विवादों पर स्थिति स्पष्ट हो
होना तो यह चाहिए था कि सर्वदलीय पार्टी मीटिंग के बाद किसी भी प्रकार के मतभेद की गुंजाईश न रहे लेकिन हुआ इससे विपरीत। सर्वदलीय मीटिंग के बाद सरकार व विपक्षी दलों के जमकर ब्यानबाजी हो रही है, जो अभी तक रूकी नहीं।
वनों को आग से बचाने के लिए बने ठोस नीति
वनों के बिना धरती दिवस मनाने का कोई महत्व नहीं रह जाएगा। वनों की तबाही के होते विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। बेहतर हो यदि अमीर देश व अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं वनों को बचाने के लिए कोई ठोस मुहिम चलाएं, हर घटना पर चुप रहने से समस्या का निराकरण नहीं हो सकता।


























