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Wednesday, December 17, 2025
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    कच्चे धागों का पक्का बंधन

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    लैंगिक भेदभाव को मिटाने की चुनौती

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    स्त्रियों के अधिकार के प्रति हमारा समाज अब उतना रूढ़ नहीं रहा, जितना कछेक दशक पूर्व था। कुछ समस्याओं को छोड़ दें तो आज महिलाओं को आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर मिल रहे हैं। स्त्री-शिक्षा के व्यापक प्रसार ने स्त्रियों को अपने व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास के समुचित अवसर प्रदान किया है और उन्हें रूढ़िवादी विचारों से काफी सीमा तक मुक्त भी किया है।
    Increasing expectations towards the Paris Agreement

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    अमर प्रेम से कटी पतंग तक

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    सबसे पहले उसने दक्षिण भारतीयों को मराठी मानुष के दुश्मन के रूप में देखा फिर वामपंथियों, बिहारियों, मुसलमानों आदि का नंबर आया। उदारवादियों का मानना है कि सत्ता में बने रहने के लिए सेना गिरगिट की तरह रंग बदल देगी किंतु यह इतना आसान नहीं है।

    परिवार ही घर को मन्दिर बनाता है

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