बजट में स्वास्थ्य पर हो ज्यादा सुधार
सर्वे के अनुसार अर्थव्यवस्था को कोरोना काल से पूर्व की स्थिति में लाने के लिए कम से कम दो साल लगेंगे लेकिन जिस प्रकार के हालात हैं, उनमें अर्थव्यवस्था को सामान्य होने में दो साल से ज्यादा भी लग जाएं तो कोई आश्चर्य की बात नहीं।
तूफान पीड़ितों पर राजनीति न कर मदद की जाए
इस मामले में दोनों पक्षों को चुनावी फायदे को एक तरफ रखकर इंसानियत, नैतिक व कानूनी जिम्मेदारी के साथ पीड़ित लोगों की मदद करनी चाहिए।
सर्तकता में ही बचाव
इस बुरे वक्त में सरकार, प्रशासन, निजी कंपनियों, आमजन सबको बहुत ही सर्तकता से अपना काम करना है। जरा सी भूल से जहां कोरोना की मार पड़ सकती है वहीं विसाखापत्तनम या ओरंगाबाद रेल हादसे जैसी कोई त्रासदी भी घटित हो सकती है।
























