हमसे जुड़े

Follow us

12.3 C
Chandigarh
Sunday, December 21, 2025
More
    Heaven creation

    प्रेरणास्त्रोत: स्वर्ग की सृष्टि

    0
    उसने उनसे भी स्वर्ग जाने का उपाय पूछा, साथ ही स्वर्ग जाने के उद्देश्य से किए जाने वाले प्रयासों की चर्चा की। संत ने उस व्यक्ति को ध्यानपूर्वक ऊपर से नीचे तक देखा और उपेक्षा से कहा, 'तुम स्वर्ग जाओगे? तुम तो देखने से ही नीच लग रहे हो।

    नाकाफी रहा स्थिरता के साथ सुशासन

    0
    यह मान्यता रही है कि ऐसी पार्टियां उद्देश्य में बहुत सीमित रहती हैं बावजूद इसके केन्द्र में इनकी भूमिका भी बड़े पैमाने पर समय-समय पर देखी गयी है। भारत की राजनीति के क्षितिज में गठबंधन की सरकार क्षेत्रीय दलों की सरकार और एक दल की सरकार की अवधारणा बीते सात दशकों से देखी जा सकती है।
    Citizenship Amendment Protest

    असंतोष की सर्दी: नागरिक बनाम धारा 144

    0
    एक जीवंत लोकतंत्र नागरिकों के विरोध प्रदर्शन अथवा सभी की राय और सहमति-असहमति का सम्मान करता है। इस बडी राजनीतिक चुनौती के समक्ष सरकार को सभी पक्षों के साथ वार्ता शुरू करनी चाहिए और लोकतंत्र में लोगों के विश्वास को बहाल करने के लिए तालमेल स्थापित करना चाहिए।
    APJ Abdul Kalam

    प्रेरणा स्रोत: प्रकृति से मिली प्रेरणा

    0
    तभी उनके मित्र ने उनसे कहा, ‘दोस्त, सागर में ऐसा क्या है जिसे तुम इतना गौर से देख रहे हो।’ कलाम मुस्कुरा कर बोले, ‘सागर का सौंदर्य और उसमें छिपा संदेश मेरे लिए प्रेरणा का केंद्र है और हमेशा रहेगा।’
    Expect relief in general budget

    आम-बजट में राहत की उम्मीदें

    0
    वित्तमंत्री से इस बार प्रस्तुत होने वाले बजट में राहत की दरकार भी है और उम्मीद भी। इस बार भी यदि यह बजट जनभावनाओं पर खरा नहीं उतरा तो देश का आर्थिक धरातल चरमरा सकता है।
    Henry-Ford

    प्रेरणास्त्रोत : मालिक और ग्राहक

    0
    एक बार वह किसी निजी काम से लंदन गए। लोगों को यह जानकर आश्चर्य हुआ कि वह फोर्ड में नहीं बल्कि रॉल्स रॉयस कार में घूम रहे थे।
    Singer-actor Arun Bakshi

    दर्शकों के टेस्ट के हिसाब से ही बदला है सिनेमा

    0
    पूरे देश में आगजनी, बसे-कारें जलाई जा रही हैं। पुलिसकर्मियों और राहगीरों पर पत्थरबाजी हो रही है। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को लगता है कि एक्ट उनके खिलाफ है।

    प्रेरणास्त्रोत:  पत्नी की प्रेरणा

    0
    साल खत्म होते-होते उन्होंने महान उपन्यास 'द स्कार्लेट लैटर' लिख डाला। आज भी इस महान लेखक को इस उपन्यास से पहचाना जाता है।
    life

    जिन्दगी क्यों भार स्वरूप लगने लगती है?

    0
    कितनी ही बार बड़े काम आसानी से हो जाते हैं, पर छोटी चीजें देर तक अटकाए रहती हैं। बड़ी मुसीबतें और दुख झेल लिए जाते हैं, छोटे-छोटे दुखों से उबरना कठिन हो जाता है। दरअसल शुरू में हमें छोटे कामों की अहमियत ही नहीं पता चलती।

    प्रेरणास्त्रोत : मां का प्रेम

    0
    पर तुम कैसे कह सकती हो कि मैं चक्रवर्ती सम्राट बनूंगा?’ मां ने कहा, ‘देख तेरे सामने के दांत पर नाग का चिह्न है।’ चाणक्य ने आईने में देखा तो मां की बात सही निकली।

    ताजा खबर

    Kairana News

    ‘खुशहाल जीवन के लिए नशे से दूरी, बेहद जरूरी’

    0
    ऑपरेशन सवेरा के तहत उच्च ...
    Kaithal News

    पाई डबल मर्डर: दो आरोपियो ने किया आत्मसमर्पण

    0
    300 गज जमीन के विवाद में ...
    Kairana News

    ग्रामीण ने की बाजार से अवैध अतिक्रमण हटवाने की मांग

    0
    कैराना (सच कहूँ न्यूज़)। K...