्सां बहुत ही नम्र स्वभाव का सेवादार था और हर समय सेवा के लिए तत्पर रहता था। केवल 24 वर्ष की छोटी उम्र में मानवता की सेवा में अपना बड़ा नाम कमाने वाले दीपक इन्सां बेशक आज हमारे बीच नहीं है परंतु उस जाबांज सेवादार की याद हमारे दिलों में हमेशा बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब में नशों का दरिया बह रहा है। जवानी दिन-ब-दिन तबाह हो रही है। परंतु डेरा सच्चा सौदा के युवा सेवादार अपनी जवानी मानवता भलाई कार्यों में लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधि का विधान है कि हर किसी ने इस नाशवान संसार से जाना जरुर है, परंतु जाने-जाने में भी फर्क होता है।

कई लोग गुमनामी के अंधेरे में आते हैं और वैसे ही चले जाते हैं परंतु कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनका नाम रहती दुनिया तक लोग याद रखते हैं, ऐसे ही थे हमारे ब्लॉक बठिंडा के ये अति प्यारे सेवादार जो अपना नाम डेरा सच्चा सौदा के इतिहास में सुनहरी अक्षरों में दर्ज करवा गए। सलाम करते हैं हम ऐसे परमार्थ के सच्चे योद्धाओं के परिवारों को जिन्होंने इतना बड़ा दुख सहा और आज भी साध-संगत के साथ मिलकर मानवता भलाई कार्यों में लगे हुए हैं। उन्होंने इस नामचर्चा में हाजरी लगवाने के लिए पहुंची साध-संगत, रिश्तेदार, शुभूच्छुओं का तहदिल से धन्यावाद किया। इस मौके पर गर्मी के मौसम को देखते हुए साध-संगत के लिए ठंडे-मीठे पानी की छबील भी लगाई गई।

महान शहीद श्याम सुंदर इन्सां के पारिवारिक सदस्य और जिम्मेवार सेवादार जरुरतमंद परिवारों को राशन वितरित करते हुए।

इस मौके पर महा शहीद श्याम सुंदर इन्सां और भगत शहीद दीपक इन्सां के पारिवारिक सदस्य, 45 मैंबर पंजाब गुरदेव सिंह इन्सां, जसवंत सिंह ग्रेवाल इन्सां, सेवक इन्सां गोनियाना, 45 मैंबर पंजाब बहन माधवी इन्सां, अमरजीत इन्सां, सुखविंद्र कौर इन्सां, चरणजीत इन्सां, विनोद इन्सां, सुखविंद्र इन्सां, जिला 25 मैंबर, जिला सुजान बहनें, 15 मैंबर, सुजान बहनें, सहयोगी बहनें, एरिया भंगीदास भाई और बहनें, शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के जिम्मेवार, अलग-अलग समितियों के जिम्मेवार और सेवादार उपस्थित थे।

ब्लॉक बठिंडा की साध-संगत द्वारा हर वर्ष शहीदों की पुण्यतिथि पर मानवता भलाई कार्य किए जाते हैं आज भी यहां नामचर्चा घर में शहीदों की याद में नामचर्चा करवाई गई। इस दौरान शहीद परिवारों और साध-संगत द्वारा मानवता भलाई कार्यों के तहत जरुरतमंदों को राशन बांटा गया और वातावरण की शुद्धता के लिए पौधारोपण किया गया।
माधवी इन्सां, 45 मैंबर, पंजाब।

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